“हां! हां ! मैं भी सच कहती हूं कुछ महीनों से मैं भी अग्नि स्नान का दंश झेलती रही हूं……
“मतलब… मतलब… तुम्हारे और मेरे बीच जो भी आएगा ईश्वर उसको दंड देंगे.. और क्या?” विशाल हडबड़ा गया था.…
“यह क्या हो गया विशाल… शायद मैंने तुम्हारे प्यार की अवहेलना की… यह उसी का फल है… सच कहती…
आज समीर के हृदय में सुरभि के साथ बिताए कुछ अनमोल क्षणों की किर्चे भी चुभन पैदा कर रही…
समीर ने भीगी आंखों से मां को देखते हुए किसी तरह धीमी आवाज़ में कहा, “मैंने किसका क्या बिगाड़ा…
“कितनी बार कहा है कार धीरे चलाओ... पर वह मेरी बात सुनता ही कहां है?” अनुराधा कहती जा रही…