“मैं उन्हें दोष नहीं दे रही, वे तो ज़रूरत से ज़्यादा कर रही हैं हमारे लिए. लेकिन हम हनीमून मनाने…
"वो ज़माना और था अम्मा, सब चीज़ें खुली बिकती थी. पॉलीथिन का चलन भी तो नहीं था.""हां सो तो है, …
बड़ी मुश्किल से बेकाबू हुए दिल को संयत कर निशा ने शालीनता से दिनेश का अभिवादन किया. प्रथम परिचय के…
“नहीं समधीजी, मां को सिर्फ़ मां ही रहने दीजिए, मां तो केवल मां है, उसे देवी और सास जैसे विश्लेषणों…
“तुम भी शादी कर लो तन्मय.”“क्यों..? सलाह क्यों दे रही हो?”“सलाह नहीं दे रही हूं. बस शादी कर लो. अकेलेपन…
यह जो ज़िंदगी है तमाम बेचैनी भरे दिनभर की थकान के बाद कहीं तो सुकून के लम्हे ढूंढ़ती है. नहीं…
इस लड़की को कभी कोई चाह क्यों नहीं होती! कभी कोई असंतोष क्यों नहीं व्यापता? मुझे तो आज भी एक…
"… आख़िर कौन लगती है वह तुम्हारी? क्या रिश्ता है उससे तुम्हारा?"सुनील को ग़ुस्सा तो बहुत आया, लेकिन वह स्वयं…
"मांजी मैं भी गर्व से सिर ऊंचा करती, आंसुओं के समंदर को पी जाती, अपने सीने पर हक़ीक़त का पत्थर…
मेरी वेदना और पल-पल रिसते घावों की पीड़ा से तुम अनजान नहीं हो. सारा दुख-दर्द सदा तुम्हारे साथ बांटती आयी…