क्या आपके पार्टनर भी ज़िद्दी हैं? तो घबराएं नहीं, बल्कि समझदारी और प्यार से उन्हें हैंडल करें. यहां हमने ऐसे पार्टनर को हैंडल (How To…
क्या आपके पार्टनर भी ज़िद्दी हैं? तो घबराएं नहीं, बल्कि समझदारी और प्यार से उन्हें हैंडल करें. यहां हमने ऐसे पार्टनर को हैंडल (How To Deal With A Stubborn Spouse) करने के लिए आसान तरीके बताने की कोशिश की है. साथ ही सायकोलॉजिस्ट रोहिणी गिरजा ने भी इस संबंध में कई उपयोगी टिप्स बताए हैं.
– यदि आपके पार्टनर बहुत ज़िद्दी हैं, तो उन्हें प्यार से डील करें.
– जब कभी वे किसी बात को लेकर ज़िद करने लगें, तो उस पर असहमति जताने की बजाय उनसे थोड़ा समय मांगें. कहें कि हम इस पर बाद में बात करेंगे. कोई बहाना बना लें कि अभी आपकी तबीयत ठीक नहीं या फिर आपको कोई ज़रूरी काम निपटाना है आदि.
– ज़िद्दी लोगों की ख़ासियत होती है कि वे उस ख़ास समय पर बेहद ज़िद करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ वे हथियार भी डाल देते हैं. बस, आप में स्थिति को हैंडल करने का धैर्य होना चाहिए.
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– जब भी ज़िद्दी पार्टनर की कोई बात ग़लत या बुरी लगे, तो उसी समय बता दें. उस बात को मन में ना रखें. कह देने से समस्याएं सुलझ जाती हैं, वरना छोटी-छोटी बातें दिल में रखे रहने से राई का पहाड़ बनते देर नहीं लगती.
– कभी-कभी ख़ुद डॉमिनेटिंग रुख अख़्तियार करें यानी पति के पैंतरे को उन्हीं पर आज़माएं. वे जिस बात की अधिक ज़िद करते हैं, उसे आप ख़ुद करें. इस तरह उन्हें अपनी ग़लती का एहसास होगा.
– कभी भी किसी बात को लेकर अधिक समय तक बातचीत बंद न करें. ज़िद्दी पार्टनर के केसेस में अक्सर देखा गया है कि पार्टनर के ज़िद के कारण कपल्स आपस में बातचीत बंद कर देते हैं. ऐसा बिल्कुल भी न करें. ध्यान रहे, आपका ईगो आपके रिश्ते से बढ़कर है.
– ज़िद्दी पार्टनर को हैंडल करने का सबसे बेहतरीन तरीका यह है कि आप उनकी ख़ूब तारीफ़ करें. उनमें मौजूद टैलेंट की सराहना करें. देखिए, जल्द ही वे आपके मुरीद बन जाएंगे और आपकी हर बात मानेंगे.
– जब पार्टनर ग़ुस्सा या हठ करें, तो आप भी क्रोध में ना आ जाएं. ऐसे समय में आपके सब्र का भी इम्तिहान होता है. यदि आपको ग़ुस्सा आ रहा हो, तो उसे जब्त कर लें. पार्टनर को अपनी बात कहने दें. उनके शांत होने पर अपना पक्ष रखें और तस्वीर के दूसरे पहलू से भी उन्हें अवगत कराएं.
– कई बार पार्टनर के ज़िद के पीछे पुराना इतिहास भी रहता है, जैसे- पैरेंट्स द्वारा बचपन में अधिक लाड़-प्यार करना, सही-ग़लत हर बात मानना… आदि. यदि ऐसा है, तो इसे एक चुनौती के तौर पर लेते हुए पार्टनर की अच्छी-बुरी हर बात, आदत को बारीक़ी से देखें-समझें. फिर जब कभी वे बहुत अच्छे मूड में हों, तो उन्हें तर्क और उदाहरण के साथ इनके बारे में बताएं. यक़ीन मानें, वे आपकी सूझबूझ की सराहना किए बगैर नहीं रह पाएंगे, क्योंकि आज तक कभी किसी ने इस तरह से उन्हें समझने और समझाने की कोशिश ही नहीं की थी.
– महिलाओं के पास एक लाजवाब ऑप्शन भी होता है, आंसू. जब कभी ऐसा लगे कि बात हाथ से निकल रही है, तब अपने इस हथियार का इस्तेमाल करें. पुरुषों की यह कमज़ोरी रही है कि वे महिलाओं की आंखों में आंसू नहीं देख सकते और इसे देख जल्दी पिघल भी जाते हैं.
– अपने रिश्ते को थोड़ा वक़्त दें. यदि आपकी हाल ही में शादी हुई है और आप अपने ज़िद्दी पार्टनर से परेशान हैं, तो थोड़ा-सा बड़ा दिल रखें, बड़प्पन दिखाएं और उनकी छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करने की कोशिश करें. बात को पकड़कर ना बैठ जाएं कि आपने ऐसा कहा था… यह सही नहीं है… आदि-आदि. अपने नए रिश्ते को थोड़ा समय दें, इससे यक़ीनन समय के साथ हर उलझन सुलझ जाएगी, साथ ही पार्टनर का ज़िद्दी व्यवहार भी.
– पार्टनर की ग़लतियों को माफ़ करना और भूलना सीखें. आपकी यह आदत न केवल आपके रिश्ते को मज़बूती देगी, बल्कि आपसी प्यार भी बढ़ेगा.
– इन सब के बावजूद यदि आपके पार्टनर अक्सर अपनी बात पर अड़े रहते हैं. आपकी बिल्कुल भी नहीं सुनते, तो ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि आप काउंसलर की मदद लें. लेकिन इसे आपको समझदारी से स्मार्टली हैंडल करना होगा.
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– ऊषा गुप्ता
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…