क्या आपको याद है आपने अपने अपनों के लिए आख़िरी बार कब और क्या स्पेशल किया था? क्या आपको याद…
कभी कभार गुस्सा आना नॉर्मल बात है, लेकिन अगर गुस्सा आपके पार्टनर का स्वभाव बन जाए तो इसका असर रिश्ते…
कोई भी रिश्ता हो, वो कुछ न कुछ चाहता है, कुछ वादे, कुछ सपने, कुछ शर्तें, तो कुछ सामंजस्य व…
शादी के कुछ सालों बाद अधिकतर कपल्स की ये शिकायत होती है कि उनका रिश्ता अब पहले जैसा रोमांटिक नहीं…
किसी को गले लगाना या किसी के गले लगना, प्यार के इज़हार का एक तरीका तो है ही, इसके कई…
क्या आपके रिश्ते में भी ऐसा मोड़ आ गया है कि आपको उनसे ऊब-सी होने लगी है? क्या ऐसा लगता…
अपने फोन के ज़रिए किसी से भी फ्लर्टिंग करना बहुत-से लोगों को आसान व मज़ेदार लग सकता है, क्योंकि यहां…
कहते हैं प्यार में सब कुछ जायज़ है लेकिन सुमित की सोच कुछ अलग ही थी... आज सुमित को एक अरसे बाद देखा वोभी अपने पति की ऑफ़िस पार्टी में. बालों में हल्की सफ़ेदी झलक रही थी पर व्यक्तित्व उतना ही आकर्षक और शालीन... दिल पुरानी यादों में डूब गया. मुझे याद है एक-एक लम्हा जो सुमित की बाहों में बीता था, कितना हसीन हुआ करता थातब सब कुछ. सुमित और मैं साथ ही पढ़ते थे और उसका घर हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था. वो बस कुछ ही वक़्त पहलेयहां शिफ़्ट हुआ था. कॉलेज का आख़िरी साल था और सुमित ने भी मेरे ही कॉलेज में एडमिशन ले किया था. आते-जातेपहले आंखें मिलीं और फिर साथ पढ़ते-पढ़ते दोस्ती हो गई. सुमित काफ़ी समझदार था और मैं उसकी इसी समझदारी की क़ायल थी. मैंने उसे अपने दिल की बात कहने में देर नहींलगाई और उसने भी अपनी भावनाओं का इज़हार कर दिया. पढ़ाई पूरी हुई और घर में मेरी शादी की बातें भी होने लगीं. एक रोज़ पापा ने ऐलान कर दिया कि लड़केवाले आ रहे हैं देखने. मैं घबरा गई और भागकर सुमित के पास गई. उसेबताया तो उसने कहा कि मैं घरवालों को बता दूं और कल वो भी आकर पापा से बात करेगा. मैंने हिम्मत जुटाकर मम्मी-पापा को अपने प्यार का सच बता दिया. पापा ने भी कहा ठीक है सुमित को आने दो कल, तभीबात करेंगे पर फ़िलहाल जो लोग देखने आ रहे हैं उस पर ध्यान दो. लड़केवाले तो आकर चले गए पर मुझे कल का इंतज़ार था. सुमित आया और पापा ने मुझे भी बुलाया. पापा बोले- मुझेलव मैरिज से कोई प्रॉब्लम नहीं है, ये सुन मैं एक पल को खुश हो गई, पर पापा की आगे की बातें सुन मैंने उम्मीद छोड़ दी. “सुमित अगर तुम हमारे समाज के होते तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती क्योंकि तुम होनहार हो, समझदार हो लेकिन मैंअपने समाज के विरुद्ध जाकर रचना की शादी नहीं कर सकता. मुझे भी नाते-रिश्तेदारों को जवाब देना है. मैं तुम दोनों कोभ्रम में नहीं रखना चाहता इसलिए साफ़-साफ़ कह दिया.” मेरे सारे सपने बिखरते नज़र आए मुझे... रात के एक बज रहे थे... “अरे रचना, इतनी रात तुम मेरे यहां? सब ठीक तो है?” “सुमित चलो भाग चलते हैं, हम अपने प्यार को ऐसे हारते देख नहीं सकते. शादी कर लेंगे तो पापा ज़रूर माफ़ कर देंगे.” “रचना, मैं अपने प्यार को ऐसे कलंकित नहीं कर सकता, यूं चोरी-छिपे शादी करना ठीक नहीं, तुम्हारे घरवालों की औरतुम्हारी भी बदनामी होगी. मैं तुम्हें बदनाम कैसे कर सकता हूं, सिर्फ़ अपने स्वार्थ के लिए? प्यार का अर्थ पाना ही नहीं होताबल्कि खोना भी होता है. मुझे उम्मीद है तुम हमारे प्यार की लाज रखोगी और अपनी शादी को दिल से निभाओगी! मेरीख़ातिर... चलो तुम्हें घर छोड़ दूं.” मैं आंसुओं के सैलाब में डूब गई और चुपचाप शादी भी कर ली. पापा ने विदाई के समय कहा था, “मुझे माफ़ कर देनाबेटा, मैं कायर निकला!” मेरे पति अरुण काफ़ी अच्छे और नेकदिल थे, लेकिन सुमित की कमी हमेशा ही खली! “अरे रचना, इनसे मिलो, ये सुमित हैं, कुछ ही दिन पहले इनका यहां ट्रांसफ़र हुआ है.” मेरे पति ने सुमित से मिलवाया और मैं बीते वक्त से वर्तमान में लौट आई. मौक़ा पाते ही मैंने सुमित से उसका नंबर ले लिया. हिम्मत जुटाकर फ़ोन लगाया. हालचाल पूछा, पत्नी-परिवार के बारे मेंपूछा. “रचना, मैंने शादी नहीं की. किसी और से शादी करके मैं उसके साथ अन्याय नहीं करना चाहता था. मेरा प्यार तो तुम होऔर हमेशा रहोगी.” मैं समय निकालकर सुमित के घर जा पहुंची... “रचना तुम्हें इस तरह नहीं आना चाहिए था, किसी को पता चलेगा तोतुम्हारे लिए परेशानी हो जाएगी” “मैं खुद को रोक नहीं पाई और अब जब हम एक ही शहर में हैं तो मिल तो सकते ही हैं ना...” ख़ैर कुछ देर रुककर मैं घर लौट आई. ऐसा लगा ज़िंदगी फिर मुझे सुमित के क़रीब रहने का मौक़ा देना चाहती है... …
रिश्तों को और बेहतर बनाना मुश्किल काम नहीं. बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ख़्याल रखना होगा और इसकी शुरुआत आपको…
रिश्तों का दूसरा नाम सच्चाई और ईमानदारी है और ऐसे में अगर हम यह कहेंगे कि झूठ बोलने से आपके रिश्ते मज़बूत हो सकते हैं तो आपको लगेगा ग़लत सलाह से रहे हैं, लेकिन यहां हम ऐसे झूठ की बात कर रहे हैं जिनसे किसी का नुक़सान नहीं होगा बल्कि सुनने वालों को ये झूठ बेहद पसंद आएगा. अगर आपकी पत्नी आपसे पूछती है कि क्या मैं पहले से मोटी हो गई हूं तो भले ही यह सच हो कि उनका वज़न बढ़ा हो पर आप कह सकते हैं कि बिल्कुल नहीं, तुम मोटी नहीं हेल्दी हो और पहले से ज़्यादा ख़ूबसूरत लगती हो.इसी तरह अगर आपकी पत्नी पूछे कि यह रंग मुझपर कैसा लग रहा है तो अगर आप कहेंगे कि अच्छा नहीं लग रहामत पहनो तो उनको चिढ़ होगी, बेहतर होगा आप कहें यह तो खूब फब रहा है लेकिन अगर इसकी जगह ये वालापहनोगी तो और भी हसीन लगोगी.अगर पति ने कुछ बनाकर खिलाने की कोशिश की है और स्वाद उतना अच्छा नहीं बन सका तो भी आप ज़रूर कहेंकि कोशिश तो क़ाबिले तारीफ़ है, अगली बार इसमें थोड़ा सा ये मसाला भी ट्राई करना तो टेस्ट कुछ अलग होगा.अगर आपको पति का फ़ोन पर ज़ोर ज़ोर से बात करना नहीं भाता तो सीधे आवाज़ कम करने या यह कहने के कि कितना ज़ोर से बोलते हो, यह कहें- तुम्हारी धीमी आवाज़ बेहद हस्की और सेक्सी साउंड करती है, फिर देखिए अगली बार से वो खुद ही धीमा बोलेंगे.अगर आपको पति का किसी काम में हस्तक्षेप पसंद नहीं या उनके काम करने का तरीक़ा आपको पसंद नहीं तो यहना कहें कि तुम्हें नहीं आता तो मत करो, बल्कि यह कहें कि तुमने पहले ही इतनी मदद कर दी, तो अब यह काम मुझेकरने दो या कहें कि तुम वो वाला काम कर दो क्योंकि वो तुम मुझसे बेहतर करोगे और मैं यह कर लेती हूं... या आप यह भी कह सकती हैं कि तुम थक गए होगे तो तुम आराम कर लो बाक़ी मैं संभाल लेती हूं.अगर पतिदेव की तोंद निकल गई हो तो उनको ताना ना दें और ना ही उनके किसी दोस्त से उनकी तुलना करें बल्किकहें कि कुछ दिन मैं डायटिंग करने की सोच रही हूं अगर आप भी साथ देंगे तो मुझे मोटिवेशन मिलेगा, इसलिए प्लीज़ मुझे फिट होने में मेरी मदद करो और मैं फिट रहूंगी तो आपको भी तो अच्छा लगेगा ना. इसी तरह अगर पति को लगे कि पत्नी को डायटिंग की ज़रूरत है तो किसी पड़ोसन का उदाहरण देने से बेहतर है किआप कहें कि मेरे कपड़े थोड़े टाइट हो रहे हैं इसलिए सुबह जॉगिंग करने की और डायटिंग की सोच रहा है लेकिन तुम्हें मेरा साथ देना होगा. कभी कभी एक दूसरे की झूठी तारीफ़ में क़सीदे कस दिया करें इससे आप दोनों को ही अच्छा लगेगा. सिर्फ़ पार्टनर ही नहीं, बाक़ी घरवालों के साथ भी थोड़ा बहुत अच्छावाला झूठ बोलने में हर्ज़ नहीं, इससे उन्हें बेहतरफ़ील होगा जिससे वो खुश रहेंगे और रिश्ते भी मज़बूत होंगे.अगर पतिदेव बच्चों की तरफ़ ज़्यादा ध्यान नहीं देते या ज़िम्मेदारी से बचते हैं तो उनसे कहें कि बच्चे अक्सर बोलते हैंकि मुमकिन आपको तो कुछ नहीं आता, पापा ज़्यादा इंटेलीजेंट लगते हैं, इसलिए कल से हम उनसे ही पढ़ेंगे, ऐसाकहने से पतिदेव बच्चों के प्रति ज़िम्मेदारी ज़्यादा ख़ुशी से निभाएंगे और इससे बच्चों के साथ उनकी बॉन्डिंग भी स्ट्रॉंगहोगी. साथ ही आपका एक काम कम हो जाएगा.अगर आपकी पत्नी और आपकी मां की बनती नहि तो पत्नी से कहें कि मां अक्सर तुम्हारे काम और खाने की तारीफ़करती हैं, मां कहती हैं कि बेचारी दिनभर काम में लगी रहती है, थोड़ा भी आराम नहीं मिलता उसको और मैं भी कुछना कुछ बोलती ही रहती हूं लेकिन वो सब सह लेती है. इसी तरह अपनी मां को भी कहें कि आपकी बहू अक्सर कहती है कि काश मैं भी मम्मी जैसा टेस्टी खाना बना पाती, उनके हाथों में जो स्वाद है वो मेरे में नहीं, वो हर काम सलीके से करती हैं. ऐसी बातों से दोनों के मन में एक दूसरे केप्रति सकारात्मक भाव जागेगा और कड़वाहट दूर होगी.अगर पत्नी को लगता है कि पति और पत्नी के घरवालों की ज़्यादा नहीं बनती तो पत्नी जब भी मायके से आए तोकहे कि मम्मी-पापा हमेशा कहते हैं कि दामाद के रूप में उन्हें बेटा मिल गया है, कितना नेक है, बेटी को खुश रखताहै और किसी तरह की कोई तकलीफ़ नहीं देता वरना आज के ज़माने में कहां मिलते हैं ऐसे लड़के.दूसरी तरफ़ अपने मायकेवालों से कहें आप कि वो हमेशा हमारे घर के संस्कारों की तारीफ़ करते हैं कि तुम्हारे मम्मीपापा ने इतने अच्छे संस्कार दिए हैं कि तुमने मेरा पूरा घर इतने अच्छे से संभाल लिया. इन सबसे आप सभी के बीचतनाव काम और प्यार ज़्यादा बढ़ेगा.इसके अलावा एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि शादी के शुरुआती दौर में कभी भी अपने डार्क सीक्रेट्स किसी सेभी शेयर ना करें, अपने अफ़ेयर्स या फैंटसीज़ आदि के बारे में पार्टनर को जोश जोश में बता ना दें. बाद में भी भले हीआप दोनों में अटूट विश्वास हो पर ये बातें कभी साझा ना करें. पार्टनर भले ही अलग अलग तरीक़ों से पूछने कीकोशिश भी करे तब भी यहां आपके द्वारा बोला गया झूठ आपके रिश्ते को बिगड़ने से बचा सकता है! पिंकु शर्मा