शरीर का अपना एक अलाइनमेंट होता है, जिसमें बैठते या खड़े होते व़क्त पीठ सीधी रखना, चलते व़क्त सीधे चलना, खड़े होते व़क्त दोनों पैरों पर समान वज़न डालकर सीधे खड़े रहना आदि है. ग़लत बॉडी पोश्चर के कारण स्लिप डिस्क, कमरदर्द, पीठदर्द, ख़राब ब्लड सर्कुलेशन, सीने में दबाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें आप सही बॉडी पोश्चर से दूर कर सकते हैं.
– सही बॉडी पोश्चर हमें सही ब्रीदिंग में नेचुरली मदद करता है. इससे ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई सही तरी़के से होती है, जिससे हमारा मस्तिष्क बेहतर ढंग से काम करता है और हमारी सोचने-समझने की शक्ति भी बेहतर होती है.
– जोड़ों पर बेवजह दबाव नहीं पड़ता, जिससे उनमें तनाव नहीं आता.
– यह रीढ़ की हड्डी कोे एब्नॉर्मल पोज़ीशन में फिक्स होने से बचाता है.
– सही बॉडी पोश्चर के कारण आप अट्रैक्टिव और स्मार्ट लगते हैं, जिससे आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है.
– ध्यान रखें कि खड़े होने पर आप आगे की तरफ़ झुके हुए नहीं रहें. गर्दन व पीठ सीधी रखें, पर ध्यान रहे कि आपका शरीर स्टिफ नज़र न आए.
– खड़े रहने पर हमेशा दोनों पैरों पर समान वज़न रखें. कुछ लोग एक पैर पर पूरा वज़न डालते हुए खड़े होते हैं, जिससे उस पैर की मसल्स पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो सही नहीं है.
– वज़न उठाते व़़क्त स़िर्फ कमर से न झुकें, बल्कि घुटनों को भी मोड़ें, ताकि कमर पर पूरा दबाव न पड़े.
– अगर आपको कोई सामान भारी लग रहा है, तो उसे सीधे ज़मीन से उठाने की बजाय, पहले किसी कुर्सी या मेज़ पर रखें, फिर ऊपर उठाएं. इससे आपके जोड़ों पर बेवजह दबाव नहीं पड़ता.
बॉडी पोश्चर में सबसे ज़्यादा ग़लती लोग बैठने में करते हैं. आज हमारा वर्क कल्चर बदल गया है. आज ज़्यादातर लोग घंटों कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं, इसलिए आपको इस पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है.
– कुछ लोग आधी कुर्सी का ही इस्तेमाल करते हैं और कुर्सी में अपनी बैक को सपोर्ट दिए बिना, आगे की तरफ़ झुके रहते हैं, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है.
– कुर्सी पर बैठे हैं, तो पैर जांघों के 90 डिग्री कोण पर ज़मीन पर हों. अगर पैर ज़मीन पर नहीं पहुंच रहे, तो प्लेटफॉर्म की मदद लें.
– पैरों को क्रॉस करके कभी न बैठें. न ही पैंट की बैक पॉकेट में पर्स, डायरी आदि रखकर बैठें.
– कुर्सी अगर एडजस्टेबल है, तो उसे अपनी ज़रूरत व सुविधा के अनुसार ऊपर व नीचे करके इस्तेमाल करें.
– की-बोर्ड को अपने बिल्कुल सामने रखें. माउस हमेशा की-बोर्ड के बगल में हो, ताकि आपकी कलाइयां व हाथ सीधे रहें.
– कंप्यूटर स्क्रीन का सेंटर बिल्कुल आपके सामने हो और कंप्यूटर का टॉप हिस्सा आपके आई लेवल से 5-7 सेंटीमीटर ऊपर हो.
– कंप्यूटर के सामने बैठते व़क्त अगर आप अपने बॉडी पोश्चर का ध्यान नहीं रखेंगे, तो आप सिरदर्द, गर्दन व कंधों में दर्द, कोहनी, हाथ की उंगलियों और कलाई में दर्द, पीठदर्द आदि से परेशान हो सकते हैं.
– कुर्सी में बैक सपोर्ट के लिए आप कुशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
– लगातार ज़्यादा देर तक कुर्सी पर न बैठे रहें. हर आधे घंटे में उठकर थोड़ा टहलें और बॉडी को स्ट्रेच करें.
– गर्दन व पीठ की मसल्स को रिलैक्स करने के लिए हफ़्ते में एक बार मसाज लें.
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