कुछ बच्चे स्वभाव से लापरवाह होते हैं. अपने सामान और खिलौनों का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते हैं. ऐसे में ज़रूरत हैं उन बच्चों को सुधारने की, उन्हें सिखाने की. ताकि भविष्य में की गई छोटी-सी लापरवाही उनका करियर और लाइफ बर्बाद होने से बचा सके. यहां पर बताए गए इन तरीकों को अपनाकर पैरेंट्स बच्चों को बना सकते है ज़िम्मेदार.
बच्चों में लापरवाही की आदत को दूर करना पैरेंट्स की ज़िम्मेदारी है. उनमें छोटे-छोटे बदलाव करके पैरेंट्स बच्चों की लापरवाही की बुरी आदत को सुधार सकते हैं. चलिए जानते हैं किन तरीकों को अपनाकर पैरेंट्स बच्चों में लापरवाही की आदत को दूर कर सकते हैं.
1. ज़िम्मेदार बनाएं: पैरेंट्स बच्चे की लापरवाही की आदत छुड़ाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस पर बचपन से ही छोटी-छोटी ज़िम्मेदारी डालें. उसे समझाएं कि ज़िम्मेदारी को चुनौती की तरह नहीं, बल्कि फनी तरीके से निभाया जा सकता है. इससे बच्चा खुद से चीजों की केयर करना सीखेगा और चीजों को संभालकर रखेगा
2. ज़िम्मेदारी का अहसास कराएं: समय-समय पर बच्चे को अहसास कराएं कि अब वह बड़ा हो गया और अपनी चीज़ों और सामान की केयर खुद कर सकता है. उसके सामान की देखभाल करना, पैरेंट्स का काम नहीं उसकी ज़िम्मेदारी है.
3. कम चीजें खरीदें: कुछ पैरेंट्स बच्चे की हर अनचाही डिमांड को पूरा करते हैं. चाहे बच्चे को उन चीजों की जरूरत न भी हो फिर भी उसके लिए खरीद कर ले आते हैं. जब चीज़ें जरूरत से ज़्यादा जमा हो जाती हैं, तो खुद ब खुद लापरवाह बन जाता है.
4. आवश्यकता पड़ने पर ही दिलाएं: पैरेंट्स जब खुद ही बच्चे को बल्क में सामान खरीद कर देते हैं बच्चा नई चीज आने पर पुरानी चीजों को फेंक देता है या रिजेक्ट कर देता है. बच्चे सामान की केयर करना सीखें, इसके जरुरी है कि बच्चे को जरूरत पड़ने पर ही नई चीज दिलाएं. कम सामान होने पर वः अपने आप ही अपनी चीज़ों की केयर करेगा।
5. सफाई के फ़ायदे बताएं: बच्चों को अपने खिलौने, किताबें और कॉपियां फैलाने में ज़रा भी देर नहीं लगती है. लेकिन जब उन्हें सँभालने के लिए कहा जाए, तो बचने की कोशिश करते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चे को सफाई का महत्व बताएं और ये भी समझाएं कि इधर-उधर बिखेरे हुए खिलौनों से घर गन्दा होता है और देखने में भी अच्छा नहीं लगता है. इतने ही नहीं पसारी हुई चीज़ों और खिलौनों से उसे चोट लग सकती है.
अगर बच्चा पैरेंट्स की बात नहीं मानता है, तो बच्चे को सबक सिखाने के लिए चाहिए कि पैरेंट्स भी उसके सामान को न तो संभाले और न ही केयर करें. जब बच्चा प्रेक्टिकली चीजों का अनुभव करेगा तो वह अपनी चीज़ों की देखभाल करना ज़रूर सीखेगा.
6. टारगेट पूरा करने पर बच्चे को दें रिवॉर्ड: अगर बच्चा चीजों की अच्छी तरह केयर करे, अपनर बिखरे हुए सामान को उठाकर सही जगह पर रखे, तो पैरेंट्स की ज़िम्मेदारी बनती है कि बच्चे को छोटे-छोटे रिवॉर्ड दे सकते हैं. रिवॉर्ड मिलने के लालच में भी बच्चा आसानी से अपने सामान की केयर करना सीख जाएगा और धीरे-धीरे ये उसकी आदत में शुमार हो जायेगा.
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