World Poetry Day

विश्व कविता दिवस पर विशेष: कविता- चक्रव्यूह (World Poetry Day: Poem- Chakravyuh)

यह युद्ध की ललकार तो नहीं थी फिर क्यों? तुम्हारे अदृश्य चक्रव्यूह की दुरूह रचना में मैं स्वयं ही चली…

March 21, 2023

विश्व कविता दिवस पर विशेष: कविता- मैं अपने हर अनकहे चुप के, नये आकार लिखती हूं… (World Poetry Day: Kavita- Main Apne Har Ankahe Chup Ke, Naye Aakar Likhti Hun…)

कभी तेरा-कभी मेरा, मैं दिल का हाल लिखती हूं कहूं कैसे कि बहाने से, मैं मन बेहाल लिखती हूं गढ़ती…

March 21, 2022

विश्‍व काव्य दिवस- मैं जब भी अकेला होता हूं… (World Poetry Day- Main Jab Bhi Akela Hota Hoon…)

World Poetry Day मैं जब भी अकेला होता हूं क्यों ज़ख़्म हरे हो जाते हैं क्यों याद मुझे आ जाती…

March 21, 2018
© Merisaheli