कौन कहता है इनके लफ़्ज़ों में आवाज़ नहीं है… कौन कहता है इनके सपनों में आग नहीं है… कौन कहता है ये बेड़ियों में बंधी पैरों की खनकती पायल हैं… कौन कहता है इनकी चूड़ियों में वो अंदाज़ नहीं है… इनकी ख़ामोशियां जब-जब टूटी हैं, ज़माने में इन्हीं की आवाज़ गूंजी है… इनके ख़्वाबों ने जब पंख फैलाए हैं… सितारे ज़मीन पर उतर आए हैं… अब मत कहना कि दम नहीं है, तो पहन लो चूड़ियां… अब मत कहना कि कमज़ोरी की निशानी होती हैं साड़ियां… क्योंकि अब कुछ भी साबित करना ज़रूरी नहीं, बेजोड़-बेमिसाल हैं हमारी बहन-बेटियां…!
भारत की बेटियां हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं और हमें कई वजह दे रही हैं कि हम उन पर नाज़ करें. इन्हीं में से कुछ का हम यहां ज़िक्र कर रहे हैं, जिनका ज़िक्र नहीं हो पाया, उन्हें भी हमारा सलाम!
मेनका गुरुस्वामी: एक वकील के तौर पर सालों तक लड़ाई की और अंतत: सेक्शन 377 को सुप्रीम कोर्ट ने जब स्क्रैप किया, तो इन्हें जीत मिली.
निर्मला सीतारमण: भारत की पहली फुल टाइम महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी बेबाक़ी और कठोर निर्णय लेने के लिए जानी जाती हैं. रक्षा से जुड़े कई अहम् मुद्दों पर इन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया.
तान्या सन्याल: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त की गई पहली महिला फायर फाइटर हैं.
उषा किरन: कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेज़ोल्यूट एक्शन) का हिस्सा बननेवाली सबसे युवा सीआरपीएफ ऑफिसर बनीं, जो छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली क्षेत्र में कार्यरत हैं. कोबरा दरअसल, सीआरपीएफ की स्पेशलाइज़्ड यूनिट होती है, जो गुरिला टैक्टिक्स और जंगल वॉरफेयर में माहिर मानी जाती है.
राहीबाई सोमा पोपरे: अहमदनगर ज़िले से ताल्लुक रखनेवाली राहीबाई किसान हैं, जिन्हें ‘महाराष्ट्र की सीड मदर’ के नाम से भी जाना जाता है. एग्रो-बायोडायवर्सिटी और पैडी कल्टिवेशन में माहिर राहीबाई को बीबीसी ने मोस्ट इन्फ्लूएंशियल एंड इंस्पायरिंग वुमन 2018 की सूचि में शामिल किया है.
प्रीति हरमन: change.org की ग्लोबल हेड प्रीति एकमात्र भारतीय हैं, जिन्हें ओबामा फेलोशिप के लिए चुना गया. यह फेलोशिप दुनियाभर में मात्र 20 लोगों को ही दी जाती है.
मनु भाकर: 16 वर्षीय मनु सबसे युवा भारतीय बनीं, जिसने शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया.
जमीदा बीवी: पहली भारतीय मुस्लिम महिला, जो जुम्मे की नमाज़ अदा करवाती हैं.
जोयता मॉन्डल: पश्चिम बंगाल की सोशल वर्कर जोयता लोक अदालत की पहली ट्रान्सजेंडर जज बनीं.
देबजानी घोष: नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज़ कंपनीज़ की पहली महिला अध्यक्ष बनीं. पिछले 30 वर्षों में किसी भी तकनीकी विभाग को हेड करनेवाली वो पहली महिला हैं.
रोशनी नदार मल्होत्रा: 36 वर्षीय रोशनी भी फोर्ब्स की शक्तिशाली महिलाओं की सूचि में शामिल हैं. एक न्यूज़ चैनल में इंटर्न के रूप में अपना करियर शुरू करनेवाली रोशनी 27 साल की उम्र में ही आईटी कंपनी एचसीएल की सीईओ बन गई थीं.
गीता गोपीनाथ: इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की चीफ इकोनॉमिस्ट बननेवाली पहली महिला और मात्र दूसरी भारतीय बनीं.
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मेरी कॉम: वर्ल्ड चैंपियनशिप में छह बार गोल्ड जीतनेवाली पहली महिला बॉक्सर.
इराम हबीब: 30 वर्षीय इराम पहली कश्मीरी मुस्लिम महिला पायलट बनीं.
हीमा दास: ट्रैक ईवेंट (वर्ल्ड अंडर 20- 400 मीटर फाइनल) में गोल्ड जीतनेवाली पहली भारतीय बनीं.
स्मृति मंधाना: आईसीसी ने स्मृति को सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर और वन डे में प्लेयर ऑफ द ईयर घोषित किया.
मीराबाई चानु: वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड (48 कि.ग्रा.) जीतनेवाली दूसरी भारतीय बनीं. इससे पहले यह कारनामा कर्णम मल्लेश्वरी ने किया था.
मिथाली राज: महिला क्रिकेट टीम की रीढ़ मानी जानेवाली मिथाली वर्ष 2018 में टी20 में सबसे ज़्यादा रन बनानेवाली महिला क्रिकेटर बनीं.
शर्मीला निकोलेट: चाइना लेडीज़ पीजीए टूर के लिए क्वालिफाई करनेवाली पहली भारतीय गोल्फर बनीं.
हरमनप्रीत कौर: महिला क्रिकेट टी20 की कप्तान हरमनप्रीत अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैच में शतक लगानेवाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं.
आंचल ठाकुर: इंटरनेशनल स्कीइंग कॉम्पटीशन में मेडल लानेवाली पहली भारतीय बनीं.
अभिलाषा कुमारी: मणिपुर हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं.
प्रियंका चोपड़ा: लोगों को भले ही प्रियंका और निक की शादी ने ज़्यादा आकर्षित किया हो, पर प्रियंका न स़िर्फ यूनीसेफ की गुडविल ब्रांड एम्बैसेडर बनीं, बल्कि फोर्ब्स की सबसे ज़्यादा शक्तिशाली महिलाओं की सूचि में वो दूसरी बार शामिल हुईं और शरणार्थियों के अधिकारों की लड़ाई के मद्देनज़र उन्हें मदर टैरेसा अवॉर्ड से नवाज़ा गया.
अवनी चतुर्वेदी: पहली महिला सोलो फाइटर पायलट.
इंदु मल्होत्रा: पहली महिला जो सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं.
– सेना और नौसेना की टुकड़ी का नेतृत्व पहली बार किसी महिला अधिकारी ने किया.
– लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भारतीय सेना की सर्विस कॉर्प्स की टुकड़ी का नेतृत्व किया.
– लेफ्टिनेंट अंबिका सुधाकरन ने 144 नौसैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व किया.
– कैप्टन भावना स्याल ने कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स के दल में सबसे आगे सलामी दी.
– कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स की कैप्टन शिखा सुरभि ने डेयरडेविल्स के पुरुष साथियों के संग बाइक स्टंट में हिस्सा लिया और बाइक पर खड़े होकर
सलामी दी.
– असम राइफल्स की टुकड़ी ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड़ में हिस्सा लेकर इतिहास रचा. असम राइफल्स की टुकड़ी का नेतृत्व मेजर ख़ुशबू कंवर ने किया.
– गीता शर्मा
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