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गणतंत्र दिवस पर बदलें इतिहास: पूछें ख़ुद से 50 सवाल… (Republic Day 2021: 50 Important Questions To Ask Yourself… )

हमारा देश साफ़-सुथरा नहीं है, फलां सुविधा तो इस देश में मिल ही नहीं सकती, अभी हमारे देश को वहां तक पहुंचने में सालों लगेंगे, यहां के सिस्टम का तो भगवान ही मालिक है… ये जुमला हमने-आपने कई बार बोला होगा. दूसरों पर दोष मढ़ना आसान है, पर ज़रा ये सोचिए कि हमने अपने देश के लिए क्या किया है? इस गणतंत्र दिवस पर ख़ुद से पूछें 50 सवाल और बदलें अपने देश का इतिहास.

 

* सामाजिक व्यवहार से संबंधित सवाल
हम समाज को दोष तो आसानी से देते हैं, लेकिन हमने समाज के लिए क्या किया है, ये कभी नहीं सोचते. कैसा हो हमारा सामाजिक व्यवहार? आइए, मिलकर सोचते हैं.

1) एक्सीडेंट होने पर लोग दुर्घटनाग्रस्तों की मदद क्यों नहीं करते?
क्योंकि दूसरे का एक्सीडेंट होने पर हमें अपना ज़रूरी काम ़ज़्यादा महत्वपूर्ण लगता है और पुलिस के पचड़े में पड़ने से आसान दिखता है दुर्घटनाग्रस्तों को वहीं पड़ा छोड़ आगे बढ़ जाना.

2) हर जगह ट्रैफ़िक जाम ही क्यों होता रहता है?
क्योंकि हम और हमारे पड़ोसी भले ही एक ऑफ़िस में काम करते हों, पर अपनी-अपनी कार ले कर जाने में ही शान समझते हैं. कार पूलिंग कर के जाने से हमारी नाक नीची हो जाती है और पब्लिक कन्वेंस सिस्टम (सार्वजनिक यातायात प्रणाली) का उपयोग कर के ऑफ़िस जाना तो हमारी साहबी पर सबसे बड़ा दाग़ है.

3) हमारे देश में ओेल्ड एज होम की संख्या क्यों बढ़ रही है?
क्योंकि हम ख़ुद अपने माता-पिता की ज़िम्मेदारी को बोझ की तरह निभाते हैं.

4) सड़क पर इतने भिखारी क्यों नज़र आते हैं?
क्योंकि हमने ही धर्म के नाम पर उन्हें बिना कोई काम किए पैसे कमाने का बढ़ावा दिया है.

5) हम जागरूक ग्राहक क्यों नहीं बन पाते?
क्योंकि कोई भी सामान ख़रीदते समय वैट से बचने के लिए हम दुकानदारों से बिल नहीं लेते. अतः जब कभी ख़राब सामान ले लेते हैं तो कं़ज़्यूमर फोरम में जाने तक का साहस नहीं जुटा पाते.

6) हमारे यहां लोग क़ानून क्यों तोड़ते हैं?
क्योंकि कभी-न-कभी किसी-न-किसी कारण के चलते हमने भी क़ानून तोड़ा है, फिर चाहे वह ट्रैफ़िक रूल्स (यातायात के नियम) ही क्यों न हों?

7) थोड़ी-सी बारिश से लगभग हर मेट्रो में बाढ़ जैसी स्थिति क्यों हो जाती है?
क्योंकि अपने साथ कपड़े का बैग लेकर चलना हमारी शान के ख़िलाफ़ है. हर कोई यही सोचता है कि अगर सब्ज़ी वाले ने दो प्लास्टिक की थैलियों में मुझे सामान दे दिया तो इसमें क्या हर्ज़ है? पर इन्हीं थैलियों की वजह से शहरों की नालियों में पानी की निकासी नहीं हो पाती और ज़रा सी बारिश हुई नहीं कि बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है.

8) किसी भी क्षेत्र में सुधार आख़िर आता क्यों नहीं?
क्योंकि हमें आदत पड़ गई है सिस्टम की ग़लतियों को चलता है के नज़रिए से देखने की. हम सुधार लाने की पहल नहीं करना चाहते.

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* पैरेंटिंग (बच्चों की परवरिश) से जुड़े सवाल
कहते हैं, बच्चे अपने पैरेंट्स की परछाईं होते हैं, फिर हमारे बच्चे वैसे क्यों नहीं बन पाते, जैसा हम चाहते हैं? आइए, ख़ुद से पूछें बच्चों की परवरिश से जुड़े सवाल.

9) बच्चे इतने डिमांडिंग क्यों हैं? उन्हें पैसे की क़ीमत क्यों नहीं है?
क्योंकि हमने उन्हें मनी मैनेजमेंट नहीं सिखाया और उनकी हर सही-ग़लत मांग तुरंत पूरी की है.

10) बच्चे अपने धर्म, रीति-रिवाज़ों के बारे जानना क्यों ज़रूरी नहीं समझते?
क्योंकि हमने कभी उन्हें इस बारे में कुछ बताया ही नहीं. कार्टून चैनल लगाने के बजाय कभी उनके साथ बैठकर उन्हें अपने रीति-रिवाज़ों की जानकारी दी ही नहीं है, बल्कि हम में से कइयों को ख़ुद भी इसकी जानकारी नहीं है.

11) आजकल बच्चों के सोने-जागने, खाने-पीने का कोई टाइम-टेबल क्यों नहीं है?
क्योंकि हमने बचपन से ही उनका फिक्स रूटीन रखा ही नहीं है, बल्कि हम ख़ुद भी रूटीन लाइफ़ नहीं जीते.

12) बच्चे पलट कर जवाब क्यों देते हैं?
क्योंकि पहली बार ऐसा करते समय हमने उन्हें नहीं रोका था.

13) बच्चे हर छोटी-बड़ी बात पर लड़ते क्यों रहते हैं?
क्योंकि बचपन से उन्होंने हमें भी इसी तरह लड़ते-झगड़ते देखा है.

14) बच्चे बड़ों का आदर क्यों नहीं करते?
क्योंकि उन्होंने हमें भी अपने बड़ों के साथ ऐसा ही सुलूक करते देखा है.

15) टीनएजर्स के इतने रोड एक्सीडेंट क्यों होते हैं?
क्योंकि हम ख़ुद अपने बच्चे के 16 साल के होने से पहले ही उसे एक बाइक या कार दिला देते हैं. और तो और बच्चे आरटीओ की लाइन में लग के लाइसेंस भी नहीं बनवाते, क्योंकि हमारी सोच है कि जब बच्चे को इतनी महंगी गाड़ी दे रहे हैं, तो कुछ पैसे और ख़र्च कर के लाइसेंस भी बनवा देंगे.

16) बच्चे इतना झूठ क्यों बोलने लगे हैं?
क्योंकि बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं. हम न जाने कितनी बार बच्चों के सामने झूठ बोलते हैं. इसका कुछ असर तो उन पर आएगा ही.

17) बच्चे इतने हिंसक क्यों हो रहे हैं?
क्योंकि मीडिया के ज़रिए बच्चों को हम ही तो दिखा रहे हैं हिंसक ख़बरें. बजाय उनके टैलेंट को निखारने वाले कार्यक्रम दिखाने के हम उनके टैलेंट को भी बेचने का सामान बना रहे हैं. हम उन्हें सिखा रहे हैं कि इस दुनिया में तुम्हें स़िर्फ जीतना है, इसके लिए चाहे कुछ भी क्यों न करना पड़े.

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* स्वास्थ्य संबंधी सवाल
स्वास्थ्य या फिटनेस को लेकर हमारी मानसिकता ऐसी है कि जब तक कोई रोग न घेर लें, हम अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान ही नहीं देते. आइए, ख़ुद से पूछें सेहत से जुड़े सवाल.

18) मोटापा हमारे देश की समस्या क्यों बनता जा रहा है?
क्योंकि हमारे खाने में फास्ट ़फूड, जंक फूड आदि का इस्तेमाल तो बढ़ा है, लेकिन एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की शुरुआत हम अब तक नहीं कर सके हैं. यहां तक कि अपने रोज़मर्रा के काम भी हम ख़ुद नहीं करते.

19) हमारे देश में एचआईवी पीड़ितों की संख्या बढ़ती क्यों जा रही है?
क्योंकि यह जानते हुए भी कि यौन संबंध सुरक्षित ढंग से बनाए जाने चाहिए, हम कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करने में कोताही बरतते हैं. और तो और अपनी आनेवाली पीढ़ी को सेक्स एज्युकेशन देने की बात सोचना भी हमें गवारा नहीं.

20) आज भी हमारे देश में मेडिकल सुविधा गांवों तक क्यों नहीं पहुंच पायी?
क्योंकि हम अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन उसके डॉक्टर बनने के बाद यही चाहते हैं कि वह शहर में अपना नर्सिंगहोम खोल कर हमारे पास ही रहे. हमने उनके मन में समाज सेवा की भावना डाली ही नहीं है.

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* राष्ट्र प्रेम से संबंधित सवाल
जो देश हमारी मातृभूमि है, जिस देश से हमारी पहचान है, उसे देश से हमें कितना प्यार है? ये सवाल भी ख़ुद से पूछना ज़रूरी है.

21) बड़े-बुज़ुर्ग ये क्यों कहते हैं कि हम में राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना नहीं है?
क्योंकि हम किसी स्कूल, कॉलेज के पास से गुज़र रहे हों और हमें राष्ट्रगीत सुनाई देता है तो भी हम 53 सेकेंड्स का समय नहीं निकाल पाते, ताकि अपने राष्ट्रगीत को सम्मान दे सकें. 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन देश के प्रति प्रेम दर्शाने के लिए हम प्लास्टिक के राष्ट्र ध्वज ख़रीद तो लेते हैं, लेकिन उसी शाम उन्हें सड़क पर या कचरे के डिब्बों में फेंक देते हैं.

22) हमारी ऐतिहासिक विरासतें स्ताहाल क्यों हैं?
क्योंकि हम उनकी दीवारों पर अपना नाम अंकित करना नहीं भूलते. साथ ही उन्हें देखते समय जो कुछ भी खा रहे हों, उसके छिलके या रैपर वहीं छोड़ आते हैं.

23) बच्चों में देश प्रेम की भावना क्यों नहीं है?
क्योंकि हम देश के विकास में अपनी भागीदारी सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं. हम बच्चे को बड़ा हो कर डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट तो बनाना चाहते हैं, लेकिन उसमें देश के प्रति लगाव की भावना डालना भूल जाते हैं.

24) हमारी राष्ट्र भाषा को सम्मान क्यों नहीं मिलता?
क्योंकि हमें ख़ुद राष्ट्र भाषा में बात करने में शर्म और आत्मग्लानि का अनुभव होता है. हम अपने बच्चों को फलों और सब्ज़ियों के नाम पहले हिंदी में सिखाने के बजाय इंग्लिश में सिखाते हैं.

25) हमारे यहां जाति-प्रांत को लेकर विवाद क्यों पनपते हैं?
क्योंकि हम स्वार्थी हैं, जहां अपने भले की बात दिखी, वहां हो लेते हैं. कभी भारतीय, कभी हिंदू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, कभी उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र या बंगाल, जिसके भी चोले में हमारी भलाई मिल जाए, ओढ़ लेते हैं. भारतीय नागरिक बन कर सबके हित की बात सोचना हमने छोड़ दिया है.

26) हमारे देश में सिक्कों की कमी क्यों है?
क्योंकि हम ही राजमुद्रा का अपमान करते हैं, कभी सिक्के चुनवाते हैं, कभी पानी में फेंकते हैं. और तो और जहां चाटुकारिता ज़रूरी हो, वहां नोटों की माला पहना कर दूसरों का सम्मान भी कर देते हैं.

27) विदेशों में भारत की छवि बहुत अच्छी क्यों नहीं है?
क्योंकि हमारे युवा जो विदेशों में नौकरी करने जाते हैं, वे ख़ुद अपने देश की ख़ामियां गिनाते नहीं थकते. वे यह नहीं सोचते कि कोई भी देश वहां के नागरिकों से बनता है और अपने देश की बुराई कर के आप दूसरों को यही बताते हैं कि आप ख़ुद बुरे हैं.

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* राजनीति संबंधी सवाल
हमारे देश की राजनीति के कौन-से सवाल अक्सर हमारे जेहन में आते हैं, चलिए उनका भी ज़िक्र कर लें.

28) हमारे यहां हर काम धीमा ही क्यों होता है?
क्योंकि हम ख़ुद भी अपने कामों को समय पर ख़त्म करने की आदत नहीं डालते.

29) हमारे यहां इतना भ्रष्टाचार क्यों है?
क्योंकि दूसरों का कोई छोटा-बड़ा काम निपटाने पर हम ख़ुद भी उसके द्वारा दिया गया ग़िफ़्ट स्वीकारने से परहेज नहीं करते.

30) क्यों हमारे नेता देश के विकास पर ध्यान देने से ़ज़्यादा राजनीति पर ध्यान देते हैं?
क्योंकि जिस दिन वोटिंग होती है, उस दिन बजाय वोट डालने का दावित्व निभाने के हम घर पर बैठे चाय की चुस्कियों के साथ छुट्टी का मज़ा लेते हैं. एलीजिबल कैंडिडेट (योग्य उम्मीदवार) के चुनाव मेें हमारा कोई योगदान नहीं होता और राष्ट्रीय हित के मुद्दों से ़ज़्यादा हम धार्मिक हित के मुद्दों पर रिएक्ट करते हैं.

31) हमारे यहां इतने बंद क्यों होते हैं?
क्योंकि हमसे जुड़े सवालों को हल करने के दौरान भी हम आराम करने की सोचते हैं देश की नहीं, अन्यथा काली पट्टियां पहन कर काम करने का विकल्प भी तो मौजूद है.

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* सफ़ाई संबंधी सवाल
सफ़ाई हमारे देश का एक बड़ा मुद्दा है, इतना बड़ा मुद्दा कि प्रधानमंत्री जी को देश के नाम संदेश में सफाई का जिक्र करना पड़ता है. सफ़ाई के बारे में हमारे मन में क्या सवाल है? आइए, ये भी जान लेते हैं.

32) हमारे देश में सार्वजनिक शौचालय साफ़ क्यों नहीं रहते?
क्योंकि उनके इस्तेमाल के बाद थोड़ा-सा पानी डाल कर उन्हें साफ़ रखने में हम लापरवाही करते हैं. टॉयलेट एटीकेट्स हम स़िर्फ अपने घर में ही निभाना चाहते हैं, बाहर नहीं.

33) हमारे रेलवे स्टेशन इतने गंदे क्यों रहते हैं?
क्योंकि मूंगफली, केले, बिस्किट, नमकीन खा कर उनके छिलके और रैपर यहां-वहां हम ही तो फेंकते हैं. यही नहीं, ट्रेनों में साफ़ लिखा होता है कि गाड़ी स्टेशन पर खड़ी हो तो टॉयलेट का इस्तेमाल न करें, पर हम इस नियम का पालन भी नहीं करते.

34) हमारी ट्रेनें इतनी गंदी क्यों रहती हैं?
क्योंकि पान-गुटखा खाकर थूक के निशान ट्रेन में हम ही छोड़ आते हैं. माना कि ट्रेन के टॉयलेट की दीवार पर अश्‍लील टिप्पणियां हमने नहीं लिखीं, पर हम उन्हें मिटाने की कोशिश भी तो नहीं करते.

35) हर तरफ धूल-मिट्टी या पॉल्यूशन ही क्यों नज़र आता है?
क्योंकि ज़रूरत से ज़्यादा तकनीकों का इस्तेमाल कर के हमने ही इन्हें बढ़ावा दिया है.

36) सड़क पर इतनी गंदगी क्यों नज़र आती है?
क्योंकि सड़क पर थूकते या कचरा फेंकते समय हम ये भूल जाते हैं कि कल फिर इसी रास्ते से होकर गुज़रना है.

37) पब्लिक प्रॉपर्टी हमेशा ख़स्ताहाल क्यों रहती है?
क्योंकि उनका ख़याल रखना हमें अपनी ज़िम्मेदारी नहीं लगती.

38) बीचेज़ (समुद्रतट) इतने गंदे क्यों रहते हैं?
क्योंकि बीच पर पिकनिक के लिए जाते समय गंदगी फैलाते हुए हम ये भूल जाते हैं कि हर कोई यूं ही इन्हें गंदा करता रहा तो इसके परिणाम क्या होंगे.

39) हमारे यहां ई-कचरा क्यों बढ़ रह है?
क्योंकि हम लाइसेंस्ड वर्ज़न वाले सॉ़फ़्टवेयर्स का इस्तेमाल करने के बजाए पायरेटेड सॉ़फ़्टवेयर्स के इस्तेमाल को तरजीह देते हैं और ख़राब होते ही उन्हें फेंक देते हैं. यही नहीं, पायरेटेड सीडी, डीवीडी का इस्तेमाल करना हमें ओरिजनल सीडी और डीवीडी की तुलना में ज़्यादा भाता है.

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* मूलभूत आवश्यकता संबंधी सवाल
प्रगतिशील देश कहे जाने के बावजूद आज भी हमारे देश में लाखों लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा क्यों है, ये सवाल मन में उठना भी ज़रूरी है.

40) हमारे देश में लाखों लोग भूखे क्यों सोते हैं?
क्योंकि हम, जिनके पास भोजन के साधन सहज उपलब्ध हैं, रोज़ थोड़ा-न-थोड़ा खाना फेंकते हैं. बजाय इसके वह खाना अपनी सोसायटी के वॉचमैन, मेड सर्वेंट (काम वाली बाई) या अन्य किसी ज़रूरतमंद को भी तो दिया जा सकता है.

41) हमेशा पानी की किल्लत क्यों रहती है?
क्योंकि हम पानी का उचित उपयोग नहीं करते और न ही पानी की फिज़ूलख़र्ची करते समय हमें इसका ख़याल ही आता है कि यूं पानी बहाने से कल पानी के लिए तरसना भी पड़ सकता है.

42) बार-बार बिजली क्यों चली जाती है?
क्योंकि एक कमरे से दूसरे कमरे में जाते समय हम न तो लाइट ऑफ़ करते हैं और न ही फैन या एसी.

43) हर तरफ कंक्रीट का जंगल ही क्यों नज़र आता है?
क्योंकि हमें अपने आस-पास पेड़ लगाने का ख़याल ही नहीं आता. हमें हरियाली चाहिए, लेकिन इसके लिए अपनी तरफ़ से पहल करना हम ज़रूरी नहीं समझते.

44) हमारे यहां इतनी निरक्षरता क्यों है?
क्योंकि पढ़-लिख लेने के बाद हमने कभी नहीं सोचा कि अपनी इस पढ़ाई का सदुपयोग कर हम अपने बच्चों के अलावा कम-से-कम एक निरक्षर बच्चे को तो साक्षर बनाएंगे.

45) हमारे देश का इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों नहीं सुधरता?
क्योंकि या तो हम इनकम टैक्स भरते ही नहीं या फिर अपनी आय की ग़लत जानकारी दे कर कम टैक्स भरते हैं.

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* परंपरा संबंधी सवाल
आज़ादी के नाम पर हम अपनी परम्पराओं को भूलने लगे हैं. क्या ऐसा करना सही है?

46) हमारे देश में तलाक़ के आंकड़े क्यों बढ़ रहे हैं?
क्योंकि जहां किसी ने हम पर कोई छोटी-सी भी पाबंदी लगाई, हम उससे किनारा करने में देर नहीं लगाते. सहनशीलता तो हम में नाममात्र की भी नहीं रह गई है. अपने पैरों पर खड़े होने के बाद रिश्तों और करियर को हम एक ही तराज़ू में तौलने लगते हैं, बिना यह सोचे कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसके रिश्ते ही उसे कठिन समय में सहारा देने का काम करते हैं.

47) हमारे यहां स्त्री-पुरुष अनुपात में गड़बड़ी क्यों हो रही है?
क्योंकि बेटियों को हम अब भी पराया धन समझते हैं और लड़कों को अपना वारिस. लिंग परीक्षण पर पाबंदी के बाद भी हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या के मामले थम नहीं रहे हैं.

48) हमारे देश की आबादी बढ़ती ही क्यों जा रही है?
क्योंकि दो से कम बच्चे होने के बारे में हम सोचना भी नहीं चाहते और अपनी बात को सही साबित करने के चक्कर में कई तर्क भी दे डालते हैं. इसकी जगह एक बच्चा ख़ुद का और दूसरा बच्चा किसी अनाथालय से गोद लेकर उसकी अपने बच्चे की तरह परवरिश भी तो की जा सकती है. इस तरह हम देश की बढ़ती आबादी रोकने और एक बच्चे का भविष्य सुधारने जैसे दो अच्छे काम एक साथ कर सकेंगे.

49) हमारे यहां शादी करना मंहगा क्यों होता जा रहा है?
क्योंकि अपनी शान का दिखावा करने में हम पीछे नहीं रहना चाहते और शादी में अपनी हैसियत से ़ज़्यादा ख़र्च करते हैं. जबकि शादी का समारोह सादग़ी से निपटा कर यही पैसा वर-वधू के भावी जीवन के लिए इन्वेस्ट किया जा सकता है.

50) लड़कियों के साथ छेड़खानी और बलात्कार की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
क्योंकि आज भी ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने में हम पीछे रह जाते हैं. बदनामी के डर से ऐसी 40 फ़ीसदी घटनाओं की तो रिपोर्ट तक नहीं लिखाई जाती.

51) शिक्षित युवाओं वाला यह देश उतनी तेज़ी से आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा, जितनी तेज़ी से उसे बढ़ना चाहिए?
क्योंकि अपने देश की सस्ती पढ़ाई का पूरा फ़ायदा उठाने के बाद मौक़ा मिलते ही यहां के युवा विदेशों में नौकरी करने को प्राथमिकता देते हैं. एनआरआई होना आज भी भारतीयों के लिए किसी स्टेटस सिंबल से कम नहीं.

 

Kamla Badoni

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