कैसे पता करें कि घर में वास्तु दोष है? (How To Know If There Is Vastu Defect In The House?)
वास्तु शास्त्र में दो तरह की ऊर्जा काम करती है, एक सकारात्मक व दूसरी नकारात्मक. इन्हीं ऊर्जा पर सब कुछ निर्भर करता है. जहां सकारात्मक यानी पॉज़िटिव एनर्जी ज़िंदगी में ख़ुशी, उमंग-उत्साह लाती है, वहीं नकारात्मक यानी नेगेटिव एनर्जी तमाम परेशानियों व तनाव को जन्म देती है. बने हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं, धन की हानि होती है, सेहत बिगड़ने लगती है.
आपकी कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास के बावजूद धन संबंधी समस्याएं दूर नहीं होतीं, आर्थिक स्थिति डांवाडोल रहती है. वास्तु दोष नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) दिशा में होने पर पैसों की समस्याएं बनी रहती है. पैसे ठहरते नहीं. आपकी सेविंग ना के बराबर होती है. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर तलाक़ की स्थिति तक बन जाती है और पारिवारिक कलह दिनोंदिन बढ़ने लगते हैं. ऐसे में यह ज़रूरी है कि घर के मुख्य द्वार या खिड़की की दिशा बदली जाए. इस संदर्भ में हमें तमाम जानकारियां दी आचार्य डॉ. मधुराज वास्तु गुरु ने.
आख़िर इन वास्तु दोषों को कैसे दूर करें?
बहुत कम लोग इस बात को समझ पाते हैं कि उनके घर में वास्तु दोष है. ऐसे में आप कैसे जानें कि आपके घर में वास्तु संबंधी समस्याएं यानी वास्तु दोष है. यहां पर छोटी-छोटी बातों द्वारा हम इसे समझने की कोशिश करेंगे.
घर में प्रवेश करने पर आपको तरोताज़गी का एहसास नहीं होता यानी आप फ्रेशनेस नहीं फील कर पाते हैं.
आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं निकलना चाहते.
आपका जीवन के प्रति एक निराशाजनक नज़रिया बन जाता है.
बहुत कम ख़ुशी व जोश महसूस करते हैं.
अक्सर व्यर्थ की परेशानियों में उलझे रहते हैं.
पारिवारिक समस्याओं से भी चिंता और तनाव बना रहता है.
अधिकतर ग़लत लोगों से मुलाक़ात होती है.
बेवजह की तकलीफ़ तथा परेशानी या बीमारी बनी रहती है.
बिज़नेस, नौकरी आदि में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है.
यदि वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में वास्तु दोष है, तो उसके दुष्प्रभाव के रूप में कोर्ट-कचहरी से संबंधित समस्याएं, मानसिक परेशानी आदि समस्या रहती है.
इसी तरह आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में वास्तु दोष होने पर घर में चोरी होना, कर्ज़दार होना या पैसों का कहीं पर फंस जाना, बीमारी में ख़ासतौर पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
आग्नेय कोण में मुख्य प्रवेश द्वार, बोरवेल या सेप्टिक टैंक आदि होने से नेगेटिव एनर्जी का भी विस्तार होता है.
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से नौ इंच लंबा और नौ इंच चौड़ा स्वास्तिक बनाएं. ऐसा करने से हर तरह की नेगेटिव एनर्जी और वास्तु दोष दूर होते हैं. हर मंगलवार को ऐसा करने से मंगल ग्रह से जुड़े दोष भी दूर होते हैं.
घर में सांप, उल्लू, कबूतर, कौवा, चील जैसे जानवरों-पक्षियों की मूर्तियां, पेंटिंग या चित्र लगाने से बचें.
बेडरूम में किसी भी भगवान, पानी व झरने की तस्वीर ना लगाएं.
यहां तक कि बेडरूम में भी पक्षी या जानवर ना हों.
घर के मुख्य द्वार के सामने पानी का जमाव, कीचड़, गंदगी ना हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो वास्तु दोष का अधिक प्रभाव पड़ता है. घर के लोगों की सेहत पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और धन की हानि भी होती है. इसलिए कोशिश करें कि घर के मुख्य द्वार के बाहर साफ़-सफ़ाई रहे.
घर से नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए धूप और ताज़ा हवा का आना आवश्यक है, इसके लिए खिड़कियां खुली रखें.
घर में रखे बेकार व गैरज़रूरी सामान को तुरंत हटाएं. उन्हें स्टोर करके ना रखें. यदि हो सके तो इसे शनिवार को घर से निकालें.
आग्नेय कोण में मनी प्लांट लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है.
घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाले पौधे लगाएं, जैसे- तुलसी, मनी प्लांट, जासवंत, गुलाब, बेला.
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में तुलसी का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है.
नेगेटिव एनर्जी घर से दूर करने के लिए एक मिट्टी के दीये में दो कपूर और तीन लौंग जलाएं.
सुख-समृद्धि, धन व सौभाग्य के लिए घर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर लगाएं. ध्यान दें, द्वार के आगे और पीछे दोनों तरफ़ मूर्ति या तस्वीर लगाएं.
नैऋत्य कोण में पितरों की तस्वीर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है.
यदि आपका किचन वास्तु के अनुसार ग़लत जगह पर है, तो अपनी रसोई के दक्षिण-पूर्व कोण में अग्नि तत्व को सक्रिय करें. इसके अलावा अग्नि तत्व के प्रतिनिधित्व वाले वस्तु, जैसे लाल बल्ब 24×7 समय जलने दें. शाम को देसी घी का एक दीया जलाएं और घर के आग्नेय कोण को एक्टिव करें.
बेडरूम में बेड के पास नेचुरल क्वार्ट्ज क्रिस्टल का बाउल रखें. इससे तनाव कम होने के साथ सुख-शांति और सुकून की अनुभूति होती है.
हनुमान जी और राम जी की गले मिलते हुए तस्वीर वायव्य कोण में लगाने से सपोर्ट सिस्टम मज़बूत होता है.
पिरामिड का इस्तेमाल करके भी वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है.