यह युद्ध की ललकार तो नहीं थी
फिर क्यों?
तुम्हारे अदृश्य चक्रव्यूह की
दुरूह रचना में
मैं स्वयं ही चली आई हूँ
वीर अभिमन्यु की तरह
और अब लौटने का पथ ज्ञात नहीं
या कहूँ
मैं लौटना चाहती ही नहीं
यद्यपि आकण्ठ डूबी हूँ यहाँ
तुम्हारे प्यार की दलदल में
सब ओर से घिरी हूँ
तुम्हारी उपस्थिति के एहसास से
और जानती हूँ कि
मेरा अंत यहीं निश्चित है
पर मैं मृत्यु से घबराती नहीं
अभिमन्यु हूँ न!
बस शर्त यही है
कि तुम सामने डटे रहो
हालाँकि
यह युद्ध की ललकार नहीं है!
यह भी पढ़े: Shayeri
Photo Courtesy: Freepik
राजकुमार राव ऐसे अभिनेता हैं, जो हर भूमिका को बख़ूबी निभाते हैं, फिर चाहे अभिनेता…
ज़िंदगी को आसान और आरामदायक बनाने के लिए लोग अब बैंक लोन पर तमाम सुविधाएं…
छोटे परदे के सेलिब्रेट कपल शोएब इब्राहिम और दीपिका कक्कड़ ने साल 2023 में बेबी…
भावनाओं के कशमकश में तनी दूर्वा सोच रही थी कि काल्पनिक पात्रों के कारण सजीव…
माही विज और जय भानुशाली के तलाक की खबरों में कितनी सच्चाई है ये मालुम…
अभिनेत्री नीतू कपूर आज अपना 67 वां जन्मदिन मना रही हैं. इस ख़ुशी के मौक़े…