यह युद्ध की ललकार तो नहीं थी
फिर क्यों?
तुम्हारे अदृश्य चक्रव्यूह की
दुरूह रचना में
मैं स्वयं ही चली आई हूँ
वीर अभिमन्यु की तरह
और अब लौटने का पथ ज्ञात नहीं
या कहूँ
मैं लौटना चाहती ही नहीं
यद्यपि आकण्ठ डूबी हूँ यहाँ
तुम्हारे प्यार की दलदल में
सब ओर से घिरी हूँ
तुम्हारी उपस्थिति के एहसास से
और जानती हूँ कि
मेरा अंत यहीं निश्चित है
पर मैं मृत्यु से घबराती नहीं
अभिमन्यु हूँ न!
बस शर्त यही है
कि तुम सामने डटे रहो
हालाँकि
यह युद्ध की ललकार नहीं है!
यह भी पढ़े: Shayeri
Photo Courtesy: Freepik
एक्शन हीरो के रूप में अपना एक अलग मुक़ाम बनाया है टाइगर श्रॉफ ने. उनसे…
सोशल मीडिया पर दीपिका पादुकोण की लेटेस्ट फोटो बड़ी तेज़ी से वायरल हो रही हैं.…
जेव्हापासून झीनत अमानने सोशल मीडियावर प्रवेश केला, तेव्हापासून त्या तरुण पिढीमध्ये लोकप्रिय झाल्या आहे. झीनत…
मराठीसह हिंदी गायक, संगीतकार म्हणून मराठी घराघरांत आणि मनामनात पोहोचलेलं एक अजरामर नाव म्हणजे स्वरगंधर्व…
रामानंद सागर यांच्या 'रामायण'मध्ये श्री रामची भूमिका करून लोकांची मने जिंकणाऱ्या अरुण गोविल (टीव्ही राम…
हाल ही में रिलीज हुई अमर सिंह चमकीला में अमरजोत कौर का किरदार निभाने के…