बर्थ कंट्रोल के बारे में जानें ये ज़रूरी बातें और बर्थ कंट्रोल की होम रेमेडीज (Know Important Facts About Contraception And Home Remedies For Birth Control)

महिलाएं बर्थ कंट्रोल के तरीकों का इस्तेमाल तो करती हैं, लेकिन आज भी इससे जुड़े कई तरह के सवाल, कई भ्रांतियां रहती हैं उनके मन में. आज भी बर्थ कंट्रोल से संबंधित तमाम ज़रूरी जानकारियां महिलाओं को पता नहीं होतीं. आपके मन में बर्थ कंट्रोल से जुड़ी किसी तरह की कोई गलतफहमी न रहे, यही चाहते हैं हम, इसलिए इससे जुड़ी सभी जानकारियां ले आए हैं आपके लिए.

जानें गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में


गर्भनिरोधक गोलियां यानी बर्थ कंट्रोल पिल्स डेली पिल्स हैं यानि इसे रोज़ाना लेना होता है. ये एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन युक्त गोलियां होती हैं, जो शरीर के नेचुरल साइकल को प्रभावित करती हैं, जिससे प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है. ये ओव्यूलेशन की प्रक्रिया को रोकता है, जिससे ओवरी से एग रिलीज़ नहीं होता और गर्भ ठहरने की संभावना नहीं रहती.

इमर्जेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स: इमर्जेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स जिन्हें मॉर्निंग आफ्टर पिल्स भी कहते हैं, असुरक्षित सेक्स के बाद प्रेग्नेंसी को रोकने का कार्य करती है. ये पिल असुरक्षित सेक्स के ७२ घंटों यानि ३ दिन के अंदर ली जानी चाहिए. लेकिन डॉक्टर्स के अनुसार अनसेफ सेक्स के बाद इमर्जेंसी कंट्रासेप्टिव पिल जितनी जल्दी ले लेंगी, असर उतना ही ज़्यादा होगा. पर ध्यान रखें, बर्थ कंट्रोल पिल्स सुरक्षित सेक्स की गारंटी देता है, जब कि इमर्जेंसी पिल्स ऐसा नहीं करता, इसलिए इमर्जेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स को सेफ सेक्स के ऑप्शन के तौर पर न लें. अगर कभी अनसेफ सेक्स हो गया हो, तो ही इसे लेना समझदारी है. इसे आदत न बना लें.

बर्थ कंट्रोल पिल्स कब और कैसे लेना चाहिए: इन पिल्स को आपको रोज़ाना नियत समय पर लेना होगा तभी ये इफेक्टिव होंगी. इसे आप पीरियड्स के ५ वें दिन से ले सकती हैं. नॉर्मल मेन्स्टु्रअल साइकल २१ दिन का माना जाता है. आपको २१ दिन तक ये पिल्स लेनी होंगी. अगर आप एक दिन गोली भूल जाती हैं तो अगले दिन दो गोलियां ले सकती हैं. अगर लगातार दो दिन गोलियां लेना भूल गई हैं तो अगले दिन दो-दो गोलियां ले सकती हैं. लेकिन अगर आप दो या ज़्यादा दिनों के लिए गोलियां लेना भूल जाती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अन्य विकल्प के बारे में पूछें.

बर्थ कंट्रोल पिल्स का असर कब से शुरू होता है: वैसे इसका असर १४ वें दिन से शुरू हो जाता है. पर पूरी सेफ्टी के लिए डॉक्टर पिल शुरू करने के एक हफ्ते बाद तक कंडोम यूज़ करने की सलाह देते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स कितने इफेक्टिव हैं: अगर इसे सही तरीके से लिया जाए, तो ये अनचाहे गर्भ से पूरी सुरक्षा देते हैं. लेकिन ध्यान रखें अगर आप कोई अन्य दवाएं या सप्लीमेंट्स ले रही हैं, तो बर्थ कंट्रोल पिल्स का असर कम हो सकता है. ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें.

बर्थ कंट्रोल पिल्स कितने सेफ हैं: अधिकतर महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स पूरी तरह सेफ माने जाते हैं. लेकिन कुछ महिलाओं में और कुछ हेल्थ कंडीशन में इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि पिल्स डॉक्टर की सलाह पर ही लें, ताकि आपके नए जीवन की शुरुआत हेल्दी तरीके से हो.

क्या साइड इफेक्ट्स हैं: शुरुआत में बर्थ कंट्रोल पिल्स के कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे ब्लोटिंग, ब्रेस्ट में भारीपन, मूड स्विंग्स, वज़न बढना, सिरदर्द, पेटदर्द, उल्टी महसूस होना, डिप्रेशन आदि प्रॉब्लम्स हो सकते हैं, जो दो-तीन महीने में अपने आप दूर हो जाते हैं. अगर तकलीफ ज़्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें. हो सकता है वो आपको कोई और बर्थ कंट्रोल पिल्स प्रिस्क्राइब करें जिसके साइड इफेक्ट्स कम हों.

बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से क्या भविष्य में कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है: बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से कंसीव करने में कोई दिक्कत नहीं आती. बस जब भी प्रेग्नेंसी प्लान करनी हो, इसे लेना बंद कर दें. हां कुछ महिलाओं का साइकल नॉर्मल होने में एक-दो महीने लग सकते हैं, लेकिन अधिकतर महिलाएं पिल बंद करते ही कंसीव कर सकती हैं. इसलिए अगर बच्चा प्लान करना है तो बस पिल्स लेना बंद करें, डॉक्टर से मिलें और मां बनने का आनंद लें.

क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स का पीरियड्स पर भी असर होता है: बर्थ कंट्रोल पिल्स की अलग-अलग महिलाओं पर अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है. ये पिल्स लेने के बाद कुछ महिलाएं हैवी ब्लडिंग, दर्द, अनियमित पीरियड्स की शिकायत करती हैं, तो ये पिल्स लेने से कुछ महिलाओं के पीरियड्स एकदम रेग्युलर हो जाते हैं और उन्हें पीरियड्स के दौरान दर्द भी कम होता है.


गर्भ निरोधक घरेलू नुस्खे


अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकती हैं. हालांकि दूसरे गर्भ निरोधक मेथड की तरह ये भी १०० प्रतिशत गेरेंटी नहीं देते, पर ये बिल्कुल सेफ होते हैं.
– अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद २-३ टुकड़े अंजीर के खाएं, जिससे गर्भ रोकने में मदद मिलेगी.
– अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद पपीता ज़रूर खाएं, इससे गर्भधारण नहीं होगा. इसे सेक्स के बाद २ से ३ दिनों तक दिन में २ बार खाने की सलाह दी जाती है.
– अदरक भी एक गर्भ निरोधक का काम करता है. यदि आप अनचाहा गर्भधारण नहीं चाहतीं, तो सेक्स के बाद अदरक को उबालकर घूंट-घूंट कर पीएं.
– नीम भी एक बेहतरीन नेचुरल गर्भनिरोधक है. ये एग तक पहुंचने की स्पर्म की क्षमता को कम कर देती है, जिससे एग फर्टिलाइज नहीं हो पाता और प्रेगनेंसी की संभावना भी कम हो जाती है.
– विटामिन सी का सेवन कर आप अनचाहे गर्भ को रोक सकते हैं. इसमें आपको ज़रुरत है शुद्ध विटामिन सी के सेवन की, जिसमें कोई मिलावट न हो. अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद इसे दिन में दो बार लें.

बचें इन मिथ्स से


–  ये सिर्फ मिथ है कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावना नहीं होती. अगर आपको भी ऐसी ही कुछ गलतफहमी है तो आज से ही इसे अपने मन से निकाल दें. ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बॉडी में जो हार्मोंस बनते हैं, उनके कारण ऑव्यूलेशन कुछ टाइम के लिए बंद हो जाता है, लेकिन यह बात हर महिला पर समान रूप से लागू नहीं होती है.
– इस बात में भी कोई सच्चाई नहीं है कि सेक्स के फौरन बाद नहाने से प्रेग्नेंसी नहीं होती. सेक्स के बाद यूरीन जाने या शावर लेने का स्पर्म द्वारा अंडे को फर्टिलाइज करने से कोई संबंध नहीं है.
– ज़्यादातर लोगों का मानना होता है कि सेफ दिनों में असुरक्षित सेक्स करने से प्रेग्नेंसी नहीं होती है, जबकि ये बिल्कुल गलत हैं. सेफ दिनों में भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं, इसलिए सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल ज़रूर करें.
– ये भी जान लें कि कोई भी बर्थ कंट्रोल १०० प्रतिशत प्रभावी होते हैं.



Pratibha Tiwari

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