“क्यों इतना खून जला रही हो गुड़िया. ऐसा क्या ग़ज़ब हो गया? वो भी इंसान है, बाल-बच्चोंवाली है. क्या उसे…
नलिन मेरा पहला प्यार था, मेरा मार्गदर्शक, बंधू, सखा, सब कुछ. उसी से तो मैंने जीना सीखा था, स्वयं से…
उसे देखकर मुझे अपनेपन का एहसास होने लगा था. एक ऐसा साथी, जिसके साथ मैं अपने मन की हर बात…
चाची अपने दोनों बच्चों को ख़ूब लाड़-प्यार करतीं. बच्चे भी ज़िदकर उनसे अपनी बात मनवा लेते. तारा कभी अपनी सहेली…
सभी का इतना स्नेह और प्रेम पा उसके दिल में बुझ रही प्रेम की चिंगारी फिर से भड़क उठी और…
ऐसा क्यों होता है कि जब भी कोई स्त्री अपने लिए जीना चाहती है, तो ग़लत ठहराई जाती है? दूसरों…
यह सच था कि कावेरी को कभी भौतिक सुख-सुविधा के साधन और अर्थ की ज़्यादा कमी नहीं हुई, पर प्यार…
“आत्मा की मुक्ति अपने अच्छे-बुरे कर्मों से होती है, किसी कर्मकांड से नहीं और आज एक बात कान खोलकर सुन…
“वो क्या रोकता. वो तो अपनी मां का पिछलग्गू था. मैंने भी सोचा, परे हटाओ ऐसे मरद को, जो दुख-दरद…
कहने को तो पूरा परिवार देवी मां का परम भक्त था, लगभग रोज़ ही किसी न किसी घर में देवी…
स्निग्धा बेड पर कभी अपने बच्चों को देखती और कभी कमरे के सूनेपन को. रहा नहीं गया, तो आधी रात…
इस उमंग में उन सभी को लग रहा था कि इतने कम समय में मनोज के परिवार से दिल नहीं…