Short Stories

कहानी- आधुनिकता दिखावा तो नहीं… (Short Story- Aadhunikta Dikhava Toh Nahi…)

दीपा ने तुरंत कहा, “मम्मीजी ख़ुश‌ रहने देंगी, तभी तो ख़ुश रहेंगे.”
इतना सुनते ही सास तुनक कर बोली, “मैंने तेरे साथ क्या कर दिया, जो ऐसा कह रही है.”
राहुल बोला, “मम्मी, आपने रीति-रिवाज़ के नाम पर इतनी रोक-टोक लगाई कि हम परेशान हो गए.”

आजकल‌ जैसे की सोच होती है, पढ़ी-लिखी बहू आए. अगर नौकरीवाली आती है, तो ससुरालवाले को पुराने सोच को बदलने की ज़रूरत होती है. क्योंकि सर्विस वाली बहू के रहन-सहन और व्यवहार में अंतर होता है, घरेलू बहू की अपेक्षा.
कहने को, “आधुनिक विचारोंवाले सोच के हैं सब” ऐसा ही लड़कीवालों से कहा जाता है.
पर एक समय के बाद ही एहसास हो जाता है कि ससुरालवाले कितने आधुनिक है.
ऐसा ही दीपा के साथ हुआ. जब लड़की देखने गए, तो होनेवाली सास ने कहा, “तुम सर्विस तो करोगी, पर क्या घर और बाहर दोनों को मैनेज कर पाओगी?”
तभी दीपा ने कहा, “आंटीजी समय और परिस्थितियों को देखकर सब एडजस्ट करना पड़ता है.”
इतना सुनते ही सास बोली, “वो सब तो ठीक है, पर ज़्यादा ज़िम्मेदारी भी अकेले ही बढ़ जाती है. तुम्हें तो  मेरे बेटे से सामंजस्य बना कर चलना पड़ेगा. फिर आगे तुम्हारी ज़िंदगी है. तुम लोगों को अपने हिसाब से रहना है.”

यह भी पढ़ें: नई दुल्हन के लिए संकोच-शर्मो-हया किन मामलों में ज़रूरी, किनमें ग़ैरज़रूरी! (Dos And Don’ts For Newlywed Bride)


फिर दीपा ने भी कहा, “गृहस्थी की गाड़ी अकेले नहीं चलती. पति-पत्नी तो एक-दूसरे के पूरक होते हैं. दोनों को एक-दूसरे का साथ देते हुए सामंजस्य बना कर चलना पड़ता है, तभी गाड़ी सही से बढ़ती है.”
फिर रिश्ता भी तय हो गया. शादी में सब रस्मों में आधुनिक सोच समझ आ रही थी.
और सासू मां हमेशा कहतीं, “हमारे यहां पर्दा नहीं होता, पर रीति-रिवाज़ को हम लोग मानते हैं. “
शादी के बाद ससुराल में दीपा को एक सप्ताह रहना पड़ा. तभी उसकी समझ में आ गया कि सासुजी  कहती कुछ… करती कुछ…
जब पहली रसोई बनाने की रस्म हुई, तब जो नेग मिलते, तो उन्हें लगता कि बहू सभी नेग में मिले उपहार और लिफ़ाफ़े हमारे पास रखवाएं.
धीरे-धीरे समय बीत रहा था. कभी पूजा के कारण, कभी रीति-रिवाज़ के नाम पर रोक-टोक लगाए जा रही थीं.
दीपा भी संस्कारी बहू की तरह सब बातें मान रही थी. अति तब होने लगी, जब उसे राहुल से बात करने से भी रोका गया. राहुल उनका बेटा है, जिसके साथ उसने सात फेरे लिए. खैर… अब वह जब भी किसी से बात करने की कोशिश करतीं, तभी मांजी टोक देतीं, “तुम्हें तो शर्म-लिहाज है ही नहीं. कुछ दिन तो नई बहू जैसी रहो!”
अब दीपा जो ख़ुशियों के पंख लगाए आई थी, तब उसे लगा कि धीरे-धीरे उसके पंख कुतरे जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: पति को ही नहीं, परिवार को अपनाएं, शादी के बाद कुछ ऐसे रिश्ता निभाएं! (Dealing With In-Laws After Marriage: Treat Your In-Laws Like Your Parents)


यहां शादी में भाई-बहन और भी बहुत से रिश्तेदार थे. पर उसने सोचा कि कौन सा हमेशा मुझे रहना है. इस तरह दीपा चुप रही. समय बीतता गया.
अब दोनों बहू-बेटा जाने लगे, तो पैर छूकर आशीर्वाद लिया. तभी उनके मुंह से आशीर्वाद निकला, “सदा ख़ुश रहो.”
दीपा ने तुरंत कहा, “मम्मीजी ख़ुश‌ रहने देंगी, तभी तो ख़ुश रहेंगे.”
इतना सुनते ही सास तुनक कर बोली, “मैंने तेरे साथ क्या कर दिया, जो ऐसा कह रही है.”
राहुल बोला, “मम्मी, आपने रीति-रिवाज़ के नाम पर इतनी रोक-टोक लगाई कि हम परेशान हो गए.”
फिर दीपा भी बोली, “मम्मी, केवल आधुनिकता पहनावा से नहीं होती, बल्कि सोच भी बदलनी पड़ती है. माना यहां पर्दा नहीं होता है. आपने ये बात इसलिए भी मानी, क्योंकि आप जानती थीं कि नौकरीवाली बहू कैसे पर्दा करेगी!
मम्मी, आपको अपनी सोच को भी बदलना होगा, तभी तो सही मायने में मेरी मां बन पाएंगी.”
आज सासू मां को समझ आ गया कि बहू-बेटे को यहां रहना है नहीं, इसलिए उन पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है. रीति-रिवाज़ जितने सीमित हो, उतने ही अच्छे, ताकि बहू-बेटे के साथ मधुरता बनी रहे.

– अमिता कुचया

यह भी पढ़ें: ससुराल के लिए खुद की ऐसे करें मानसिक रूप से तैयार… ताकि रिश्तों में बढ़े प्यार और न हो कोई तकरार (Adapting in A New Home After Marriage: Tips & Smart Ways To Adjust With In-Laws)

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES


अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का कलरएसेंस कॉस्मेटिक्स का गिफ्ट वाउचर.

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

कद्दू के उपयोगी घरेलू नुस्ख़े (Useful home remedies of pumpkin)

कद्दू में विटामिन ए, सी व ई के साथ-साथ फाइबर, पोटैशियम, बीटा-कैरोटीन पाए जाते हैं,…

July 5, 2025

काजोल- यहां हर‌ फ़ैसला एक कुर्बानी है… (Kajol- Yahaan har faisla ek kurbani hai…)

- 'मां' एक माइथोलॉजिकल हॉरर मूवी है. इसमें मैं लोगों को इतना डराउंगी... इतना डराउंगी…

July 5, 2025

पुरुषों के इन हेल्थ सिग्नल्स को न करें नज़रअंदाज़ (Men’s health: Critical symptoms that should never be ignored)

पत्नी, बच्चों और घर के दूसरे सदस्यों के जरा-सा बीमार पड़ने पर अक्सर पुरुष तुरंत…

July 5, 2025

कहानी- वे दोनों‌ (Short Story- Ve Dono)

"बाकी जो समय बचेगा, उसमें हम दोनों पुराने दिनों के सहारे जी लिया करेंगे." "ठीक…

July 5, 2025
© Merisaheli