उसकी तोतली बोली पहली बार साम्या के कानों में मिश्री घोल रही थी. उसकी उजली हंसी साम्या की आत्मा पर…
“मैंने बहुत कोशिश की कि मैं वहां से भाग जाऊं, पर मैं तो जैसे किसी अंधे कुएं में गिर…
क्या लड़का है! कितने अधिकार से अपनी पसंद बताकर लौट गया. सीटी तो ऐसे बजा रहा है, जैसे उसका…
मैं तो आजकल कुछ अधिक ही भावुक होती जा रही हूं. इतने प्यारे और आज्ञाकारी बच्चों के रहते भला…
मैं सोचने लगी- यह एकदम कैसा बदलाव आ गया विजय पाल में. प्रायश्चित के किस क्षण ने उनकी आंखों पर…
पमा मलिक वह आराम से आठ बजे सोकर उठती, चाय पीती,…