डांस करना एक अच्छी हॉबी है. जिन बच्चों की डांस में रुचि है, उन्हें 4-5 साल की उम्र में डांस क्लास जॉइन करा देना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में शरीर बहुत लचीला होता है और डांस सीखने में आसानी होती है. आजकल टीवी पर आनेवाले रियलिटी शोज़ भी डांसर्स के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म है. बड़े होकर कोरियोग्राफर, एक्टर, डांसर के रूप में करियर बनाने में भी मदद मिलती है.
संगीत एक बहुत अच्छी हॉबी है. अगर बच्चे की गाने में रुचि है, तो छुट्टियों में उसे संगीत सिखाया जा सकता है या फिर कोई म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट सीखा जा सकता है.
बहुत–से बच्चों को पेंटिंग करना पसंद होता है. अगर आप देखें कि बच्चा काग़ज़ पर रंगों से चित्र बना रहा है या अक्सर वह पेंसिल से ही कुछ न कुछ बनाता रहता है, तो यह उसके लिए बहुत अच्छी हॉबी साबित होगी. आप उसे स्केचिंग क्लास भी जॉइन करा सकते हैं. पेंटिंग से क्रिएटिविटी को पंख मिलते हैं. पेंटिंग में बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे– वॉटर कलर पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, फैब्रिक पेंटिंग आदि. आजकल तो कई बड़े ब्रांड्स में एडल्ट कलरिंग बुक्स भी बाज़ार में उपलब्ध हैं. कलरिंग ऐसी कला है, जो बड़ों को भी बच्चों की तरह व्यस्त रख सकती है. आप किसी ख़ास तरह की पेंटिंग, जैसे– मधुबनी, सांगानेरी, कोलम और कश्मीरी ट्राई कर सकते हैं.
लिखना एक बेहतरीन हॉबी है. लिखने से बच्चों की कल्पना को काफ़ी विस्तार मिलता है. बच्चे को कम उम्र से ही डायरी लिखने की आदत डाली जा सकती है. इसके अतिरिक्त बच्चों को कहानी, कविता, उपन्यास आदि लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा सकता है. इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी और हो सकता है बड़े होकर वे लेखक या लेखिका बन जाएं. कई राइटिंग वर्कशॉप्स भी होती हैं, जहां बच्चों को भेजा जा सकता है.
गर्मी की छुट्टियों में आप चाहें, तो बच्चे को स्विमिंग सिखा सकते हैं और उनके साथ ख़ुद भी कर सकते हैं. यह एक अच्छी एक्सरसाइज़ तो है ही, साथ ही इससे बच्चों का माइंड भी फ्रेश होता है. इसके कारण उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है. गर्मियों में तो ख़ासकर यह हॉबी बहुत ही अच्छी है.
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आमतौर पर हर घर में छोटा–सा बगीचा या बरामदों में ही पौधे लगे होते हैं. प्रकृति से हम हमेशा कुछ न कुछ सीखते हैं. बच्चों को यदि गार्डनिंग सिखाई जाए, तो इसके कारण बच्चों को प्रकृति से जुड़ने का मौक़ा मिलता है. उन्हें नए फूल–पौधों की जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्हें नर्सरी ले जाएं और उनकी पसंद के प्लांट्स चुनने का अवसर दें.
बच्चों के लिए यह उनकी सबसे पसंदीदा हॉबी है. इसमें उन्हें हर रोज़ कुछ नया सीखने व करने का मौक़ा मिलता है. इससे जुड़े बहुत सारे कोर्स समर हॉलीडेज़ में चलते हैं. आप चाहें तो घर में पड़ी बेकार वस्तुओं से भी उन्हें कलात्मक व उपयोगी चीज़ें बनाना सिखा सकते हैं. बच्चा बहुत छोटा है, तो कलर्ड पेपर्स व क्ले से अलग–अलग चीज़ें बना सकता है. वैसे भी आर्ट एंड क्राफ्ट एक्टिविटी आजकल छोटी क्लास से ही शुरू हो जाती है. इसके अलावा पेपरमैशी, डॉल मेकिंग, फ्लावर मेकिंग आदि के कोर्स भी किए जा सकते हैं.
घर में बच्चों को टीवी दिखाने से अच्छा है कि आप बच्चों के साथ गेम्स खेलें. सारे दिन मोबाइल गेम्स में वे उलझे न रहें, इसलिए बोर्ड गेम्स जिनकी आज बहुत वेराइटी उपलब्ध है, उनके साथ खेलें या उन्हें अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित करें. मोबाइल व वीडियो गेम्स की लत लगने से बच्चे आउटडोर गेम्स कम खेलने लगे हैं. उन्हें बाहर ले जाएं और क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल जैसे खेलों को खेलने के लिए प्रेरित करें. साइकिलिंग भी की जा सकती है.
आपके घर के आसपास जितने भी एक उम्र के बच्चे रहते हैं, उनका एक प्ले ग्रुप बनाएं. अब बच्चों के इस प्ले ग्रुप को अपने घर पर, पार्क या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर हर दिन इकट्ठा करें. इस प्ले ग्रुप में बच्चे एक साथ मिलकर कोई मज़ेदार खेल खेल सकते हैं. मज़ेदार कहानियां एक–दूसरे को सुना सकते हैं या फिर अपना कोई ख़ास गुर अपने दोस्तों को सिखा सकते हैं. बच्चों को दूसरे बच्चों का साथ मिलेगा, तो न स़िर्फ उनकी छुट्टियां मज़ेदार बनेंगी, बल्कि वो सुबह से इस मौ़के के इंतज़ार में रहेंगे.
आप कब से चाह रही थीं कि मॉर्निंग वॉक करने या फिर एक्सरसाइज़ करने के लिए व़क्त निकालें, पर सुबह बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करने, लंच बनाने और उसे बस स्टॉप तक छोड़ने की भागमभाग में एक्सरसाइज़ के लिए आपको व़क्त ही नहीं मिल पाता था, पर अब तो सुबह–सुबह इस तरह की कोई ज़िम्मेदारी नहीं, तो सुबह के व़क्तघर के पासवाले पार्क में जाइए और बच्चे को भी साथ ले जाइए. अपने साथ–साथ बच्चे का फिटनेस लेवल भी बढ़ाइए. आप चाहें, तो उसके साथ दौड़ भी लगा सकती हैं. बच्चे की सुबह भी मज़ेदार हो जाएगी और आप फिट भी हो जाएंगी.
– सुमन बाजपेयी
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