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मैं शायर तो नहीं… (Hindi Shayari: Main Shayer To Nahi.)

निदा फ़ाज़ली की उम्दा ग़ज़ल 
बेसन की सोंधी रोटी पर 
खट्टी चटनी जैसी मां 
याद आती है चौका-बासन 
चिमटा फुकनी जैसी मां 
बाँस की खुर्री खाट के ऊपर 
हर आहट पर कान धरे 
आधी सोई आधी जागी 
थकी दोपहरी जैसी मां 
चिड़ियों के चहकार में गूंजे
राधा-मोहन अली-अली 
मुर्गे की आवाज़ से खुलती 
घर की कुंडी जैसी मां 
बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन 
थोड़ी-थोड़ी-सी सब में 
दिन भर इक रस्सी के ऊपर 
चलती नटनी जैसी मां 
बाँट के अपना चेहरा, माथा, 
आँखें जाने कहाँ गई 
फटे पुराने इक अलबम में 
चंचल लड़की जैसी मां…
Summary
Article Name
मैं शायर तो नहीं… (Hindi Shayari: Main Shayer To Nahi…)
Description
Hindi Shayari - निदा फ़ाज़ली की उम्दा ग़ज़ल बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मां याद आती है चौका-बासन चिमटा फुकनी जैसी मां बाँस की खुर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरे आधी सोई आधी जागी थकी दोपहरी जैसी मां..
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Pioneer Book Company Pvt Ltd
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Geeta Sharma

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Geeta Sharma

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