काव्य- … जबकि तुमने बचाए रखा मनुष्यता को! (Kavay- … Jabki Tumne Bachaye Rakha Manushyta Ko!)

सुनों कविताओं.. (मन का विश्वास)
जबकि
हिम्मत बंधाने की बजाय
दहशतों के कारनामे गिना रहे थे लोग
तुमने प्रेम से सहलाये कंधे
मनुष्यता के
तुमने उखडती सांसों को बचाया
सांत्वनाओं के ऑक्सीजन से

जबकि
हम बंद रहे
अपने ही घर में
तुमने खुलेआम
ज़ारी रखी
सभी से वार्तालापें मन की
… और नहीं डगमगाने दिया
भीतर का सकारात्मक रुझान
किसी भी क़ीमत पर

सुनों कविताओं..
जबकि
हर कहीं गिनीं जा रही हैं
सिर्फ़ संख्याएं ही
तुमने कहीं-न-कहीं बचाए रखा
मनुष्यता को
सही से…

नमिता गुप्ता ‘मनसी

यह भी पढ़े: Shayeri

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta
Tags: Kavita

Recent Posts

लघुकथा- असली विजेता (Short Story- Asli Vijeta)

उनके जाने के बाद उसने दुकान को पूर्ववत ही संभाल रखा था.. साथ ही लेखिका…

April 13, 2024

त्यामुळे वेळीच अनर्थ टळला, सयाजी शिंदेंच्या प्रकतीत सुधारणा ( Sayaji Shinde Share Video About His Health Update)

माझी प्रकृती व्यवस्थित : अभिनेते सयाजी शिंदे सातारआता काळजी करण्यासारखं काही कारण नाही, असे आवाहन…

April 13, 2024

बक्षीसाचे ३० लाख रुपये कुठेयेत ? मनीषा राणीने सांगितलं रिॲलिटी शो ‘झलक दिखला जा ११’जिंकल्यानंतरचा खर्च (Manisha Rani Not Received Winning Prize Of Jhalak Dikhhla Jaa 11 )

मनीषा राणीला 'क्वीन ऑफ हार्ट्स' म्हणूनही ओळखले जाते. तिने आपल्या चाहत्यांची मनंही जिंकून घेतली. तिचा…

April 13, 2024
© Merisaheli