लंबी सांस लेने को कहें
दिल का दौरा पड़ने पर आमतौर पर लोग घबरा जाते हैं. ऐसे में मरीज़ की हालत और बिगड़ सकती है. आप अगर समझदारी से काम लें, तो हॉस्पिटल पहुंचने तक पीड़ित को थोड़ा आराम मिल सकता है. हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले घर के सभी खिड़की-दरवाज़े खोल दें. घर में पर्याप्त हवा आने दें. अब मरीज़ को लंबी-लंबी सांस लेने को कहें. इससे उसे पूरी तरह से ऑक्सीजन और आराम मिलेगा.
उल्टी जैसा महसूस हो तो
दिल का दौरा पड़ने पर बहुत से लोगों को उल्टी होने का आभास होता है. ऐसे में मरीज़ को बैठकर या खड़े होकर सीधे उल्टी करने को न कहें. इससे उसके फेफड़ों पर ज़ोर पड़ेगा. उल्टी होने जैसा महसूस होने पर उसे एक तरफ़ मुड़कर उल्टी करने को कहें, ताकि उल्टी फेफड़ों में न भरने पाए. इससे मरीज़ को परेशानी नहीं होगी. उसे आराम मिलेगा.
पल्स रेट जांचें
हार्ट अटैक होने पर घबराने की बजाय मरीज़ के गले के साइड में हाथ रखकर पल्स रेट चेक करें. यदि पल्स रेट 60 या 70 से भी कम हो, तो समझ लें कि ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) बहुत तेज़ी से गिर रहा है और मरीज़ की हालत गंभीर है. ऐसे में सबसे पहले अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें और उनके निर्देशानुसार मरीज़ का इलाज करवाएं.
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सीधा लिटाएं
दिल का दौरा पड़ने पर दिल तक ब्लड की सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पाती. ऐसे में मरीज़ की हालत और बिगड़ने लगती है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर के आने से पहले आप उसे सीधा लिटाएं. सिर के नीचे भूलकर भी तकिया न लगाएं. पैरों के नीचे एक के बदले कई तकिया लगाएं, जिससे पैर ऊपर की ओर उठे रहें. इससे पैरों के ब्लड की आपूर्ति हृदय की ओर होगी और ब्लड प्रेशर नॉर्मल होगा. ऐसा करने से डॉक्टर के आने तक मरीज़ की हालत में थोड़ा सुधार हो सकता है.
ज़ोर से खांसने को कहें
दिल का दौरा पड़ने पर मरीज़ को तेज़ी से खांसने को कहें. खांसी इतनी तेज़ हो कि चेस्ट से थूक बाहर निकले. ऐसा करने पर मरीज़ को थोड़ी राहत महसूस होगी.
चेस्ट को दबाएं
जब किसी को अचानक दिल का दौरा पड़े, तो उसे सीधा लिटाकर ज़ोर से उसकी छाती को दबाएं. ये प्रक्रिया कई बार दोहराएं. इससे थोड़ी ही देर में मरीज़ को राहत मिलेगी.
गीला तौलिया रखें
दिल का दौरा पड़ने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है. ऐसे में मरीज़ को बहुत ज़्यादा परेशानी होती है. सीधा लिटाने के बाद मरीज़ के दोनों अंडरआर्म्स के नीचे गीला तौलिया रखें. इससे शरीर का तापमान गिरेगा और मरीज़ को राहत मिलेगी.
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गोद में न लिटाएं
हॉस्पिटल ले जाते समय मरीज़ का सिर अपनी गोद में रखने की बजाय, उसे गाड़ी में सीधा लिटाएं. इससे ब्लड सर्कुलेशन बराबर होगा और मरीज़ को राहत मिलेगी.
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