लघुकथा- दंड संहिता (Short Story- Dand Sanhita)

क्षत्रिय को चार गुनी सज़ा मिलनी चाहिए, क्योंकि उसे शस्त्रों का ज्ञान अन्य लोगों की रक्षा करने हेतु दिया गया है, परन्तु रक्षा करने की बजाय उसने स्वयं हत्या की है. अपने हुनर का ग़लत फ़ायदा उठाया है. और ब्राह्मण, जो इन सब में विद्वान है उसे सबसे अधिक यानी क्षत्रिय से भी दुगना दंड मिलना चाहिए. उसका कर्त्तव्य लोगों का मार्गदर्शन करना है, ग़लत और सही की पहचान कराना है. यदि वह स्वयं अपराध करेगा, तो लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

महाभारत की कथाओं की विभिन्न व्याख्याएं हैं. इनमें से एक के अनुसार युधिष्ठिर को हस्तिनापुर के सिंहासन का उत्तराधिकारी दुर्योधन से उसकी ज्येष्ठता के कारण नहीं, बल्कि उसकी योग्यता के कारण चुना गया था. यही परंपरा भी थी।. पांडु पुत्र युधिष्ठिर धर्मानुसार आचरण करने वाला था, परन्तु दुर्योधन भी राजा बनना चाहता था और उसे अपने पिता का साथ प्राप्त था, जो स्वयं उस समय सिंहासन पर बैठे थे.
समस्या बहुत जटिल थी.
राजकुमारों की योग्यता परखने का काम परम ज्ञानी विदुर को सौंपा गया. धर्मग्रन्थों के ज्ञाता तो वह थे ही, अत्यंत न्याय प्रिय भी थे. उन्होंने दोंनो राजकुमारों के सम्मुख एक प्रश्न रखा-
“एक हत्या हुई है. उसे क्या दंड देना चाहिए, यदि हत्यारा-
(क) शूद्र है
(ख) वैश्य है
(ग) क्षत्रिय है
(घ) ब्राह्मण है…
सीधा-सा एक प्रश्न था और दुर्योधन ने तत्काल बहुत विश्वासपूर्ण कहा-
“अपराधी कोई भी हो, दंड एक समान होना चाहिए, बिना जाति का भेदभाव किए.”
ठीक ही तो है, हमें भी तो सदैव यही बताया गया है कि ‘क़ानून तो अंधा होता है. वह सब के लिए बराबर है.’
पर चलिए युधिष्ठिर का मत भी सुन लेते हैं.
“यदि एक शूद्र यह हत्या करता है, तो उसे इस अपराध के लिए राज्य द्वारा निर्धारित दंड मिलना चाहिए.
पर यदि हत्यारा एक वैश्य है, तो उसकी सज़ा शूद्र से दोगुनी होनी चाहिए, क्योंकि वह एक शिक्षित व्यक्ति है. उसे सही-ग़लत का ज्ञान है और वह यह भी जानता है कि उसे अपने किए का दंड भुगतना होगा.
क्षत्रिय को चार गुनी सज़ा मिलनी चाहिए, क्योंकि उसे शस्त्रों का ज्ञान अन्य लोगों की रक्षा करने हेतु दिया गया है, परन्तु रक्षा करने की बजाय उसने स्वयं हत्या की है. अपने हुनर का ग़लत फ़ायदा उठाया है.
और ब्राह्मण, जो इन सब में विद्वान है उसे सबसे अधिक यानी क्षत्रिय से भी दुगना दंड मिलना चाहिए. उसका कर्त्तव्य लोगों का मार्गदर्शन करना है, ग़लत और सही की पहचान कराना है. यदि वह स्वयं अपराध करेगा, तो लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? ऐसे समाज के भविष्य कैसे सुधर सकता है?”
पर आज के संदर्भ में इस कहानी का क्या औचित्य है?
सब कुछ उलट गया है आज के युग में. निम्नवर्गीय सब से अधिक परेशान किया जाता है. जितना वह ग़रीब, उतनी ही सख़्त उसकी सज़ा.
अपराधी बड़ा आदमी है, बड़े लोगों तक उसकी पहुंच है, तो वह छूट जाता है.
हत्यारा है तो क्या?
शिक्षा केन्द्रों में बलात्कार, न्यायालय में भ्रष्टाचार, यही हमारे हर रोज़ के समाचारपत्रों की ख़बरें होती हैं.
पुलिस के संरक्षण में लोग सुरक्षित नहीं, बल्कि अधिक भयभीत रहते हैं…
क्या एक सभ्य समाज में इससे बुरा कुछ हो सकता है?
क्या हमारे इसी समाज के लिए धर्मराज युधिष्ठिर ने अज्ञानी को कम और सबल को कठोर दण्ड देने की बात कही थी? इन बातों पर विचार करिएगा और अपनी राय ज़रूर दीजिएगा.

उषा वधवा


यह भी पढ़ें: काव्य- ईश्वर की खोज जारी है… (Kavya- Ishwar Ki Khoj Jari Hai…)

अधिक शॉर्ट स्टोरीज के लिए यहाँ क्लिक करें – SHORT STORIES

Usha Gupta

Recent Posts

बीमारियों से दिलाएंगी छुटकारा अदरक की ये इफेक्टिव होम रेमेडीज़ (11 Surprising Health Benefits Of Ginger)

यूं तो अदरक हमारे रोज़मर्रा के खानपान में शामिल ही रहता है, फिर वो सुबह…

April 16, 2024

लहान मुलांना धाडस आणि जिद्दीचं बाळकडू देणाऱ्या ॲनिमेटेड ‘बुनी बियर्स’ चित्रपटाचे पोस्टर लॉंच! (The Poster Launch Of The Animated Movie ‘Bunny Bears’, Which Gives Courage And Stubbornness To Children!)

कोवळ्या वयात असणाऱ्या मुलांच्या अंगी चांगल्या संस्कारांची जर पेरणी झाली, तर मुलं मोठी होऊन नक्कीच…

April 16, 2024

‘कौन बनेगा करोडपती’च्या १६ व्या सीझनची घोषणा, अमिताभ बच्चनचा प्रोमो व्हायरल ( Kaun Banega Crorepati 16 Promo Registration Begins Amitabh Bachchan Announces It)

'कौन बनेगा करोडपती'च्या चाहत्यांसाठी एक आनंदाची बातमी आहे. अमिताभ बच्चन लवकरच त्यांच्या शोच्या 16व्या सीझनसह…

April 16, 2024
© Merisaheli