#RIP: मशहूर शायर राहत इंदौरी नहीं रहे… (Famous Poet Rahat Indori Passes Away…)

राह के पत्थर से बढ़कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र ज़ारी रखो
एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो…

इस तरह की उम्दा शेरो-शायरी के लिए जाने जाते थे राहत इंदौरी साहब, आज उनका निधन हो गया, पर अपनी शायरी में वे सदा हमारे क़रीब रहेंगे. उर्दू के मशहूर शायर इंदौरीजी ने एक से एक बेहतरीन कृतियां लिखीं. उनकी शायरियां दिल को छू जाती थीं.
राहत इंदौरीजी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी. रविवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्होंने ट्वीट कर अपने स्वस्थ होने की बात भी कही थी, पर आज उन्हें एक साथ कई हार्टअटैक आए और उनका निधन हो गया. वे अरबिंदो हस्पताल में भर्ती थे. उन्हें निमोनिया था. वैसे वे हार्ट, किडनी और डायबिटीज़ से भी पीड़ित थे. 70 वर्षीय राहत साहब का जाना सभी को ग़मगीन कर गया.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और दुख प्रकट किया कि एक सुलझे हुए साहित्यकार महान हस्ती का यूं चले जाना काफ़ी दुखद है. इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की. उनके चले जाने से साहित्य जगत का एक सितारा ओझल हो गया.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनकी पंक्तियों को दोहराया कि हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है… इस कदर बेबाक शेरो-शायरी करनेवाला चला गया. राजनाथ सिंह, अरविंद केजरीवाल आदि नेताओं ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
इंदौरी साहब के बेटे सतलज राहत जो ख़ुद भी एक युवा शायर है के अनुसार, उनके पिता केवल रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए ही घर से बाहर निकल रहे थे, जबकि पिछले चार-पांच महीने से घर पर ही थे. लेकिन कुछ दिनों से उन्हें बेचैनी-सी महसूस हो रही थी और उनके फेफड़े का एक्स-रे कराया गया, तो निमोनिया पाया गया. फिर उनका कोविड-19 का भी टेस्ट हुआ, जिसमें वे पॉजिटिव निकले.
इंदौरी साहब चित्रकार भी थे. उन्होंने उर्दू में लेक्चर भी दिए यानी प्रोफेसर भी रहे काफ़ी समय तक. उन्होंने हिंदी फिल्म जगत में कई बेहतरीन गाने लिखे और विश्वभर में काव्य पाठ भी किया. उनकी शेरो-शायरी तो सदाबहार थी हीं.
मेरी सहेली की तरफ़ से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि उन्हीं के शब्दों में..
मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना
लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना…

Usha Gupta

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Usha Gupta

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