समर में फैमिली हॉलिडे पर ज़्यादातर लोग जाते हैं. लेकिन जब छोटा बच्चा साथ हो तो गर्मियों में बच्चों की नाज़ुक और कोमल त्वचाका ख़ास ख़याल रखना ज़रूरी हो जाता है, इसीलिए ट्रैवल में बच्चों की स्किन केयर के लिए सेटाफिल बेबी स्किन एक्सपर्ट द्वारा यहांयूजफुल टिप्स दिए गए हैं. 1. दें सन प्रोटेक्शन: ट्रैवल के दौरान और ख़ासतौर से गर्मियों में सफ़र के समय सबसे ज़रूरी है धूप से सुरक्षा. छोटे बच्चों की त्वचा बेहदनाजुक होती है जो धूप और अल्ट्रावायलेट रेज़ के प्रति संवेदनशील होती है, जिसके लॉन्ग लास्टिंग रिज़ल्ट्स हो सकते हैं. इससे बचने केलिए, सुनिश्चित करें कि आप किड्स लोशन यूज़ करें जिसका एसपीएफ़ 50+ हो. ध्यान रहे अच्छे ब्रैंड का लोशन यूज़ करें, जो विशेषरूप से बच्चों की संवेदनशील त्वचा के लिए डिज़ाइन किया गया हो और यूवीए किरणों से होने वाले नुकसान से प्रोटेक्ट करे. बाहरनिकलने से कम से कम 15 मिनट पहले इसे बच्चे की त्वचा पर लगाएं और कुछ घंटों में दोबारा लगाएं. 2. बच्चे को हाइड्रेटेड रखें: गर्मी और धूप के संपर्क में आने से आपके बच्चे की त्वचा डीहाइड्रेट हो सकती है, जिससे स्किन ड्राई हो जातीहै, इससे बच्चों को परेशानी होती है. इसलिए बच्चे को बार-बार पानी पिलाकर हाइड्रेटेड रखें. इसके अलावा आपके बच्चे की त्वचा कोभी पोषण की आवश्यकता होती है, इसलिए नियमित अंतराल पर सौम्य मॉइश्चराइज़र भी अप्लाई करें. नहाने के बाद नमी बनाए रखनेके लिए मॉइश्चराइज़र लगाएं और ट्रैवल के दौरान भी इसे यूज़ करना न भूलें. 3. ढीले और कम्फर्टेबल कपड़े चुनें: बच्चे की त्वचा ब्रीद कर सके इसके लिए ढीले-ढाले कॉटन के कपड़े बेस्ट ऑप्शन हैं. ट्रैवल के दौरानबच्चे को बहुत ज़्यादा स्टाइलिश और वर्क किए हुए कपड़े पहनाने से बचें क्योंकि इससे त्वचा पर चकत्ते या एलर्जी हो सकती है. पैकिंगकरते समय, अपने बच्चे के लिए एक्स्ट्रा कपड़े ज़रूर रखें, क्योंकि दिन के दौरान उन्हें पसीना आ सकता है या वे गंदे हो सकते हैं. सनप्रोटेक्शन के लिए सन हैट भी पहना सकते हैं. 4. पोल्युशन से बचाएं: बच्चे की त्वचा नाजुक और संवेदनशील होती है और वातावरण में मौजूद प्रदूषण, धूल-मिट्टी या अन्य चीज़ें उन्हेंनुक़सान पहुंचा सकती है. ट्रैवल के दौरान यह रिस्क और बढ़ जाता है, इसलिए बच्चे की त्वचा को साफ और अच्छी तरह से हाइड्रेटेडरखें. नहलाने के लिए गुनगुने पानी और माइल्ड बेबी सोप यूज़ करें. ट्रैवल में अगर नहलाना संभव न हो तो गुनगुने या सादे पानी में सॉफ्टटॉवेल को भिगोकर बेबी को क्लीन करें. बेबी पाउडर लगाएं. इससे स्किन ड्राई हुए बिना क्लीन और हेल्दी रहेगी. 5. बेबी प्रॉडक्ट्स यूज़ करें: बच्चों की स्किन बड़ों से अलग होती है, इसलिए अपने प्रॉडक्ट्स की बजाय बेबी प्रॉडक्ट्स यूज़ करें, जोख़ासतौर से उनकी नाज़ुक स्किन के लिए ही बने होते हैं. इससे बच्चों को रैशेज़, स्किन ड्राईनेस, एलर्जी, खुजली आदि से बचाया जासकता है. ध्यान रहे ऐसे प्रॉडक्ट्स तलाशें जो विशेष रूप से बच्चों के लिए डिज़ाइन किए गए हों और जिनका फॉर्मूला सौम्य, खुशबूरहित हो. हाइपोएलर्जेनिक और पीएच-बैलेंस्ड प्रॉडक्ट्स बेस्ट होते हैं, क्योंकि इनसे त्वचा में जलन या एलर्जी होने की संभावना कमहोती है. माइल्ड प्रॉडक्ट्स से स्किन का नेचुरल पीएच और नमी बनी रहती है. इसके अलावा बेबी के खाने-पीने का ध्यान रखें. बेबी फ़ूड, उबालकर ठंडा किया पानी, ग्राइप वॉटर आदि साथ लेकर जाएं, ताकि बच्चेका पेट ठीक रहे और आपका सफ़र हैप्पी रहे.
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पैरेंट्स बनना हर कपल का सपना होता है, एक बच्चा उनके रिश्ते को और भी मज़बूत और खास बना देता है, लेकिन इन दिनों पुरुष औरमहिलाओं दोनों में ही इन्फ़र्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है, लेकिन अगर आप अपनी लाइफ़स्टाइल और ख़ानपान में थोड़ा सा बदलावलाएं तो इस समस्या को कम किया जा सकता है. क्यों कम हो रही है फर्टिलिटी? लाइफ़स्टाइल एक बड़ी वजह है. स्ट्रेस, अनहेल्दी खाना-पीना, नींद पूरी न होना आदि कई वजह हैं जो हार्मोन्स पर असर डालतीहैं. आजकल शादियां भी लेट होती हैं. लड़का-लड़की पहले अपने करियर पर फ़ोकस करते हैं और शादी होने व फ़ैमिली प्लान करनेतक वो लगभग 30 की उम्र पार कर जाते हैं. ज़ाहिर है कि एक उम्र के बाद फर्टिलिटी पर असर होता ही है. अल्कोहल और स्मोकिंग भी फर्टिलिटी पर दुष्प्रभाव डालते हैं. अनहेल्दी डाइट से पोषण की कमी होती है जिसका सीधा असर महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता और उससे जुड़े अंगों परपड़ता है. ओवरीज़, अंडाशय व शुक्राणुओं की क्वॉलिटी पर भी अनहेल्दी चीज़ों का असर पड़ता है. मोटापा भी एक बहुत बड़ा कारण है. अगर आप ओवर वेट हैं तो सबसे पहले अपना वज़न कम करें. महिलाओं में पीसीओडी, गर्भाशय में फाइब्रॉयड, टीबी या अन्य समस्या के चलते भी मां बनने में दिक़्क़तें आती हैं. मोबाइल और लैपटॉप को अपनी पॉकेट या गोद में न रखें. उनकी रेज़ से फर्टिलिटी पर असर होता है. क्या हैं उपाय? सबसे पहले तो अपनी लाइफ़स्टाइल हेल्दी बनाएं. डाइट से लेकर नींद सही लें. पोषणयुक्त आहार लें. हरी सब्ज़ियां, नट्स स्प्राउट्स, सलाद आदि ज़रूर लें. दालचीनी महिलाओं में बांझपन को दूर करने में काफ़ी कारगर है. यह ओवरीज़ की कार्यक्षमता को बेहतर करती है. 1 टी स्पूनदालचीनी पाउडर को गर्म दूध में मिलाकर नियमित रूप से कुछ महीनों तक सेवन करें. आप चाहें तो दूध की जगह गर्म पानी भी लेसकती हैं. चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला लें. दिन में दो बार इसका सेवन करें. ध्यान रहे, ज़्यादा न लें वर्ना परेशानी होसकती है. दालचीनी न सिर्फ़ अंडाशय की क्षमता बढ़ाती है बल्कि यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को ठीक करने में भी काफ़ीकारगर है. इसके अलावा ये पीरियड्स को भी सामान्य करने में लाभदायक है. अनार भी इन्फ़र्टिलिटी के इलाज में काफ़ी लाभदायक है. यह गर्भाशय को मज़बूत करता है. ब्लड फ्लो को बेहतर करता है. प्रजनन अंगों तक रक्त प्रवाह को बेहतर तरीक़े से ले जाने में मदद करता है. सेंधा नमक एक ग्लास पानी में रातभर भिगो दें और सुबह इसका सेवन करें. यह गर्भाशय को मज़बूत बनाता है और पीरियड्स कोभी नॉर्मल करता है. हो सकता है इसके सेवन से आपको शुरुआत में उल्टी हो लेकिन घबराने की बात नहीं, यह सामान्य है. खजूर भी बहुत फ़ायदेमंद है. ये विटामिन ए, बी, ई और आयरन से भरपूर होते हैं. दूध में कुछ खजूर उबाल लें और दूध पीकरउनको चबा-चबाकर खाएं. यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अच्छा है. आप रातभर दूध में खजूर को भिगोकर भी सुबहइसका सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा एक अन्य उपाय महिलाओं के लिये काफ़ी कारगर है. खजूर के बीज निकालकर उसेधनिये की जड़ के साथ पीस लें. इस पेस्ट को दूध के साथ उबाल लें और ठंडा होने पर इसका सेवन करें. पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी बढ़ाने के लिए लहसुन बहुत कारगर है. रोज़ सुबह-शाम लहसुन की एक कली कासेवन करें.…
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