लघुकथा- घर का भोजन (Short Story- Ghar Ka Bhojan)

सहेली को कुछ आश्चर्य हुआ और उसने पूछा, “ऐसा क्यों? पहले तो तुम इन्हें पूरा महीना प्यार से भोजन करवाती थी.”
स्त्री ने कहा, “मैं पैसे भी अब २८ दिन के ही लेती हूं.”
“पर यह लोग तो तुम्हें पूरे महीने के देने को तैयार है न! अब यह बेचारे युवक दो दिन क्या खाते होंगे?”
“बात पैसों की नहीं है.”
“तो फिर?”

एक स्त्री के पास एक बड़ा सा घर था, बड़े-बड़े १२ कमरों वाला. वह स्त्री अकेली रहती थी, तो उसने सोचा क्यों न वह उसमें नवयुवकों को पेइंग गेस्ट के रूप में रख लूं. आमदनी भी होगी एवं मेरा अकेलापन भी दूर हो जाएगा.
उसने हर कमरे में दो-दो पलंग बिछवा कर शेष सारी सुविधाएं जुटा लीं.
उसे भोजन बनाने और खिलाने का भी बहुत शौक था. सुबह सब को नाश्ता करवाती और दोपहर के लिए भी पैकेट बना कर देती.
रात को तो खैर सबको गर्मागर्म भोजन मिलता ही था.
और वह स्त्री यह सब पूरा महीना बिना कोई छुट्टी लिए प्रेम पूर्वक करती थी.

यह भी पढ़ें: नम्रता ही असली कामयाबी है (Modesty Is The Real Success)

छह माह बीत गए. एक दिन उसकी बहुत पुरानी सखी उससे मिलने आई.
बातचीत में उस स्त्री ने अपनी सहेली को बताया कि वह अब महीने में केवल २८ दिन ही भोजन बनाती है. बाकी के दो या तीन दिन सब को अपने भोजन की व्यवस्था स्वयं करनी होती है.
सहेली को कुछ आश्चर्य हुआ और उसने पूछा, “ऐसा क्यों? पहले तो तुम इन्हें पूरा महीना प्यार से भोजन करवाती थी.”
स्त्री ने कहा, “मैं पैसे भी अब २८ दिन के ही लेती हूं.”
“पर यह लोग तो तुम्हें पूरे महीने के देने को तैयार है न! अब यह बेचारे युवक दो दिन क्या खाते होंगे?”
“बात पैसों की नहीं है.”
“तो फिर?”
“मैं पूरे मन से खाना बनाती थी और खिलाती भी प्यार से थी, परन्तु मुझे हर समय शिकायतें ही सुनने को मिलती. हर दिन कोई न कोई कमी निकाल ही लेते. कभी “नमक कम है” और कभी “रोटी ठंडी है” कह कर मुझे सुनाते.
परन्तु जब से उन्हें दो दिन भोजन ढंग का नहीं मिलता और बाहर पैसे भी अधिक देने पड़ते हैं, तो अब वह मेरे बनाए भोजन की कद्र करने लगे हैं और बिना त्रुटि निकाले खाते हैं.


यह भी पढ़ें: सज्जनता- कमज़ोरी नहीं मज़बूती है (Sajjanata Kamzori nahin mazbooti hai)

मैं अपनी ग़लती सुधारने को तैयार हूं, परंतु बिना बात नुक़्ताचीनी सुनने को नहीं.”

उषा वधवा

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का कलरएसेंस कॉस्मेटिक्स का गिफ्ट वाउचर.

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

प्रेरक कथा- राजा की बीमारी (Short Story- Raja Ki Bimari)

साधु ने कहा कि वह जंगल में ही रहना चाहते हैं, वह किसी राजा का…

March 28, 2024

जोडीनं घ्या आनंद (Enjoy Together)

जोडीदारापेक्षा चांगला फिटनेस पार्टनर कोण होऊ शकतो? या प्रकारे दोघांनाही फिटनेस राखता येईल, शिवाय सध्याच्या…

March 28, 2024

जोडीनं घ्या आनंद

जोडीनं घ्या आनंदजोडीदारापेक्षा चांगला फिटनेस पार्टनर कोण होऊ शकतो? या प्रकारे दोघांनाही फिटनेस राखता येईल,…

March 28, 2024

मन्नत आणि जलसापेक्षाही आलिशान असणार आहे कपूरांचं घर? (Ranbir Kapoor Aalia Bhatt New Home Named As Their Daughter Raha Getting Ready In Bandra)

बॉलीवूडमधील क्युट कपल म्हणजेच रणबीर कपूर आणि आलिया भट्ट हे त्यांच्या अफेरपासूनच  फार चर्चेत होतं.…

March 28, 2024
© Merisaheli