Gynae Problems Q&A

Personal Problems: पति-पत्नी दोनों का ब्लड ग्रुप एक होने पर क्या समस्या हो सकती है? (Will Having The Same Blood Group Cause Problems In Future?)

मैं 35 वर्षीया महिला हूं. मेरी समस्या यह है कि मैं हर घंटे में टॉयलेट जाती हूं, रात में भी कम से कम 4-5 बार टॉयलेट जाना पड़ता है. कई बार मैंने यूरिन टेस्ट भी करवाया, लेकिन रिपोर्ट नॉर्मल आई. मैं बहुत परेशान हूं. कृपया, उपाय बताएं?
– बरखा माणिक, शिलांग.

आपको ‘ओवरएक्टिव ब्लैडर’ यानी बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है. इसके लिए आपको यूरोडायनेमिक टेस्ट कराने होंगे, जो मूत्र संबंधी बीमारियों के लिए कराए जाते हैं. आप किसी यूरोलॉजिस्ट या गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करें, जो बार-बार पेशाब जाने और ब्लैडर में होनेवाली गड़बड़ी के बारे में आपको सही जानकारी देंगे और उसका इलाज करेंगे. यदि दवाओं से आपको आराम नहीं होता तो बोटोक्स इंजेक्शन या सर्जरी के द्वारा भी इसका इलाज किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें: Personal Problems: प्रेग्नेंसी में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Do’s And Don’ts For A Safer Pregnancy)

मैं 25 वर्षीया युवती हूं. मेरी शादी होनेवाली है. मेरे मंगेतर का और मेरा ब्लड ग्रुप एक ही है. क्या पति-पत्नी दोनों का ब्लड ग्रुप समान होने पर भविष्य में किसी तरह की समस्या हो सकती है?
– मीनल सक्सेना, लखनऊ.

ज़रूरी नहीं कि आपका और आपके मंगेतर का ब्लड ग्रुप समान है, तो आपकी शादीशुदा ज़िंदगी में किसी तरह की कोई समस्या हो. कुछ केसेस में, यदि महिलाओं का ब्लड ग्रुप ‘आरएच’ निगेटिव है और पति का पॉज़िटिव तो प्रेग्नेंसी के समय कुछ समस्या हो सकती है, विशेष रूप से पहली प्रेग्नेंसी के बाद. पहली प्रेग्नेंसी के दौरान यदि बच्चे का ब्लड ग्रुप पॉ़ज़ीटिव है, तो डिलीवरी के समय उसके ब्लड सेल्स मां के ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसा मां के शरीर में एंटीबॉडीज़ के प्रोडक्शन के कारण होता है. अगली प्रेग्नेंसी में ये एंटीबॉडीज़ मां के शरीर से बच्चे में पास हो सकती हैं और उसके ब्लड सेल्स को नष्ट कर सकती हैं, जिससे बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है और उसकी जान को ख़तरा भी हो सकता है. इसलिए सावधानी के तौर पर हर महिला को प्रत्येक डिलीवरी के 72 घंटे के अंदर एंटी डी इंजेक्शन लेना चाहिए, जिससे ‘आरएच’ पॉ़ज़िटिव ब्लड सेल्स और एंटीबॉडीज़ फ़ॉरमेशन को बेअसर किया जा सके. एबॉर्शन और प्रेग्नेंसी की स्थिति में यह इंजेक्शन लेना ज़रूरी है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान कराए जानेवाले ब्लड टेस्ट मेंे एंटीबॉडी लेवल टेस्ट किया जाता है.

यह भी पढ़ें: Personal Problems: 3-4 महीनों के बाद पीरियड्स आते हैं (Why My Periods Are 3-4 Months Late?)

डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
rajshree.gynoncology@gmail.com

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Aneeta Singh

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