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ससुराल के लिए खुद की ऐसे करें मानसिक रूप से तैयार… ताकि रिश्तों में बढ़े प्यार और न हो कोई तकरार (Adapting in A New Home After Marriage: Tips & Smart Ways To Adjust With In-Laws)

शादी जहां एक ओर कई हसीन और रंगीन सपने लाती है वहीं ढेर सारी जिम्मेदारियां भी उससे जुड़ जाती हैं, लेकिन अक्सरकुछ लोग ख़ासतौर से लड़कियां शादी को सिर्फ़ एक रंगीन व हसीन ज़िंदगी मानकर इससे जुड़ती हैं और फिर सारी उम्रबस शिकायतें ही करती रह जाती हैं. बेहतर होगा कि अपनी सोच बदलें और खुद को मानसिक तौर पर परिपक्व बनाएंऔर शादी के बाद ससुराल के लिए खुद को तैयार करें…

After Marriage
  • सबसे पहले तो नए घर में जाने से जुड़े अपने मन से सारे डर और सारी दुविधा निकाल दें.
  • ससुराल व सास-ससुर या ननद-देवर को लेकर कोई छवि या राय न बनाएं. 
  • सकारात्मक रहें, मन में नकारात्मक विचारों को न आने दें. 
  • ये न सोचें कि ये सब नए लोग हैं और ये सिर्फ़ आपका विरोध ही करेंगे या आप में कमियां ही निकालेंगे.
  • शादी से पहले हर काम ये सोचकर न करें कि अरे अब तो कुछ टाइम में शादी हो जाएगी, तब मैं ये नहीं कर पाऊंगी, ये नहीं पहन पाऊंगी, हंस नहीं सकूंगी, बात नहीं कर पाऊंगी… आदि… ये तमाम सोच ही नकारात्मक है, जो आपकोशादी व ससुराल के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होने देगी और आपको कमज़ोर बनाएगी.
  • बेहतर होगा कि आप अपनी सोच और मानसिकता को बदलें, ये सोचें कि नए घर में मैं ये करूंगी, ऐसे घर सजाऊंगी, ऐसे सबको अपना बना लूंगी.
  • अपने हुनर और गुणों पर ध्यान दें न कि कमियों पर. आपके यही गुण व हुनर आपको ससुराल के एक अलगआत्मविश्वास देगा, जिससे आप मेंटली स्ट्रॉन्ग रहेंगी. शांत मन से इसके बारे में सोचें. 
  • मन शांत होगा तभी सब बेहतर होगा. शांत मन से ये सोचें कि किस तरह आप अपने इस घर और रिश्तों को संजोकररखेंगी. 
  • अपनी अपेक्षाओं का दायरा बहुत न बढ़ाकर रखें. ये मानकर चलें कि मायके जैसा माहौल वहां नहीं होगा, इसलिएएडजेस्टमेंट के लिए तैयार रहें.
  • शादी के बाद बहुत कुछ बदल जाता है, लेकिन ज़िंदगी तो बदलाव का ही नाम है, इसलिए इन बदलावों के लिए खुदको तैयार रखें.
  • अब पहले की तरह सहेलियों के साथ घूमना-फिरना कम ही हो पाएगा और पहले जैसे आज़ादी भी नहीं रहेगी, क्योंकि शादी से जुड़े बंधन और मर्यादा आपके रिश्ते व भविष्य को बेहतर करेगी.
  • ज़िंदगी के इस बदलाव पर चिढ़ें नहीं, वर्ना आपके लिए ही मुश्किल होगी.
  • ग़ुस्सा कम करें, माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश ज़्यादा करें. अगर आपको जल्दी ग़ुस्सा आता है तो आपकोअपनी इस भावना पर काम करना होगा. 
  • अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सीखें. भावुक होकर कोई फ़ैसला न लें.
  • अपनी ज़रूरत की चीज़ें तो आप साथ लेकर जाएंगी ही, लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं जिनसे आप नए घर में भी कनेक्टकरके ज़्यादा खुश हो सकती हैं, जैसे- आपकी सुबह का रूटीन! जी हां, अगर आपको वॉक या जॉगिंग की आदत हैतो इसे न बदलें. ये हैबिट्स आपको मेंटली मज़बूत बनाएंगी.
  • लेकिन अगर आपको सुबह देर से उठने की आदत है तो बेहतर होगा इसे आप शादी से पहले ही बदलने की कोशिशकरें. कुछ अच्छी हैबिट्स डालें, अपना रूटीन बदलें, जॉगिंग या स्विमिंग जाना शुरू करें. ये आपको रिफ्रेश औरपॉज़िटिव बनाएगी. 
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  • अगर आप वर्किंग है तो इसका मतलब ये नहीं कि घर के काम को कम आंकें. शादी से पहले ही घर के कामों में हाथबंटाएं या कुकिंग क्लास जॉइन करें. कुछ नया ट्राई करें, ताकि ससुराल में भी आप अपनी कुकिंग स्किल का कमालदिखा सकें. 
  • वैसे भी रिसर्च कहते हैं कि कुकिंग एक थेरेपी है जो आपको क्रीएटिव तो बनाती ही है, साथ ही आपमें हैप्पी व फ़ीलगुड हार्मोन्स भी बढ़ाती है. 
  • माना नए रिश्तों के साथ आपकी दिनचर्या बदलेगी, काम, उम्मीदें व जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी, लेकिन अपने लिए थोड़ासमय ज़रूर निकालें. थोड़ा और जल्दी उठ जाएं और सुबह की सैर कर आएं. चाहें तो पति देव को भी साथ ले जाएंया घर कोई ऐसा सदस्य जिसे सुबह वॉक की आदत हो, उसके साथ जाया करें. 
  • अगर बाहर जाना फ़िलहाल मुश्किल लगे तो घर पर योगा व प्राणायाम करें. ये आपको न सिर्फ़ दिनभर की ताज़गीऔर ऊर्जा देगा बल्कि स्ट्रेसफ़्री भी रखेगा.
  • बेहतर होगा कि अपने ससुरालवालों को भी इसकी आदत डलवाएं. इससे सबका कनेक्शन भी बेहतर होगा और सबहैप्पी फ़ील करेंगे.
  • अगर आपके ससुराल में लोग ज़्यादा हेल्थ को लेकर अलर्ट नहीं हैं तो आप उनके लिए कुछ हेल्दी बनाएं या उन्हेंइसकी ज़रूरत का एहसास कराएं. उनके लिए डायट व एक्सरसाइज़ चार्ट बनाएं, इससे पॉज़िटिव माहौल बनेगा औरआप भी मानसिक रूप se नई ऊर्जा का अनुभव करेंगी. 
  • बहुत ज़्यादा शिकायतें करने से बचें. ये आदत आपको मानसिक रूप से कमजोर बना सकती है, क्योंकि इससेआपके मन में कुढ़ने की भावना जन्म लेगी. 
  • मायके से हर चीज़ की तुलना करके खुद को दुखी न करें वर्ना आप मेंटली एडजेस्ट नहीं हो पाएंगी.
  • ये मानकर चलें कि अब आपका एक और घर हो गया है, जिसे आपको बेहतर बनाना है, धीरे-धीरे आप अपनेअनुरूप यहां भी बदलाव ला सकेंगी, कुछ आपको यहाँ के अनुसार ढलना होगा तो कुछ लोगों को आप अपने अनुसारढाल पाएंगी.
  • बीच का रास्ता ही बेहतर होता है. अपने मन में ज़िद न करके बैठें कि सब कुछ पहले जैसा ही रहना चाहिए आपकीलाइफ़ में, क्योंकि इससे सिर्फ़ रिश्ते बिखरेंगे. 
  • मन में ईर्ष्या की भावना को भी जन्म न दें. तारीफ़ सुनने के लिए आपको भी तारीफ़ करने की आदत डालनी होगी. 
  • सास या ननद को आप भी कॉम्प्लिमेंट दें. उनकी खूबियों को सराहें. 
  • शिकायत करने की आदत न पड़ने दें. अच्छा सोचेंगी तो ज़िंदगी अच्छी और आसान लगेगी. पति को मुट्ठी में करलेनेवाली सोच मानसिक कमज़ोरी दर्शाती है. इससे बचें. सबको जोड़कर रखने के प्रयासों पर ज़ोर दें. ये आपकोअलग ही ख़ुशी और मानसिक बल देगा. 
  • इसी तरह ईगो और घमंड को अपने व्यवहार में न आने दें. अगर आपके स्वभाव में ये चीज़ें हैं तो इन्हें वक़्त रहते क़ाबूमें करें. 
  • दूसरों के गुणों और सफलता से जलें नहीं. मानसिक रूप से मज़बूत लोग जलने की भावना से दूर रहते हैं, क्योंकिजलन या द्वेष आपको बेहद कमजोर और टूटा हुआ बना देता है.
  • अतीत में जीना छोड़कर आगे की सोचें. आपके मायके में क्या था या आप वहां कितनी खुश थीं इस सोच को लेकरससुराल में न जाएं या न रहें. ये सोचें कि आपको नए रिश्ते और अच्छा घर मिला है, इसलिए इसे अब आपको औरबेहतर बनाना है ताकि आपकी ज़िंदगी व आपसे जुड़े नए लोग भी बेहतर महसूस करें.
  • तोड़ने की बजाय हमेशा जोड़ने की तरफ़ ही प्रयास करने हैं, इस सोच को खुद से कभी दूर न होने दें.
  • भले ही नए घर में कोई आपसे ज़्यादा खुश न हो, लेकिन आपको उनके प्रति भी अच्छी भावना बनाए रखनी है, अपनादिल बड़ा रखें, दिमाग़ खुला रखें. 
  • माफ़ करना सीखें. माफ़ करने वाला हमेशा बदला लेनेवाले से बड़ा होता है. 
  • बदले की भावना से बचें क्योंकि ये भी मानसिक कमज़ोरी को दर्शाती है. अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तोआपको उसे नादान समझकर माफ़ करना है, इस सोच के साथ खुद को तैयार करें.
  • बेहतर होगा कि कोई हॉबी क्लास जॉइन कर लें, इससे आपको नेगेटिव एनर्जी व नकारात्मक सोच बाहर निकलजाएगी और आप मेंटली फिट व पॉज़िटिव महसूस करेंगी.
  • इस पॉज़िटिविटी का असर आपके रिश्तों पर भी पॉज़िटिव पड़ेगा, वर्ना आप बुझी-बुझी रहेंगी तो रिश्तों की ऊर्जा कोभी ख़त्म होने में समय नहीं लगेगा.
  • हनी शर्मा 

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