ताजी सिंकी हुई ब्रेड की महक, ग्रिल पर मसालेदार मीट बनने की आवाज और हर व्यंजन के तरह-तरह के रंग और फ्लेवर की कल्पना कीजिए. इफ्तार का असली मजा यही है. हालांकि, रमज़ान का त्योहार खाने-पीने से ज्यादा बहुत कुछ है. यह आध्यात्मिक विकास का समय है. लोगों का अपने धर्म से फिर से जुड़ने का समय है. अब रमज़ान आ गया है. इफ्तार के दावत की तैयारियां चल रही हैं. अब यह विचार करना बहुत जरूरी हो गया है कि कैसे हम डायबिटीज से जूझ रहे लोगों और उनका ख्याल रखने वाले लोगों की त्योहार अच्छी तरह मनाने में मदद कर सकते हैं. रमज़ान का रोजा रखना डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी मुश्किल होता है. इसके लिए उन्हें अपने रूटीन और लाइफस्टाइल में भारी बदलाव करना पड़ता है, जिससे दिन भर अपने ग्लूकोज लेवल को ठीक करने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
अपना ग्लूकोज लेवल लगातार जांचते रहना चाहिए. अपने घरों में रहते हुए ऐसा करने के बहुत से तरीके हैं। फ्री स्टाइल लिबरे जैसे कॉन्टिन्यूस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) जैसे डिवाइस पहने जा सकते हैं. यह रमज़ान में रोजे के समय या इफ्तार के समय डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अपने ग्लूकोज लेवल की सही रीडिंग और ट्रेंड तक पहुंच के लिए आसान विकल्प देते हैं. इसमें उन्हें पारंपंरिक ग्लूकोज टेस्टिंग की तरह उंगली में सुई चुभने का दर्द नहीं सहना पड़ता.
डॉ शेहला शेख, सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, सैफी अस्पताल, मुंबई ने कहा “जिन लोगों की डायबिटीज ज्यादा नियंत्रित रहती है, उन्हें रमज़ान में लंबे समय तक रोजा रखने के दौरान शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए. कई ऐसी सेहतमंद अच्छी आदतें हैं, इफ्तार से सहरी तक उपवास तोड़ने की अवधि के लिए लोगों को कई स्वस्थ खाने की आदतों का पालन करना चाहिए. अपने उपवास के दौरान अपने रक्त शर्करा की निगरानी करना न भूलें; आप चलते-फिरते इसे सहजता से कर सकते हैं क्योंकि अब कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) डिवाइस विकल्प उपलब्ध हैं. इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह लेनी भी जरूरी है कि आपको इन दिनों में अपनी दवाई में किस तरह बदलाव की जरूरत है.”
रोजा रखने के समय डायबिटीज को मैनेज करने के लिए टाइम इन रेंज द्वारा सीजीएम डिवाइस जैसे मानकों का ध्यान रखना जरूरी है. टाइम इन रेंज समय का वह भाग होता है, जब व्यक्ति का ग्लूकोज लेवल तय रेंज में होता है (पारंपरिक रूप से 70-180 एमजी/डीएल)। अपनी ब्लड शुगर की रीडिंग को अक्सर जांचते रहना काफी जरूरी है, जिससे आपके ब्लड शुगर लेवल में सुधार आएगा और आपको लंबे समय में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें नहीं होंगी. व्यक्ति का लक्ष्य हर दिन 24 में से 17 घंटे अपनी ब्लड शुगर को रेंज में रखना होना चाहिए. इसके अलावा रमज़ान का त्योहार मनाते समय डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए.
इस साल रमज़ान का त्योहार मनाते समय अपनी डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के कुछ टिप्स यहां दिए जा रहे हैं
इन टिप्स के अलावा डायबिटीज के रोगियों को हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया के चिंताजनक स्तर के प्रति अलर्ट रहना चाहिए और इनका अच्छी तरह से ख्याल रखना चाहिए. इसके अलावा आपको यह भी योजना बनानी चाहिए कि ब्लड शुगर के हाई और लो होने पर आपको क्या करना चाहिए. इसके अलावा, आपको डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए कि किस तरह आप दिन के कम से कम 75 फीसदी समय में अपनी ब्लड शुगर को मेंटेन करने का लक्ष्य तय कर सकते हैं. यह काम आपको रोजा रखने के दौरान भी करना चाहिए.
तो, अब जब कुछ डायबिटीज के रोगी रोजा रखना पसंद करते हैं तो इसके लिए उन्हें योजना तैयार करनी चाहिए ताकि रमज़ान के इस पाक महीने में उन्हें अपनी सेहत दुरुस्त रखने में मदद मिल सके.
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