Family Health

समझें सूजन के संकेत (Everything You Need To Know About Swelling)

सूजन (Swelling) अपने आपमें कोई बीमारी नहीं है, लेकिन ये शरीर में किसी असामान्यता या बीमारी का संकेत हो सकती है, इसलिए सूजन के कुछ संकेतों को ज़रूर जानें-समझें, ताकि सही समय पर इलाज करा सकें.

कभी-कभी शरीर के किसी ख़ास हिस्से में या पूरे शरीर में सूजन आ जाती है. कई बार सूजन के साथ दर्द भी होता है, पर अक्सर सूजन को हम नॉर्मल बात मानकर पेनकिलर खाकर या घर पर ही मसाज वगैरह करके इसकी अनदेखी कर देते हैं, लेकिन आप ऐसी लापरवाही न बरतें. शरीर में सूजन कई बीमारियों का संकेत भी हो सकती है. इन संकेतों को समझें और सही इलाज करवाएं.

क्यों होती है सूजन?

सूजन को मेडिकल भाषा में एडीमा कहते हैं. शरीर में एक्स्ट्रा फ्लूइड जमा होने या वॉटर रिटेंशन होने से सूजन आने लगती है. हालांकि सूजन शरीर के किसी भी हिस्से में आ सकती है, लेकिन अधिकतर ये हाथ-पैर, कंधे, टखने या पंजे में ही दिखाई देती है.

लक्षण

* मांसपेशियों में सूजन या पफीनेस, ख़ासकर पैरों और कंधों पर.

* स्किन तनी हुई दिखाई देना.

* शाइनी स्किन.

* कुछ सेकंड के लिए दबाकर रखने पर वहां गड्ढे-सा बनना.

* पेट फूला हुआ लगना.

कब जाएं डॉक्टर के पास?

वैसे तो किसी भी तकलीफ़ को छोटा समझकर घर बैठना समझदारी नहीं है, इसलिए निम्न स्थिति होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें.

* चेहरे या शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय से बनी हुई सूजन को अनदेखा करना समझदारी नहीं है.

* यदि शरीर में बार-बार पानी एकत्र हो रहा है, तो यह हृदय, लिवर या किडनी की किसी समस्या का संकेत हो सकता है

* शरीर के किसी भी अंग में एक सप्ताह से ज़्यादा सूजन रहने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

* पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सूजन की समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है. ऐसा इसलिए होता है कि पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं में वसा का अनुपात ज़्यादा होता है और वसा कोशिकाएं अतिरिक्त पानी संचित कर लेती हैं.

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सूजन के कारण

* दिल से जुड़ी बीमारियों, किडनी प्रॉब्लम, हार्मोनल इम्बैलेंस और स्टेरॉयडयुक्त दवाओं के सेवन की वजह से सूजन की समस्या हो सकती है.

* दरअसल, इन सभी स्थितियों में हमारी किडनी सोडियम को संचित करने लगती है, जिससे सूजन की समस्या बढ़ जाती है.

* हालांकि कुछ महिलाओं को पीरियड्स के एक सप्ताह पहले भी सूजन की प्रॉब्लम हो जाती है. इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से वॉटर रिटेंशन होने लगता है और सूजन हो जाती है.

* इसके अलावा अनियमित लाइफस्टाइल और खानपान संबंधी गड़बड़ी भी इसकी बड़ी वजह है.

कहां सूजन का क्या हो सकता है मतलब?

चेहरे पर सूजन

इसके कई कारण हो सकते हैं, मसलन- फ्लूइड इकट्ठा होना, चोट लगना, किसी तरह का संक्रमण या फिर कैंसर. यह सूजन गाल, आंख व होंठों के पास भी होती है. इसे मेडिकल साइंस में फेशियल एडिमा कहते हैं. यदि चेहरे की सूजन थोड़े समय के लिए हो, तो ऐसा किसी संक्रमण के कारण हो सकता है, पर बार-बार ऐसा होने के साथ-साथ चेहरा लाल हो जाए, बुख़ार या सांस लेने में भी परेशानी हो, तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सलाह लें.

पैरों में सूजन

पैरों में सूजन के भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे- मोच, लंबी दूरी तक सैर या यात्रा करना, ज़्यादा देर तक खड़े रहना या पैर लटकाकर बहुत देर तक बैठना, बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ या फिर खेल-कूद आदि. लेकिन अचानक एक या दोनों पैरों में भारी सूजन हो जाए, साथ में लाली और जलन हो तथा चलने-फिरने पर पैर में खिंचाव जैसे लक्षण भी दिखाई दें. तो ये डीप वेन थ्रोम्बोसिस का संकेत हो सकता है. इसमें पैरों की नसों में ब्लड क्लॉट हो जाता है. पुरुषों की तुलना में महिलाएं इसकी शिकार ज़्यादा होती हैं. नियमित व्यायाम न करना, गर्भनिरोधक दवाओं का अधिक सेवन, हार्मोनल असंतुलन, हाई हील पहनना आदि इसके कारण हैं.

हाथों में सूजन

बड़ी उम्र में मेटाबॉलिज़्म कम होने के कारण हाथों व उंगलियों में सूजन होना एक आम समस्या है, जो कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में यह सूजन लिवर व किडनी रोग का संकेत भी होती है. इसके अतिरिक्त ये हृदय रोग, गठिया, रक्त विकार, हाइपोथायरॉइड, रुमेटाइड आर्थराइटिस के ख़तरे का भी संकेत है. इस स्थिति में शरीर के विभिन्न जोड़ों में सूजन आ जाती है. अगर सूजन लंबे समय तक रहे और सामान्य व्यायाम व मसाज से आराम न मिले, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.

आंखों के आसपास सूजन

आंखों की सूजन ज़्यादातर इंफेक्शन, एलर्जी, कॉर्नियल अल्सर, कंजक्टिवाइटिस, ट्यूमर बनने या वायरल इंफेक्शन के कारण होती है. इसके अलावा नींद की कमी, घंटों कंप्यूटर पर काम करना, स्ट्रेस, सोडियम का अत्यधिक सेवन, थायरॉइड की समस्या आदि के कारण भी आंखों में सूजन हो जाती है. आंखों के आसपास सूजन के साथ बुख़ार आना, वज़न घटना. सिरदर्द, शरीर के अन्य भागों में चकत्ते निकलना आदि लक्षण भी दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर को कंसल्ट करें.

पेट में सूजन

पेट में सूजन पेट संबंधी गड़बड़ी, जैसे- कब्ज़, गैस और फूड एलर्जी के कारण हो सकती है. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में सूजन की शिकायत रहती है. अधिक फास्ट व जंक फूड के सेवन से भी ऐसा होता है. वैसे अधिकतर मामलों में पेट में सूजन बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन पेट में सूजन के साथ उल्टी-बुख़ार भी हो, पेट का आकार अचानक बहुत बड़ा लगने लगा हो, अक्सर डायरिया की शिकायत रहती हो, स्टूल के साथ ब्लड जाता हो और पेशाब का रंग पीला हो, तो ये किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं. ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं.

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क्या करें?

* नॉर्मल सूजन की स्थिति में लाइफस्टाइल व खानपान में बदलाव करके सूजन से राहत पाई जा सकती है.

* अधिक नमक खाने से बचें. नमक से वॉटर रिटेंशन होता है, जिससे सूजन बढ़ सकती है.

* वज़न पर नियंत्रण रखें. इसके लिए खानपान का ख़ास ख़्याल रखें और नियमित एक्सरसाइज़ की आदत डालें.

* कई बार पोषण की कमी भी सूजन का कारण बनती है, इसलिए अपनी डायट में हरी सब्ज़ियां और फल शामिल करें.

* कैफीन से बचें. चाय-कॉफी का सेवन कम करें. इसकी बजाय अजवायन की चाय पीएं.

* शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखें. इसमें विटामिन बी-6 मददगार है. ब्राउन राइस व रेड मीट विटामिन बी-6 के अच्छे स्रोत हैं, इन्हें अपनी डायट में शामिल करें.

* विटामिन बी-5, कैल्शियम और विटामिन डी सूजन को कम करने में फ़ायदेमंद हैं. नियमित रूप से कुछ देर धूप में बैठें.

* कैल्शियम टेस्ट कराएं. कैल्शियमयुक्त आहार दूध, दही, मछली, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, अंजीर आदि को डायट में शामिल करें.

* अगर ज़रूरत हो, तो डॉक्टरी सलाह पर कैल्शियम सप्लिमेंट लें.15

सूजन के लिए होम रेमेडीज़

* एक ग्लास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी और मिश्री मिलाकर पीने से दो-तीन दिन में सूजन कम हो जाती है. अगर अक्सर सूजन की समस्या रहती है, तो लगातार छह महीने तक रोज़ाना हल्दीवाला दूध पीएं.

* जौ का पानी पीने से वॉटर रिटेंशन से छुटकारा मिलता है और सूजन कम होती है. एक लीटर पानी में एक कप जौ उबाल लें और ठंडा करके दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीएं.

* 10 ग्राम सोंठ और पुराना गुड़ मिलाकर खाते रहने से कुछ ही दिनों में सूजन से राहत मिलती है.

* नियमित रूप से खजूर और केला खाएं. इससे सूजन कम होती है.

* गुनगुने पानी के साथ 1/4 चम्मच हल्दी पाउडर फांकें.

* जीरा और शक्कर को समान मात्रा में लेकर पीस लें. दिनभर में तीन-चार बार इसकी फंकी लेने से सूजन में आराम आता है.

* पानी में गेहूं डालकर उबाल लें. इससे सूजनवाली जगह धोएं. कुछ ही दिनों में सूजन से छुटकारा मिल जाएगा.

* गोबर के उपलों को जलाकर उसकी राख का लेप करने से भी सूजन कम होती है.

* गर्म पानी में नमक मिलाकर इसमें कपड़ा डुबोकर सूजनवाली जगह पर सेंक करें. सूजन कम हो जाएगी.

– प्रतिभा तिवारी

Usha Gupta

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