अनकही ही रह जाती हैं कितनी ही कविताएंक्यों न उनके हिस्से में हम नए ख़्याल लिख दें आजकल रद्द हो…
उनके साथ हुए अभद्र व्यवहार को मैं सह नहीं पाया, किंतु उन महिलाओं के पतियों को क्रोध क्यों नहीं…
उसने हिसाब लगाया हर वस्तु का भाव कितना बढ़ गया है. अचानक पिज़्ज़ा उसके गले में अटक गया. हर वस्तु…
उन्होंने अपने दर्द को बांटना बंद ही कर दिया था. दर्द किससे बांटें… किसे अपना कहें… किस घर को अपना…
"ठीक है मां, मैं अभी हेडक्वार्टर में बात करता हूं. तुम चिंता मत करो." परम ने आश्वस्त किया. किन्तु भीतर…
An arm wedged behind her, Titli stoops over her stew to sip from the wooden ladle. Mmmm, a sound of…
मैं सर्वांग कांप उठी. ये नहीं हो सकता… ये पेंटिंग इसको कितनी प्रसिद्ध कर सकती है, मुझे पता था."नहीं-नहीं, ये…
मां, यहां सब कुछ अच्छा है, पर मेरा दिल फिर भी नहीं लगता. तुम ठीक कहती हो, रहते-रहते मन भी…
मेरी सास और बड़ी भाभी ने पूछा, "क्या हुआ?" मैंने दृढ़ स्वर में कहा, "बस! मुझे घर जाना है. ये…
अकेले में शारदा का चिंतन चलता था. आख़िर वह विवाहिता है. भले ही परित्याग का चोला डाले हुए हो, उसे…