पिछले दोनों श्वेता तिवारी के इंटरव्यू से काफ़ी हड़कंप मचा था जिसमें श्वेता ने अपनी टूटी शादियों का दर्द बयान करते हुए कहा था कि…
पिछले दोनों श्वेता तिवारी के इंटरव्यू से काफ़ी हड़कंप मचा था जिसमें श्वेता ने अपनी टूटी शादियों का दर्द बयान करते हुए कहा था कि मेरी बेटी पलक ने मुझे छह साल की उम्र से पिटते हुए, मार खाते देखा है, मेरे चार साल के बेटे को भी पुलिस और जज के बारे में सब पता है. उनको छोटी से उम्र में काफ़ी दर्द झेलना पड़ा क्योंकि मैंने शादी के लिए ग़लत इंसान चुना.
अब इन आरोपों पर अभिनव कोहली जिनसे श्वेता ने दूसरी शादी की थी, उनका पलटवार आया है. SpotboyE को दिए इंटरव्यू में अभिनव ने कहा कि मैंने श्वेता पर कभी हाथ नहीं उठाया सिवा उस एक थप्पड़ के जिसका ज़िक्र पलक ने पाने लेटर में किया था और उसके लिए मैं श्वेता और पलक दोनों से माफ़ी भी मांग चुका हूं. लेकिन श्वेता कन्फ़्यूज़न क्रीएट के रही है ताकि लोगों को ये लगे कि मैंने उसके साथ घरेलू हिंसा की है या मैं उसके साथ मार पिटाई करता यह जबकि ये सच नहीं है क्योंकि मैं महिलाओं पर हाथ उठाने वाला इंसान कभी रहा ही नहीं हूं.
आगे अभिनव ने कहा कि श्वेता ने कहा कि काफ़ी उकसाने के बाद भी उन्होंने मुझे कभी नहीं मारा जबकि वो मुझे छड़ी से मारती थीं. साल 2017 की बात है जब हमारा झगड़ा हुआ था तब मेरा बेटा महज़ 3 महीने का था और श्वेता उसको लेकर अलग हो गई थी. मैं अपने बेटे से मिलने की कोशिश कर रहा था . मैंने एक तस्वीर भी इंस्टाग्राम पर शेयर की थी जिसमें मेरी आंख के नीचे काला निशान है, लेकिन मैं मीडिया में नहीं गया इसलिए किसी को पता नहीं चला. मैं चुप रहा तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं घरेलू हिंसा करता था जैसा कि श्वेता साबित करने की कोशिश कर रही है.
हालाँकि उस लड़ाई के बाद हमारे बीच विवाद सुलझ गए थे और हम शांति से रह रहे थे, लेकिन पलक ने जब कहा कि इस आदमी को घर से निकलो तब मुझे उसके व्यवहार पर दुःख भी हुआ और ग़ुस्सा भी आया.
इससे पहले भी अभिनव कह चुके हैं कि श्वेता मुझे कैन्सर कह रही हैं और जिस वक़्त वो इंटरव्यू में ऐसा कह रही थीं तब मैं अपने बेटे के साथ खेल रहा था. अभिनव ने ये भी कहा था कि जिस दिन श्वेता ने मुझे अरेस्ट करवाया था उस दिन मेरे पिता की पुण्यतिथि थी और श्वेता ने वही दिन चुना.
हालाँकि श्वेता अब भी मेरे साथ ग़लत कर रही हैं वो मुझे मेरे बेटे से दूर रखे हुए है जबकि मैं उससे मिलना चाहता हूं.
अभिनव के ये आरोप काफ़ी गम्भीर हैं और देखते हैं श्वेता इनका जवाब क्या देती हैं और देती भी हैं या नहीं!
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…