एग्ज़ाम का नाम सुनते ही बच्चों के साथ मम्मियों की भी टेंशन बढ़ जाती है. इसीलिए हमने जुटाए हैं एग्ज़ाम की टेंशन दूर करने के स्मार्ट टिप्स ताकि बच्चे बिना तनाव के पढ़ाई पर फोकस कर सकें और क्लास में अव्वल भी आएं.
कैसे करें एग्ज़ाम की तैयारी?
सफलता के लिए तैयारी ज़रूरी है, इस बात को ध्यान में रखें और बच्चों के साथ एग्ज़ाम की तैयारी में जुट जाएं. तैयारी अच्छी होगी, तभी बच्चे अच्छे नंबर से पास हो पाएंगे. बच्चों के साथ मिलकर कैसे करें एग्ज़ाम की तैयारी? बता रही हैं करियर काउंसलर मालिनी शाह.
स्टडी मटेरियल जुटाएंः बहुत कम बच्चे ऐसे होते हैं, जो रोज़ाना पढ़ाई करते हैं. ज़्यादातर बच्चे एग्ज़ाम के दौरान पढ़ लेंगे, ये सोचकर खेल-कूद में लगे रहते हैं. ऐसे में एग्ज़ाम क़रीब आते ही वो स्टडी मटेरियल की तलाश में जुट जाते हैं, जिससे उनका सारा समय स्टडी मटेरियल जुटाने में ही बर्बाद हो जाता है और वो पढ़ नहीं पाते. अतः एग्ज़ाम के महीनेभर पहले ही बच्चों के साथ मिलकर उनका स्टडी मटेरियल इकट्ठा कर लें ताकि एग्ज़ाम के दौरान वो अपना ज़्यादा समय पढ़ाई को दे सकें.
टाइम टेबल सेट करें
पढ़ाई शुरू करने से पहले बच्चों के साथ मिलकर उनका स्टडी टाइम टेबल सेट करें. इससे उन्हें पढ़ने में आसानी होगी. टाइम टेबल सेट करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखेंः
स्टडी ब्रेक भी है ज़रूरी
दिन-रात पढ़ने पर ही बच्चे पास होते हैं, इस ग़लतफ़हमी में न रहें. हर 40 से 45 मिनट के बाद उन्हें छोटा ब्रेक लेने को कहें. इस दौरान उन्हें पानी पीने को कहें. चाहें तो अपनी जगह से उठकर एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं या फिर माइंड रिफ्रेश करने के लिए उन्हें लाइट म्यूज़िक सुनने को कह सकती हैं. इससे थोड़े समय के लिए उनका मन बहल जाएगा, मगर ध्यान रहे, बहुत ज़्यादा देर के लिए उन्हें टीवी या गार्डन में खेलने की इजाज़त न दें, इससे उनका माइंड डाइवर्ट हो सकता है.
फ्रेशनेस के लिए करें एक्सरसाइज़ एक ही जगह बैठे रहने से बॉडी पेन की शिकायत भी हो सकती है. इसलिए उन्हें थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर अपनी जगह से उठने और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ करने को कहें. चाहें तो अपने स्टडी टेबल की साफ़-सफ़ाई करके भी वो थोड़े समय के लिए रिफ्रेश हो सकते हैं.
है आराम की भी ज़रूरत
काम करते-करते जब मशीनें थक जाती हैं, तो बच्चे तो ख़ैर बच्चे हैं, इसलिए उन्हें भी पढ़ने, खेलने, सोने के साथ ही कुछ समय आराम करने को भी कहें. आराम करने से वो तरोताज़ा महसूस करेंगे और पढ़ाई पर पूरा फोकस कर पाएंगे.
इनसे परहेज़ करेंः
कैसा हो बच्चों का डायट प्लान?
जिस तरह मौसम के अनुसार आप बच्चों के डायट प्लान में बदलाव करती हैं, उसी तरह एग्ज़ाम के दौरान भी उनके डायट प्लान में बदलाव लाएं ताकि उनका दिमाग़ तेज़ी से चले और वो पढ़ाई में भी अव्वल रहें. एग्ज़ाम के दौरान कैसा हो बच्चों का डायट प्लान? जानने के लिए हमने बात की न्यूट्रीशनिस्ट एवं डायट कंसल्टंट शिल्पा मित्तल से.
शुरुआत करें हेल्दी ब्रेकफास्ट सेः बच्चों के दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट से करें. सुबह उठने के बाद बच्चों को नाश्ते में प्रोटीनयुक्त आहार दें जैसे- दूध, मिल्कशेक, पनीर, टोफू, अंडा, सोया, अंकुरित मूंग, चना आदि. हेल्दी ब्रेकफास्ट से बच्चे दिनभर एक्टिव रहेंगे और एनर्जी से भरपूर भी.
हैवी नहीं हेल्दी फूड दें
लंच या डिनर के नाम पर थाली में बहुत ज़्यादा हैवी फूड न परोसें और ना ही फूड की डिफरेंट वैरायटी की कतार लगाएं. हैवी की बजाय बच्चों को हेल्दी फूड परोेसें, परंतु एकसाथ नहीं, थोड़े-थोड़े अंतराल पर, जैसे- फ्रेश फ्रूट्स, फ्रूट जूस, फ्रूट्स या वेज सलाद, ड्राई फ्रूट्स, नट्स, सूप, ब्राउन राइस, दाल, हरी सब्ज़ी, गाजर, अंडा, फिश आदि.
बच्चों को हाइड्रेट रखें
पढ़ाई के दौरान बच्चों के शरीर में नमी बरक़रार रहे इसलिए उन्हें हाइड्रेट करती रहें. उनके सामने पानी से भरी बोतल रखें. चाहें तो पानी की बजाय फ्रूट जूस, नींबू पानी, छाछ, लस्सी, नारियल पानी, गाजर-बीटरूट का जूस, सूप आदि भी दे सकती हैं. इससे वो हाइड्रेट रहेंगे और एनर्जेटिक भी.
स्ट्रेस लेवल कम करें
एग्ज़ाम का नाम सुनते ही बच्चों का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है. स्ट्रेस की वजह से बच्चे पढ़ाई की तरफ़ ध्यान नहीं दे पाते. ऐेसे में ज़रूरत होती है विटामिन्स और मिनरल्स की. अतः बच्चों के डायट प्लान में विटामिन ए, बी, सी, ई और बी कॉम्प्लेक्स युक्त फूड भी ज़रूर शामिल करें. डार्क शेड के फ्रूट व वेजीटेबल, जैसे- गाजर, बीटरूट, टमाटर, हरी सब्ज़ी, पपीता, कद्दू आदि खाने से बच्चों का स्टे्रस लेवल कम होता है.
याददाश्त बढ़ाएं
एग्ज़ाम में सवाल का सही जवाब लिखने के लिए ज़रूरी है कि बच्चों की याददाश्त तेज़ हो. इसके लिए उनके डायट प्लान में मेमरी बढ़ाने वाले फूड्स शामिल करें, जैसे- बादाम, अखरोट, फिश, ककड़ी, तिल, कद्दू के बीज, तरबूज आदि. इससे बच्चों की याददाश्त तेज़ होती है.
भरपूर नींद भी है ज़रूरी
एग्ज़ाम की तैयारी में बच्चों को रातभर जागने की हिदायत न दें. उन्हें भरपूर नींद लेने को कहें. इससे वो स्वस्थ रहेंगे और जो भी पढ़ेंगे, उन्हें वो लंबे समय तक याद रहेगा. अधूरी नींद से हो सकता है, पेपर लिखते वक़्त उन्हें नींद आने लगे. सुकून की नींद के लिए आप उन्हें बनाना मिल्कशेक या हल्दी वाला दूध भी दे सकती हैं.
वास्तु व फेंगशुई टिप्स से बनाएं बच्चों को बुद्धिमान
वास्तु व फेंगशुई के कौन-से टिप्स पढ़ाई की दृष्टि से बच्चों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं? आइए जानते हैं.
बच्चों के बेडरूम में रखें फेंगशुई आइटम्सः बच्चों का बेडरूम नए सिरे से नहीं बनवा सकतीं, तो कुछ ख़ास फेंगशुई आइटम्स घर में स्थापित करके भी आप बच्चों को बुद्धिमान बना सकती हैं. आइए, जानते हैं वो ख़ास फेंगशुई आइटम्स कौन-से हैं?
एज्युकेशन टावरः एज्युकेशन टावर ज्ञान और शांति का मंदिर माना जाता है. ये
इमारत 5, 7 या 9 मंज़िल की होती है. इसे घर में रखने से बच्चे पढ़ाई में तेज़ होते हैं.
ड्रैगन कार्पः स्टडी रूम में ड्रैगन कार्प की प्रतिमा रखने से बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है और उनकी बुद्धि भी तेज़ी से चलती है.
कॉन्च शैलः कॉन्च शैल यानी समुद्री शंख भी बच्चों की पढ़ाई के लिए शुभ माने जाते हैं. इनकी मौजूदगी बच्चों को बुद्धिमान बनाती है.
क्रिस्टल ग्लोबः क्रिस्टल ग्लोब भी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सौभाग्यवर्द्धक माने जाते हैं. पढ़ाई की दृष्टि से भी ये बच्चों के लिए मददगार साबित होते हैं.
क्वान कुंगः क्वान कुंग की प्रतिमा बच्चों के बेडरूम में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई से भटकता नहीं है.
ग्रीन क्रिस्टल लोटसः बाज़ार में उपलब्ध ग्रीन क्रिस्टल लोटस भी बच्चों के बेडरूम में ज़रूर रखें, ये प्रतिमा बैड लक को गुड लक में बदल देती है.
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