कभी तेरा-कभी मेरा, मैं दिल का हाल लिखती हूं कहूं कैसे कि बहाने से, मैं मन बेहाल लिखती हूं गढ़ती…
World Poetry Day मैं जब भी अकेला होता हूं क्यों ज़ख़्म हरे हो जाते हैं क्यों याद मुझे आ जाती…