रणबीर कपूर बॉलीवुड के फाइनेस्ट एक्टर्स में से एक हैं. हैंडसम हंक रणबीर के काम के चलते उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं. बेशक एक्टर…
रणबीर कपूर बॉलीवुड के फाइनेस्ट एक्टर्स में से एक हैं. हैंडसम हंक रणबीर के काम के चलते उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं. बेशक एक्टर कपूर खानदान से ताल्लुक रखते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें बॉलीवुड में पैर जमाने के लिए स्ट्रगल नहीं करना पड़ा आपको जानकर ये बेहद अचंभा होने वाला है कि बॉलीवुड का जाना माना चेहरा बनने के लिए उन्होंने संजय लीला भंसाली से बहुत मार खाई है और ये सिलसिला काफी लंबा चला था, जिसके बारे में खुद रणबीर ने खुलासा किया था.
काम के बदले में एसएलबी ने दी मार – रणबीर कपूर को आज हर बड़ा फिल्म मेकर अपनी फिल्म में लेना चाहता है, लेकिन करियर के शुरुआत में एक्टर को अपनी पहचान बनाने के लिए काफी टॉर्चर होना पड़ा था. रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म मेकर्स में से एक संजय लीला भंसाली पर उन्हें टॉर्चर करने का आरोप लगाया था. रणबीर ने बताया था जब वो एक्टिंग में आने से पहले संजय लीला की फिल्म ‘ब्लैक’ के लिए उन्हें असिस्ट कर रहे थे तब संजय उनसे काफी काम कराते थे, जबकि रणबीर के मुताबिक वो काफी काफी मेहनत कर रहे थे.
एक्टर ने बताया था कि, “संजय खूब काम कराने वालों में से हैं और मैं सेट पर हमेशा घुटनों पर ही रहता था. वो मुझे पीटते थे. एक समय के बाद ये बहुत ज्यादा हो गया और मुझे टॉर्चर की तरह महसूस होने लगा कि एक प्लॉइंट पर मुझे काम छोड़ना पड़ गया. काम करते हुए मुझे 10 या 11 महीने ही हुए थे और मेरी हालत ऐसी थी कि मैं ये नहीं कर सकता, ये मुझपर हावी हो रहा था. मुझे लगता है कि मैं बहुत सेंसिटिव और इमोशनल हूं और वो मुझे बहुत अच्छी तरह से जान गए थे और वो उसी चीज को लेकर पोक करते रहते थे. उन्होंने कुछ ज्यादा ही कर दिया था, जहां तक मेरी बात है तो मुझे लेकर वो पूरी तरह से सनक गए थे.”
संजय ने ही दिया डेब्यू का मौका – वैसे जो आपके ऊपर गुस्सा करे वो कहीं न कहीं आपको बेहद प्यार करता है. ऐसा ही कुछ रणबीर भी मानते हैं. उन्होंने कहा कि बेशक तब संजय उनके प्रति कठोर थे, लेकिन वो उन्हें अपना गुरु मानते हैं और उनके करियर की पहली फिल्म ‘सवारियां’ देने के लिए हमेशा शुक्रगुजार हैं. रणबीर के मुताबिक संजय से उन्होंने एक्टिंग, डेडीकेशन और काफी कुछ सीखा है जो उनकी लाइफ में हमेशा काम आता है. उनकी गाली, मार आज उनके मजबूत इरादों के लिए ही थी शायद.
बता दें कि रणबीर कपूर और सोनम कपूर स्टारर फिल्म ‘सांवरिया’ साल 2007 में रिलीज हुई थी. वर्कफ्रंट की बात करें तो रणबीर जल्द ही कई प्रोजेक्ट्स में नज़र आने वाले हैं. उनके पास अयान मुखर्जी की ‘ब्रहमास्त्र’ है, जिसमें वो अपनी पत्नी आलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन के साथ नज़र आएंगे. तो वहीं फिल्म शमशेरा रिलीज होने को तैयार है.
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…