Relationship & Romance

पहला अफेयर: गुडबाय अप्रतिम (Pahla Affair… Love Story: Goodbye Apratim)

रंगों और ख़ुशियों से सराबोर होली का दिन सबके लिए बेहद रंगीन होता है, लेकिन मेरे लिए ये रंग मेरे पुराने ज़ख्मों कोहरा करने के सिवा और कुछ नहीं… मुझे याद है जब अप्रतिम ने होली के रोज़ ही मुझे आकर गुलाबी रंग से  रंग डाला था. मैं बस देखती ही रह गई थी, न उसे रोका, न टोका.  अगले दिन कॉलेज में मुलाक़ात हुई तो अप्रतिम ने पूछा, “आरोही, तुमको बुरा तो नहीं लगा मेरा इस तरह अचानक आकरतुमको रंग लगाना?” “नहीं, ख़ुशी का दिन था, होली में तो वैसे भी गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं…” मैंने जवाब दिया.  अप्रतिम ने फिर मेरी आंखों में झांका और कहा, “अगर मैं ये कहूं कि इसी तरह मैं तुम्हें अपने प्यार के रंग में रंगना चाहता हूं, ताउम्र, तब?” मैं उसकी तरफ़ देखती रह गई, आख़िर कॉलेज की कई लड़कियां उसकी दीवानी थीं. बेहद आकर्षक और सुलझा हुआ थाअप्रतिम.  “तुम्हारी चुप्पी को हां समझूं?” अप्रतिम ने टोका तो मैं भी मुस्कुराकर चली गई वहां से. पहले प्यार ने मुझे छू लिया था, मेरीज़िंदगी में इस होली ने वाक़ई मुहब्बत के रंग भर दिए थे.  कॉलेज पूरा हुआ, अप्रतिम को अच्छी सरकारी नौकरी मिल गई थी और मैं भी अपना पैशन पूरा करने में जुट गई. कमर्शियल पायलेट बनने का बचपन से ही सपना था मेरा. इसी बीच अप्रतिम ने बताया उसकी बहन की शादी तय हो गई है और उसके बाद वो हमारी शादी की बात करेगा घर में.  एक रोज़ मैंने अप्रतिम से कहा कि चलो आज दीदी के ऑफ़िस चलकर उनको सर्प्राइज़ देते हैं, तब अप्रतिम ने बताया किदीदी ने जॉब छोड दिया. वजह पूछने पर उसने बताया कि शादी के बाद वो घर सम्भालेंगी, क्योंकि उनके होनेवाले सास-ससुर व पति भी यही चाहते हैं.  “लेकिन तुमने या दीदी ने उनको समझाया क्यों नहीं, दीदी इतनी टैलेंटेड हैं. हाइली क्वालिफ़ाइड हैं…”  अप्रतिम ने मुझे बीच में ही चुप कराकर कहा कि ये उनका मैटर है और शादी के लिए तो लड़कियों को एडजेस्ट करना हीपड़ता है, इसमें ग़लत क्या है? आगे चलकर उनको ग्रहस्थी ही तो सम्भालनी है.  मुझे बेहद अजीब लगा कि इतनी खुली व सुलझी हुई सोच का लड़का ऐसी बात कैसे कर सकता है? ख़ैर, मुझे भी जॉब मिल गया था और अब मैं आसमान से बातें करने लगी थी. तभी घर में मेरी भी शादी की बात चलने लगीऔर मम्मी-पापा ने अप्रतिम से कहा कि वो भी अपने घरवालों को बुलाकर हमसे मिलवा दे. “अप्रतिम, क्या बात है? तुम संडे को आ रहे हो न मॉम-डैड के साथ? इतने परेशान क्यों हो? उनको भी तो हमारे बारे में सबपता है, फिर तुम उलझे हुए से क्यों लग रहे हो?” मैंने सवाल किया तो अप्रतिम ने कहा कि उसकी उलझन की वजह मेराजॉब और करियर है. वो बोला, “आरोही,  मैं समझता हूं कि ये तुम्हारे लिए सिर्फ़ एक जॉब नहीं, बल्कि तुम्हारा सपना है, लेकिन मेरे पेरेंट्स इसे नहीं समझेंगे. उनका कहना है कि इतना टफ़ काम तुम क्यों करती हो? लकड़ी होकर इसमें करियरबनाने की बजाय तुम कोई दफ़्तर की पार्ट टाइम नौकरी कर लो, ताकि मेरा भी ख़याल रख सको और घर भी सम्भालसको…”  मैंने उसे बीच में टोका, “तुम्हारा ख़याल? तुम कोई बच्चे नहीं हो और न मैं तुम्हारी आया. हम पार्टनर्स हैं, तुमने अपने पेरेंट्सको समझाया नहीं?” “आरोही मैं क्या समझाता, वो भी तो ग़लत नहीं हैं. मैं अच्छा-ख़ासा कमाता हूं. पैसों को वैसे भी कमी नहीं…”…

April 5, 2022

10 उम्मीदें जो रिश्तों में कपल्स को एक- दूसरे से होती हैं, जो उन्हें बनाती हैं परफेक्ट कपल (10 Things Couples Expect In Relationship Which Make Them Perfect Couple)

एक-दूसरे से अलग होते हुए भी स्त्री और पुरुष साथ चलते हैं, परिवार और रिश्ते निभाते हैं, मगर उनकी चाहतें…

March 24, 2022

क्या आप भी अपने रिश्तों में करते हैं ये ग़लतियां? इनसे बचें ताकि रिश्ते टिकाऊ बनें (Common Marriage Mistakes To Avoid: Simple And Smart Tips For A Healthy And Long-Lasting Relationship)

रिश्तों की डोर काफ़ी नाज़ुक होती है इसमें ज़रा सा ढीलापन या ज़रूरत से ज़्यादा खिंचाव इसे तोड़ सकता है. बेहतर होगाकि हम अपने रिश्तों को संतुलित और सहज रखें. छोटी-छोटी बातों और ग़लतियों को इतना बड़ा ही न बनने दें कि रिश्तेपर आंच आ जाए. फ़ॉलो करें ये टिप्स जिन्हें आप भी जानते-समझते हैं लेकिन बस नज़रअंदाज़ कर देते हैं.  डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु.…

March 11, 2022

पहला अफेयर: प्यार की मंज़िल (Pahla Affair… Love Story: Pyar Ki Manzil)

शाम को मैं कॉलेज से आज जल्दी ही निकल गई. आर्ट गैलरी में मेरे पसंदीदा चित्रकार आदित्य के चित्रों की एकल प्रदर्शनी लगी है, तो मैं अपने आप को रोक न सकी. कुछ सालों से मैं आदित्य जी के चित्रों को पत्र-पत्रिकाओं में देखती आ रही हूं और उनके चित्रों ने गहराई तक मेरे मन को प्रभावित किया है. कार आर्ट गैलरी की ओर जा रही थी और मन तीस वर्षपूर्व की ओर भाग रहा था. पता नहीं क्यों आज मुझे अपने पहले प्यार उदय की बहुत याद आ रही है. उन दिनों मैं अपने मामाजी के घर रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी. बचपन में ही मैं अपने माता-पिता को खो चुकी थी. निसंतान मामा-मामी ने ही मुझे पाल-पोसकर बड़ा किया था. उदय नाम का युवक मामाजी के घर के ऊपरी हिस्से में किराए पर रहने आया था. वह कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. हमारे बीच कोई बातचीत नहीं होती थी, बस आते-जाते नज़रें टकरा जाती थी और हल्की-सी मुस्कान दोनों के चेहरे पर दौड़ जाती थी. उसके गंभीर और शांत चेहरे पर कुछ बात ज़रूर थी, जो मुझे बरबस अपनी ओर खींच रही थी. एक बार देखने के बाद घंटों उसका चेहरा आंखों के सामने घूमता रहता था.  सर्दी के दिन थे. उस दिन कॉलेज की छुट्टी थी. रंग-बिरंगे फूलों से लदी क्यारियों के बीच लॉन में मैं सफेद शाल ओढ़े गुनगुनी धूप में बैठी हुई थी. “रंगीन गुलों के बीच सफेद परी कौन आ गई” आवाज़ सुनकर मैं चौंक गई. पलटकर देखा उदय खड़ा मुसकुरा रहा था. पहली बार उसकी आवाज़ सुनी थी और वह भी गुदगुदाने वाली. मैंने भी मौका नहीं छोड़ा  "कोचिंग से शायरी सीखकर आ रहे हो क्या?" "शायरी कोचिंग में नहीं सिखाई जाती मैडम, वो तो ज़ुबान पर आ ही जाती है." उसकी इस बात पर ठहाका लगाकर हम दोनों ही हंसने लगे. किसी इंटरव्यू की तैयारी करना है कहकर वह तुरंत चला गया. ऐसा लगा हमारे बीच संकोच और झिझक की दीवार अब टूट चुकी है. लेकिन अफसोस कि वही हमारी आखिरी मुलाकात थी. मामाजी ने शायद हमें हंसतेहुए देख लिया था. उसका उन्होंने न जाने क्या अर्थ समझा और उदय से क्या कहा मालूम नहीं, दूसरे दिन सबेरे मुझे पताचला उदय कमरा खाली करके जा चुका है. उसका इस तरह से चले जाना मुझे असह्य पीड़ा दे गया. मैं मन ही मन उसे चाहने लगी थी. वह मेरा पहला प्यार था. उसे मैं कभी भुला नहीं पाई. मेरा मन किसी और से शादी करने को तैयार नहींहुआ. मैंने जीवन भर अविवाहित रहने का फैसला किया.  आर्ट गैलरी के गेट पर जैसे ही कार पहुंची मेरा फ्लैश बैक चलचित्र भी अवरुद्ध हो गया. प्रदर्शनी में चित्रकार आदित्य जीकी एक से बढ़कर एक पेंटिंग लगी हुई थी. हर पेंटिंग मन को लुभा रही थी.  मुझे जब पता चला आदित्य जी थोड़ी देर पहले दर्शकों के बीच यहीं थे और अभी बाहर लॉन में बैठे हैं तो मैं उनसे मिलनेलॉन की ओर गई. आदित्य जी किसी पुस्तिका में डूबे हुए थे. मेरे 'नमस्ते' की आवाज़ सुनकर उन्होंने पुस्तक को बंद कर मेरी ओर नज़र उठाकर देखा.…

March 6, 2022

पहला अफेयर: अंबाबाई (Pahla Affair: Ambabai)

वो रास्ता अब सुनसान लगता है, वो राहें अब तुझे याद करती हैं… तेरी वो नीली-नीली आंखें… अक्सर जब मेरा…

February 18, 2022

जानें दिल की दिलचस्प बातें(Know Interesting Facts About Your Heart)

शायद ही कोई दिल हो जिसमें मोहब्बत के फूल न खिले हों. प्यार का मौसम सभी को मोहब्बत की बरसात…

February 12, 2022

सर्द पड़ते रिश्ते गर्म होते मिज़ाज… (Modern Relationship Challenges: Why Do Relationships Fail Nowadays)

माना तो यही जाता है कि रिश्तों की गर्मी बनी रहनी चाहिए तभी वो ऊर्जावान रहते हैं, लेकिन अक्सर होता ये है कि वक़्तऔर बदलते हालात रिश्तों को ठंडा कर देते हैं और हमारे मिज़ाज को गर्म… यही गर्म मिज़ाज रिश्तों को और ठंडा करतेजाते हैं… पर ऐसा होता क्यों है और कैसे अपने ठंडे  पड़ते रिश्तों को अपने गर्म मिज़ाज को ठंडा रखकर बचाया जासकता, इस पर काम करना ज़रूरी है…  सबसे पहले तो ये समझना होगा और उन संकेतों को पहचानना होगा जिनसे पता चले कि आपके रिश्ते सर्द पड़ रहे हैं?  क्या अब आप लोगों में कम्यूनिकेशन कम होता है? आपका शायद ध्यान ही न गया हो इस तरफ़ लेकिन एक दिनबैठकर फुर्सत से सोचें और लिस्ट बनाएं कि पहले के मुक़ाबले अब क्या-क्या बदला है…एक-दूसरे की परवाह तो है पर फिर भी एक-दूजे के प्रति बेपरवाह से हो गए हैं.न पहले की तरह तारीफ़ें होती हैं और न प्यारभरी बातें…सेक्स लाइफ़ में भी अब पहले जैसा आकर्षण और रोमांस नहीं रहा…  ये तो थी पति-पत्नी के बीच की बातें लेकिन ये ठंडापन इन दिनों हर रिश्ते में पनप रहा है…  भाई-बहन में अब पहले जैसा अपनापन नहीं रहा.माता-पिता के साथ कोई रहना नहीं चाहता क्योंकि अब वो बूढ़े हो चले हैं.किसी के पास फुर्सत नहीं कि घर के बुज़ुर्गों के पास आकर दो पल बैठे और उनका हाल-चाल पूछे. दूर के रिश्तेदार हों या करीबी भी फ़ोन पर भी बात करने का समय नहीं निकाल पाते लोग. न पोते-पोतियों को अपनेदादा-दादी से बात करने में दिलचस्पी है, न भतीजा-भतीजी को अपने बुआ का हाल चाल पूछने की ज़रूरत महसूसहोती.इस तरह के तमाम उदाहरण हमें रोज़ देखने-सुनने को मिल जाते हैं.  अब सवाल ये है कि आख़िर रिश्ते सर्द क्यों पड़ रहे हैं…? स्वार्थ अपनेपन पर हावी हो गया है.प्यार की जगह पैसों ने ले ली है.सबके साथ बैठकर फुर्सत के पल गुज़ारने से कहीं ज़्यादा ज़रूरी ऑफ़िस की डेडलाइंस हो गई हैं.सेक्स महज़ मशीनी प्रक्रिया और जिस्म की ज़रूरत बनकर रह गया. पार्टनर की भावनाओं को समझने से ज़्यादा ज़रूरी अब कामयाबी हो गई है… बूढ़ी दादी की बात सुनना तो वेस्ट ऑफ़ टाइम है, समय से दोस्तों की पार्टी में पहुंचना ज़्यादा ज़रूरी है.पिता को दवा तो मां भी दिलाकर ला सकती है, बहूरानी के लिए मॉल की वीकेंड सेल ज़्यादा मायने रखती है.लेकिन क्यों हमारा नज़रिया रिश्तों के प्रति बदल गया या यूं कहें कि इतना कठोर हो गया?  इसकी एक बड़ी वजह हैहमारा मिज़ाज… जो अब बदल गया है… गर्म हो गया है… क्यों गर्म हो रहे हैं हमारे मिज़ाज? हम अब एडजेस्टमेंट नहीं करना चाहते अब, क्योंकि हम आज़ादपसंद हो गए हैं.हमारी लाइफ़स्टाइल बदल चुकी है, जीने के तौर-तरीक़े बदल गए हैं.ऐसे में ज़रा सी टोका-टोकी या किसी ने ये भी पूछ लिया कि कहां जा रहे हो… या आज आने में देर कैसे हो गई… हमें बर्दाश्त नहीं होतीं… हमें फ़ौरन ग़ुस्सा आ जाता है.हमारा गर्म मिज़ाज हमको ये सोचने का तर्क ही नहीं दे पाता कि हमारे अपनों को हमारी फ़िक्र है, परवाह है, इसलिएवो फ़िक्रमंद रहते हैं और सवाल करते हैं.काम का स्ट्रेस, आगे बढ़ने की होड़ और इस फ़ास्ट लाइफ़स्टाइल ने हमारे मिज़ाज को और भी गर्म बना दिया औरहमारे रिश्तों को सर्द.काम का प्रेशर, शौहरत और पैसा कमाने का प्रेशर, यंग और फिट दिखने का प्रेशर, लक्ज़री लाइफ़ जीने का प्रेशर, महंगी गाड़ी से लेकर ब्रांडेड कपड़े पहनने का प्रेशर… ये तमाम ख्वाहिशें अब हमारी ज़रूरतें बन चुकी हैं और इनकोपूरा करने में जब हम पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाते तब भी मिज़ाज गर्म रहने लगता है. और अगर ये सब मिल भी जाए तब भी इतना कुछ करते-करते हम अपनी कोमलता खो चुके होते हैं, अपनों से औरअपने रिश्तों से दूर हो चुके होते हैं. इसके अलावा व्यसन, लत, नशा… चाहे पैसों का हो, कामयाबी का हो, शराब या सिगरेट का हो… ये हमारे मिज़ाजको ठंडा होने देता… लेकिन ये नशा रिश्तों को लेकर हम पैदा क्यों नहीं करते…? हमारा खान-पान भी ऐसा हो गया है कि हमें हाइपर एक्टिव बना रहा है. अनहेल्दी लाइफ़स्टाइल से लेकर अनहेल्दीखानपान हमारे मिज़ाज को बिगाड़ रहा है. कैसे बढ़ाएं अपने रिश्तों में गर्मी और कैसे रखें अपना मिज़ाज ठंडा? संतुष्ट और सुकून को पैसे और शौहरत से ज़्यादा महत्व देने का प्रयास करें, कोशिश करेंगे तो कामयाबी ज़रूरमिलेगी.रिश्तों को प्राथमिकता बनाएं.अपनों को वक़्त दें. पैसों के पीछे भागना बंद कर दें. हॉबी डेवलप करें.डायट बदलें.योगा और मेडिटेशन ज़रूर करें, साथ ही लाइट एक्सरसाइज़ या वॉक करें. इससे ब्रेन में हैप्पी होर्मोंस रिलीज़ होंगेऔर आप पॉज़िटिव बनेंगे.ज़िंदगी के प्रति अपना नज़रिया बदलें.पॉज़िटिव सोच के साथ हर काम करें और कोशिश करें कि वर्क लाइफ़ और पर्सनल लाइफ़ में संतुलन बना सकें. पार्टनर की अच्छाइयों और कोशिशों को सराहें. अपनों से कनेक्टेड रहें, चाहे फ़ोन या मैसेज के ज़रिए, इससे मन को सुकून और ज़िंदगी में तसल्ली रहती है.दूसरों की मदद करें, अपनों का दर्द बांटें, क्योंकि एक वक़्त के बाद अपने और ये रिश्ते ही काम आते हैं, वर्ना ऐसा नहो कि ये गर्म मिज़ाजी आपको अपनों से इतना दूर और आपको इतना तनहा कर दे कि कहने को तो आपके पासनाम, पैसा, शौहरत तो हो लेकिन सिर रखने को कोई कंधा न हो, थामने को कोई हाथ न हो और साथ मिलकरहंसने-रोने वाला कोई हमदर्द न हो! बिट्टू शर्मा 

February 11, 2022

आपकी पत्नी क्या चाहती है आपसे? जानें उसके दिल में छिपी इन बातों को (8 Things Your Wife Desperately Wants From You, But Won’t Say Out Loud)

आंखों से दिल का हाल बताने वाली महिलाओं से यूं तो कोई बात छुपाए नहीं छुपती, पर बात जब जीवनसाथी…

February 10, 2022

पहला अफेयर… क्या ये प्यार था? (Pahla Affair… Love Story: Kya Ye Pyar Tha?)

कॉलेज का वो दौर, वो दिन आज भी याद आते हैं मुझे. 18-19 की उम्र में भला क्या समझ होती है. मैं अपने बिंदास अंदाज़में मस्त रहती थी. कॉलेज में हम चार दोस्तों का ग्रुप था. उसमें मैं अकेली लड़की थी, लेकिन मुझे लड़कों के साथ रहने परभी कभी कुछ अटपटा नहीं लगा. उनमें से सिद्धार्थ तो सीरियस टाइप का था,पर  दूसरा था सुबीर, जो कुछ ज़्यादा ही रोमांटिक था. उसे मेरे बाल और कपड़ों की बड़ी चिंता रहती. लेकिन अजीब से रोमांटिक अंदाज़ में उसके बात करने से मुझेबड़ी चिढ़ होती थी. लेकिन इन सबसे अलग था हमारे ग्रुप का वो तीसरा लड़का, नाम नहीं लिखना चाहती, पर हां, सुविधा के लिए अवनि कहसकते हैं. करीब चार साल तक हमारा साथ रहा, लेकिन पढ़ाई और घर के सदस्यों के हाल चाल जानने तक तक ही हमारी बातचीतसीमित थी. आगे भी एक साल ट्रेनिंग के दौरान भी हम साथ थे, लेकिन हमारे डिपार्टमेंट अलग थे और काफ़ी दूर-दूर थे. वो दौर ऐसा था कि लड़के-लड़कियों का आपस में बात करना समाज की नज़रों में बुरा माना जाता था, लेकिन अवनिआधे घंटे के लंच टाइम में भी पांच मिनट निकाल कर मुझसे मिलने ज़रूर आता था, बस थोड़ी इधर-उधर की बातें करके चला जाता. फिर वो समय भी आ गया जब साल भर की ट्रेनिंग भी ख़त्म होने को आई और अवनि को उसके भाई ने नौकरी के लिएअरब कंट्री में बुला लिया था. उसकी कमी खल तो रही थी लेकिन हमारे बीच सिर्फ़ एक दोस्ती का ही तो रिश्ता था. वो जबभी अपने पैरेंट्स से मिलने इंडिया आता तो मुझसे भी ज़रूर मिलकर जाता. मेरे घर में सभी लोग उससे बड़े प्यार से मिलते थे, वो था ही इतना प्यारा. निश्छल आंखें और बिना किसी स्वार्थ के दोस्तीनिभाना- ये खूबी थी उसकी. मैं अक्सर सोचती कि हम दोनों के बीच कुछ तो ख़ास और अलग है, एक लगाव सा तो ज़रूरहै, वही लगाव उसे भारत आते ही मुझ तक खींच लाता था. वो जब भी आता मेरी लिए बहुत सारे गिफ़्ट्स भी लाता. उसे पता था कि मेकअप का शौक़ तो मुझे था नहीं, इसलिए वो मेरे लिए परफ़्यूम्स, चॉक्लेट्स और भी न जाने क्या-क्या लाता.  इसी बीच उसकी शादी भी तय हो गई और जल्द ही उसने सात फेरे ले लिए. मैं खुश थी उसके लिए, लेकिन उसकी शादी में मैं नहीं जा पाई. हां, अगले दिन ज़रूर गिफ्ट लेकर अवनि और उसकी पत्नीसे मिली. इसके बाद उससे अगली मुलाकात तब हुई, जब वो अपने एक साल के बेटे को लेकर मुझसे मिलने आया.  कुछ समय बाद मेरी भी शादी हो गई. वो भी मेरी शादी में नहीं आ पाया. फिर मैं भी घर-परिवार में इतनी खो गई कि कुछसोचने का वक़्त ही नहीं मिला. लेकिन दिल के किसी कोने में, यादों की धुंधली परतों में उसका एहसास कहीं न कहीं था. मुझे याद आया कि आख़री बार जब उससे मिली थी तो जाते समय उसने एक फिल्मी ग़ज़ल सुनाई, जिसका कुछ-कुछअर्थ था कि मैं अपना वादा पूरा नहीं कर पाया, इसलिए मुझे फिर जन्म लेना होगा…  उसे सुनकर मैं भी अनसुलझे से सवालों में घिरी रही. अब घर-गृहस्थी में कुछ राहत पाने के बाद यूं ही अवनि का ख़यालआया और मन में हूक सी उठी. मैंने एक दिन सोशल मीडिया पर अवनि को ढूंढ़ने की कोशिश की और मैं कामयाब भी होगई. हमारे बीच थोड़ी-बहुत बात हुई और जब मैंने उससे पूछा कि इतने वक़्त से कहां ग़ायब थे, न कोई संपर्क, न हाल-चाल पूछा, मेरी इस बात पर उसने कहा, "तुम्हारी याद तो बहुत आई, पर मैंने सोचा तुम अपनी गृहस्थी में व्यस्त हो, तोबेवजह डिस्टर्ब क्यों करना.” मैं हैरान रह गई उसकी यह बात सुनकर कि अवनि इतनी भावुक बात भी कर सकता है? फिर काफ़ी दिन तक हमारी बातनहीं हुई. एक दिन मैं अपने लैपटॉप पर कुछ देख रही थी कि अचानक अवनि का मैसेंजर पर वीडियो कॉल आया, क्योंकि अरब देशों…

February 2, 2022

ये हेल्दी हैबिट्स आपके रिश्तों को भी रखेंगी फिट और हेल्दी… (15 Healthy Habits To Keep Your Relationship Fit And Strong)

हेल्दी रहना (Healthy Habits)  सिर्फ़ आपके शरीर व संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि आपके रिश्तों (Relationship) के लिए भी इतना ही महत्वपूर्ण है. ऐसी कौन-सी हेल्दी हैबिट्स (Healthy Habits) हैं जो आपके रिश्ते को भी फिट रखेंगी, आइए जानें… पॉज़िटिव सोच रखना एक ऐसी आदत है, जो आपको तो तनाव मुक्त रखती ही है, आपके पार्टनर को भी वो खुशऔर तनावमुक्त रखने में मदद कर सकती है. सिर्फ़ पार्टनर ही क्यों, घर में सब पर इसका असर होगा, क्योंकि एकसकारात्मक सोच ही जीवन और रिश्तों को सकारात्मक रख सकती है. अध्ययन बताते हैं कि सकारात्मक सोच सेकपल में आपसी टकराव और मनमुटाव कम होता है और उनकी बॉन्डिंग मज़बूत होती है. वर्कआउट करना फ़िज़िकल फ़िटनेस के लिए ज़रूरी है, लेकिन ये आपके हार्ट, बोंस, मसल्स आदि को भी फिटरखता है, जिसका सीधा असर आपके रिश्तों पर भी पड़ता है. आप खुद को फिट महसूस करते हैं तो खुश रहते हैंऔर एक अलग ही आत्मविश्वास से भर जाते हैं. बेहतर होगा कि अपने पार्टनर के साथ वर्कआउट करें, जिससे आपसाथ में ज़्यादा वक़्त भी बिता पाएंगे और एक-दूसरे को हेल्दी कॉम्पटिशन भी दे सकते हैं कि कौन ज़्यादा फिट है. सर्वे से ये बात स्पष्ट हुई है कि कपल्स ने खुद यह महसूस किया कि फिटनेस से उनके व्यक्तित्व व रिश्ते परसकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे वो ज़्यादा ऊर्जावान और कॉन्फ़िडेंट महसूस करते हैं और ज़्यादा खुशरहते हैं. योगा या ध्यान करने की आपको अगर आदत है तो ये बेहद फायदेमंद है, क्योंकि इससे आपका तनाव कम होगा, आप सुबह जल्दी उठकर एक साथ योगा करते हैं तो आपकी क्लोज़नेस भी बढ़ेगी. अगर सुबह टाइम न हो तो आपशाम को या फिर कोई योगा क्लास जॉइन करके भी अपना स्ट्रेस लेवल कम कर सकते हैं. इसी तरह मेडिटेशन से भीमस्तिष्क में हैप्पी होर्मोंस रिलीज़ होते हैं, जो आपको खुश व तनावमुक्त रखते हैं. एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि तनाव आपको शारीरिक व भावनात्मक रूप से कमज़ोर बनाकर रिश्तों की आत्मीयता को धीरे-धीरे ख़त्म करता है. यहां तक कि सेक्स लाइफ पर भी इसका असर होता है. ऐसे में जब तनाव कम होगा, तोआपका रिश्ता भी तनाव से मुक्त होगा.हेल्दी खाना ऐसी हेल्दी आदत है जो अपने शरीर में फैट्स को बढ़ने नहीं देती और आपके हैप्पी होर्मोंस को बढ़ाती हैं, जिससे आपका रिश्ता हैप्पी और फिट रहता है. फिटनेस से आपकी सेक्स लाइफ़ पर भी असर होता है. आपकीसेक्स लाइफ़ बेहतर होती है, क्योंकि आपको तनाव और थकान कम होती है. अच्छी सेक्स लाइफ़ का मतलब है किआपका रिश्ता भी हेल्दी है.पर्सनल हाइजीन को लेकर जो लोग सतर्क रहते हैं उनकी पर्सनल लाइफ़ भी बेहतर होती है, क्योंकि उनकोइंफ़ेक्शन्स का ख़तरा कम होता है, पार्टनर को भी अच्छा लगता है और वो आपके ज़्यादा क़रीब आते हैं. सिर्फ़प्राइवट पार्ट्स ही नहीं, ओरल हाइजीन का ख़याल रखना भी एक ऐसी हेल्दी आदत है जिसका सीधा असर आपकेरिश्ते पर पड़ता है, क्योंकि अगर आपकी सांस से बदबू आएगी तो भले ही झिझक के मारे पार्टनर कुछ कहे नहीं, लेकिन वो आपके क़रीब आने में झिझकेंगे. ग़ुस्से, ईगो और ईर्ष्या जैसे नकारात्मक भावों से दूर रहना या उनको कंट्रोल में रखना भी बेहद हेल्दी हैबिट है औरइसका प्रभाव साफ़ तौर पर आपके रिश्तों पर भी देखा जा सकता है. आपमें झगड़े कम होंगे और अपनापन बढ़ेगा.ज़ाहिर सी बात है कि एक फिट और हेल्दी बॉडी और एक पॉज़िटिव माइंड आपको ज़्यादा अट्रैक्टिव पर्सन बनाता है, जिससे आपका पार्टनर भी आपके प्रति ज़्यादा प्यार और आकर्षण महसूस करता है. इसके अलावा आप अपनेपार्टनर के लिए अगर हेल्दी हैबिट अपनाते हैं तो उनको और भी अच्छा महसूस होता है, जैसे- शराब या सिगरेट कमकरना या छोड़ देना, फ़िज़ूलखर्ची कम करके सविंग्स पर ध्यान देना, अपने ग़ुस्सैल स्वभाव को कंट्रोल करने कीचुनौती स्वीकार करना आदि.डिजिटल वर्ल्ड में टाइम कम स्पेंड करके अपने रिश्तों को समय देना भी एक बेहतरीन आदत है, जिससे आपका मन-मस्तिष्क भी शांत रहता है और आप ज़्यादा कम्यूनिकेट करते हैं, शेयरिंग और केयरिंग भी बढ़ती है इससे, इसलिएअपने मोबाइल और लैप्टॉप से ब्रेक लेकर अपनों के साथ कुछ पल रोज़ ज़रूर बिताएं. अपने साथ-साथ घर और कमरे को भी साफ़ रखने की आदत आपके रिश्ते को और रोमांटिक बनाएगी. अपने बेड, चादर, तकिया आदि साफ़ रखें. कमरे में अरोमा का इस्तेमाल भी अच्छा उपाय है रोमांटिक लाइफ़ को रिक्रिएट करनेके लिए. बेहतर होगा एनर्जी के साथ अपने बेड पर जाएं और शिकवे-शिकायत को कमरे के बाहर छोड़ आएं. अगरकोई बात करनी भी है तो अलग से समय निकालकर शांत मन से गम्भीरता से बात करें. बेड पर ब्लैक मेलिंग से बचें.सहयोग और अपनेपन की भावना को बढ़ावा दें क्योंकि ये ऐसी आदत है जो अपने सभी रिश्तों को हेल्दी रखेगी. बिनाकिसी स्वार्थ के अपनों की व औरों की मदद को हमेशा तैयार रहना आपके रिश्तों को बेहतर बनाता है और आपकोआत्मिक संतुष्टि भी देता है. कोई बीमार हो तो उसका हालचाल पूछ लेना या पत्नी की तबियत ठीक न होने परउसकी मदद करना, ख़्याल रखना, छुट्टी लेकर साथ वक़्त बिताना भी रिश्तों ke लिए बेहद ज़रूरी और हेल्दी है. इसी तरह ज़िम्मेदारियों व अन्य कामों में भी मदद व सहयोग का रवैया आपको बेहतर फ़ैमिली पर्सन बनाता है. येकाम उसका है, ये ज़िम्मेदारी उसी की है… ये न सोच कर सभी लोग मिलजुल कर काम करें और खुलकर बात करें.अपने पार्टनर को सम्मान देकर उसके विचारों को भी निर्णय लेने से पहले तवज्जो देना भी एक बेहतरीन आदत है. ऐसा न सोचें कि इस बारे में उसे जानकारी नहीं तो उससे क्या पूछना, बेहतर होगा सभी लोग मिलकर ही निर्णय लें. किसी को नीचा न दिखाएं.इसी तरह थैंकयू, सॉरी कहने, आभारव्यक्त करने, तारीफ़ करने, गिफ़्ट देने व सरप्राइज़ की आदत भी बेहद हेल्दी है. ये आदत सिर्फ़ पति-पत्नी के रिश्ते को ही नहीं, बल्कि तमाम रिश्तों को हेल्दी रखेगी. मां ने आपको पसंद का खानाबनाया हो या पत्नी ने आपकी कोई ख़ास शर्ट पर प्रेस किया हो, किसी दोस्त ने कोई छोटी से मदद की हो याऑफ़िस बॉय ने टेबल पर चाय लाकर दी हो- उनको थैंक यू कहने भर से या उनकी तारीफ़ कर देने से रिश्तों में नईऊर्जा और सम्मान का भाव आ जाता है. इसी तरह गलती होने पर माफ़ी मांगने की आदत भी आपके रिश्तों कोहमेशा फिट रखेगी. अपनों को छोटी सी ख़ुशी देने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत या एफ़र्ट करने की आदत भी बहुत पॉज़िटिव है. चीकू शर्मा 

January 13, 2022
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