“मार्केटिंग! यानी जो दिखता है, वही बिकता है. मैं क्या कोई प्रोडक्ट हूं?” रजतजी ग़ुस्सा हो गए थे. “सॉरी, ग़लत…
“राधिकाजी, आपको और सुननेवालों को नमस्कार! आज यहां आकर एक बहुत बड़ा सपना पूरा हो गया. बचपन से पिताजी से…
साड़ी को अपने सीने में भींचे आंखों मे आंसू होने के बाद भी दिल मे एक तसल्ली का भाव तैर…
"वो मैं पूछ लूंगा." अपनी जीत पर उछलता सुशांत नीरा के आगे गर्व से इठलाया, "देखी मेरी रणनीति." तभी पीछे…
"जो लौट रहा है वो इस घर का बेटा है, भाई है. मेरा रिश्ता तो उसी दिन ख़त्म हो गया…
मैं तो सच में मदहोश हो गई. गाने के हर लफ़्ज़ के साथ जैसे एक डोर वास्तव में मन को…
तुम जब मेरे क़रीब आए, तुमने जब मेरे हाथों को छुआ तो मुझे भी एक अजीब सी सिहरन हुई. ज़िंदगी…
कल का रविवार जाने कैसे बीतेगा. ससुरजी को सुबह छह बजे ही चाय हाथ में चाहिए. पता नहीं मेरा रविवार…
“नायरा, ख़र्चे तो कभी ख़त्म नहीं होते. ख़र्चों का क्या है. एक आज ख़त्म हुआ तो दूसरा कल शुरू हो…
मेरा मन हुआ चिल्लाकर कहूं कि हर चिड़िया नहीं उड़ सकती. यह देखो, अपनी मां को! सोने के पिंजरे में…