सजंय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में आखिरी बार नज़र आने के करीब चार साल बाद एक बार फिर से रणबीर कपूर बॉक्स ऑफिस पर धमाल…
सजंय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में आखिरी बार नज़र आने के करीब चार साल बाद एक बार फिर से रणबीर कपूर बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने को तैयार हैं. जी हां, रणबीर कपूर इन दिनों अपनी फिल्म ‘शमशेरा’ के धुआंधार प्रमोशन में बिज़ी हैं. यह फिल्म सिनेमाघरों में 22 जुलाई 2022 को रिलीज़ होने वाली है, ऐसे में इस फिल्म के प्रमोशन में रणबीर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हाल ही में रणबीर कपूर ‘शमशेरा’ के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे, जहां वो मीडिया से रूबरू हुए और फैन्स के लिए अपनी खास परफॉर्मेंस दी. इसके साथ ही एक्टर ने उस वजह का खुलासा किया, जिसके चलते वो फिल्म ‘संजू’ के बाद करीब चार साल तक फिल्मों से दूर रहे.
आखिर चार साल तक फिल्मों से रणबीर कपूर क्यों दूर रहे? इसकी वजह जानने से पहले हम आपको बता दें कि दिल्ली में फिल्म के प्रमोशन के दौरान रणबीर कपूर के अलावा डायरेक्टर करण मल्होत्रा, को-एक्टर संजय दत्त और एक्ट्रेस वाणी कपूर भी मौजूद थीं. फिल्म से सितारों और डायरेक्टर ने अपनी मौजूदगी से जैसे सारी महफिल लूट ली.
मीडिया से रूबरू होते हुए रणबीर कपूर ने चार साल तक पर्दे से दूर रहने के बारे में खुलकर बात की और इसकी वजह भी बताई. आपको बता दें कि रणबीर कपूर साल 2018 में आखिरी बार फिल्म ‘संजू’ में नज़र आए थे और इतने लंबे अंतराल के बाद अब उनकी फिल्म ‘शमशेरा’ रिलीज़ होने वाली है.
इस मौके पर रणबीर कपूर ने बताया कि संजू के बाद वो ‘शमशेरा’ और ‘ब्रह्मास्त्र’ की शूटिंग में बिज़ी हो गए थे. ये दोनों फिल्में बड़ी बजट की फिल्में थीं, इसलिए इनमें काफी टाइम लगना था. इसके साथ ही एक्टर ने बताया कि इन दोनों फिल्मों की शूटिंग के अलावा उनके पति ऋषि कपूर की तबीयत भी ठीक नहीं थी और उस दौरान कोरोना महामारी भी आ गई थी.
फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर रणबीर ने बताया कि जब उन्होंने यह फिल्म साइन की थी तो उनके पिता ऋषि कपूर काफी खुश थे, रणबीर की मानें तो उनके पिता ऋषि कपूर को लगता था कि फिल्मों की पसंद को लेकर उनके बेटे का टेस्ट बहुत खराब है. इसके साथ ही एक्टर ने कहा कि उनके लिए फिल्म में एक्शन करना काफी मुश्किल था. खासकर फिल्म का क्लाइमैक्स पार्ट करने में तो जैसे उनकी जान पर बन आई थी. इस पार्ट को शूट करने में 15 दिन लगे थे और इसमें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी.
गौरतलब है कि जब रणबीर कपूर ने सजंय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में काम किया था, तब से वो चाहते थे कि वो संजय दत्त के साथ किसी फिल्म में काम करें और उनका यह सपना आखिरकार पूरा हो ही गया. फिल्म ‘शमशेरा’ में रणबीर कपूर और संजय दत्त ने साथ काम किया है. फिल्म में एक तरफ जहां रणबीर कपूर पिता और बेटे के डबल रोल में नज़र आने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ संजय दत्त विलेन का किरदार निभाते दिखेंगे. वाणी कपूर रणबीर के अपोज़िट नज़र आएंगी. बहरहाल, इन कलाकारों के अलावा फिल्म में रोनित रॉय, सौरभ शुक्ला और आशुतोष राणा जैसे सितारे भी नज़र आएंगे.
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…