Beauty

कहीं सोशल मीडिया आपकी स्किन को ख़राब तो नहीं कर रहा? (Is Social Media Bad For Your Skin?)

सोशल मीडिया (Social Media) ने हमारे रिश्ते, सोशल लाइफ और हेल्थ (Health)  को तो प्रभावित किया ही है, लेकिन इसका साइड इफेक्ट हमारी स्किन पर भी हुआ है. घंटों सोशल मीडिया पर टाइम बिताने की वजह से हमें कई स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problems) हो रही हैं.

उम्र के निशांः आजकल सबका ज़्यादातर समय कंप्यूटर और मोबाइल पर बीतता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह से आंखों के किनारों पर झुर्रियां पड़ जाती हैं और डार्क सर्कल की प्रॉब्लम भी हो सकती है.

समाधानः बेहतर होगा कि कंप्यूटर या मोबाइल पर बहुत ज़्यादा समय ना बिताएं. बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें. रात को अच्छी क्वालिटी की आई क्रीम आंखों के आसपास लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें.

मुंहासे/एक्ने की परेशानीः क्या आप जानते हैं कि आपके मोबाइल फोन पर आपकी टॉयलेट सीट की तुलना में 10 गुना ज़्यादा बैक्टीरिया होते हैं. आप जब फोन कान से लगाते हैं, तो ये बैक्टीरिया आपके चेहरे पर स्थानांतरित हो जाते हैं, जिससे मुंहासे की प्रॉब्लम होने लगती है.

समाधानः मोबाइल हाइजीन का ख़्याल रखें. अपना मोबाइल हमेशा क्लीन रखें. बेहतर होगा रोज़ एक बार सेनिटाइजर से अच्छी तरह मोबाइल को पोंछ लें. इससे इंफेक्शन की संभावना नहीं रहती और आपकी स्किन भी सुरक्षित रहती है.

नींद ने भी छीनी ख़ूबसूरतीः कंप्यूटर और मोबाइल फोन की तेज़ रोशनी हमारे स्लीप पैटर्न को बिगाड़ती है. अक्सर सोने से पहले मोबाइल पर व्हाट्स अप या मैसेज देखा जाता है. इससे हमारे शरीर में मेलाटोनिन बनता है, जिससे नींद डिस्टर्ब हो जाती है और हम ठीक से सो नहीं पाते.

समाधानः सोते समय सेलफोन देखने की आदत छोड़ दें.

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स्ट्रेस का भी होता है असरः आजकल सोशल मीडिया का बहुत ज़्यादा दबाव है. लगातार इसके संपर्क में रहने से स्ट्रेस होता है, जिसका स्किन पर साइड इफेक्ट होता है.

समाधानः सबसे पहले तो सोशल मीडिया को एडिक्शन न बनने दें. मोबाइल या कंप्यूटर को टाइमपास या मनोरंजन का ज़रिया न बनाएं. स्किन से स्ट्रेस दूर करने के लिए कोई अच्छी सी डे और नाइट रिपेयर क्रीम से मसाज करें.

नोमोफोबियाः बहुत से लोग जब फोन घर पर भूल जाते हैं तो पैनिक हो जाते हैं. मोबाइल के ना होने और फोन से कॉन्टेक्ट में ना रहने पर उत्पन्न होने वाला डर नोमोफोबिया कहलाता है. इससे तनाव उत्पन्न होता है, जो त्वचा पर असर डालता है. इससे प्रीमेच्योर एंजिग या सोरायसिस भी हो सकता है.

समाधानः इस तरह का डर अपने ऊपर हावी न होने दें. स्ट्रेस से दूर रहें.

Geeta Sharma

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