आपने तो शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आपकी ‘बउरहिया’ भविष्य में लेखिका कहलाएगी. ‘मोहिनी’ नाम तो आप…
मैं विस्मयकारी दृष्टि से मुक्तिवादी मैडम को देख रहा था. सोच रहा था कि पुराणों की पौराणिक कथाएं कितना अहित…
क्यों देना चाहते हो उसके मासूम इंतज़ार को अपने प्यार की पीड़ा. तुम तो रह सकते नीलेश मेरे बिना. तुम्हें…
"पति से तो बाद में निपटूंगी पहले इसे देखती हूं." तड़ से एक चांटा पड़ा नन्हें कोमल गाल पर. बच्ची…
डॉ. निरुपमा राय इतना तो जानती हूं, बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से खाए. फिर भी मन तो…
संगीता माथुर मैं हतप्रभ सी मां को निहार रही थी. शांत, सौम्य चेहरे की एक-एक झुर्री मां-बेटी के रिश्ते का…
युवावस्था की दहलीज पर खड़ी है कच्ची उम्र की ये किशोरियां क्या सहमति का अर्थ समझती हैं? वे तो बस…
जलेंगे कौन से चिराग़ और कौन से दीये झिलमिलाएंगे इस बढ़ते हुए बाज़ारवाद में जहां, हर चीज़ का मोल है…
मुरली मनोहर श्रीवास्तव उन्हें याद आया ख़त भेजने से पहले वे इस काग़ज़ में गुलाब का फूल भी तो छुपा…
"अरे बच्चों पर विश्वास करना भी सीख. अगर हम उन पर विश्वास करेंगे, तो वे भी हमारा विश्वास तोड़ने से…