विनीता राहुरीकर "देर नहीं हो रही. आओ चाचा." आनंद एक पास के होटल में ले गया और थाली मंगवाकर सामने…
डॉ. निरुपमा राय शाम को अपूर्वा के घर में प्रवेश करते ही वहां उपस्थित सगे-संबंधियों की आंखों में भी वही…
विनीता राहुरीकर "… मां ने हमेशा हमें संबंधों में उजाला भरने की सीख दी है. तो पगली कोई कुछ भी…
अगले कई दिन मैं मन ही मन काफ़ी हैरान रही. एक तरफ़ बेटे की अस्वस्थता, बहू की परेशानी और दूसरी…
डॉ. गौरव यादव “आपने मुझे मिस किया?” पूर्वी ने मेरी तरफ़ देखकर पूछा.“नहीं, ऑफिस से टाइम ही नहीं मिला. और…
"… अपना बढ़ा कद दिखाकर मैं उन्हें भावहीन नहीं करना चाहता था. पुरानी संजोई यादें और उन दिनों की मीठी…
यहांकोई भी व्याकरण नहीं होतीबारिश के गिरने कीन हीकोयल की कूक का कोई रागहवाओं के बहने का कोई नियम नहीं…
मेरी आहट से मां ने आंखें खोल दीं. मां से नज़रें मिलीं, तो ख़ुद को रोक नहीं पाया और ट्रे…
मेरे हाथ से केक का डिब्बा छूटते-छूटते बचा… मैंने महसूस किया, महक अभी भी थी… लेकिन मुझे डर नहीं लगा,…
किसी नवयुवती की तरह मेरी हथेलियां पसीने से भीग उठी थीं. अजीब सी ख़ुशी और उत्साह से मैं उसी समय…