कहानी- गुब्बारेवाला (Short Story- Gubbarewala)

संजीव जायसवाल ‘संजय
                                       

इतना कहकर वह लड़का वहां से चल दिया. मुझे अपने व्यवहार पर बहुत आत्मग्लानि हुई. मेरे दुख से उसका दुख ज़्यादा बड़ा था. मैंने उसे आवाज़ देकर बुलाया और सौ का नोट उसकी तरफ़ बढ़ाते हुए कहा, “इसे रख लो.”
“यह किसलिए?” उस लड़के का स्वर कांप उठा.

“बाबूजी, गुब्बारा ले लीजिए.” अचानक वही दुबला-पतला लड़का एक बार फिर सामने आकर खड़ा हो गया.
“मुझे नहीं लेना. चलो भागो यहां से.” मैंने झल्लाते हुए उसे डपट दिया.
“ले लीजिए बाबूजी. देखिए कितने अच्छे गुब्बारे हैं. लाल, हरे, नीले-पीले हर रंग के प्यारे-प्यारे गुब्बारे. बिटिया को बहुत पसंद आएंगे.” उसने ज़ोर देते हुए कहा.
मैं उसे दोबारा डपटने जा ही रहा था कि रचना तुतलाते हुए बोली, “पापा, जे पीला वाला गुब्बाला बौत अच्छा है. इछे दिला दीजये.”
मैं रचना की कोई बात नहीं टाल सकता था. अतः न चाहते हुए भी उसे गुब्बारा दिलवाना पड़ा. वो लड़का एक रुपया लेकर ख़ुशी-ख़ुशी वहां से चला गया.
पिछले महीने पत्नी दीप्ति की मौत के बाद रचना की पूरी ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई थी. मैं रोज़ शाम उसे गोद में लेकर इस पार्क में आ जाता था. पार्क की इस बेंच पर बैठकर मुझे बहुत शांति मिलती थी, क्योंकि दीप्ति की यह पसंदीदा जगह थी. यहां आकर मुझे ऐसा लगता था जैसे वो मेरे साथ बैठी हो. मैं घंटों उसकी याद में खोया रहता था.

यह भी पढ़ें: आपके बच्चे का विकास सही तरह से और सही दिशा में हो रहा है? जानें सभी पैरेंट्स… (How Parents Can Ensure Their Child Grows Right?)


पिछले कुछ दिनों से इस गुब्बारेवाले के कारण मुझे बहुत द़िक्क़त हो रही थी. मैं इस बेंच पर आकर बैठता ही था कि यमदूत की तरह वह आ धमकता. बिना गुब्बारे बेचे टलता ही न था. उसे देखकर ही मुझे ग़ुस्सा आने लगता था.
मैंने तय कर लिया था कि कल से इस बेंच पर बैठूंगा ही नहीं. मैंने पेड़ों के झुरमुट के पीछे एक दूसरी जगह तलाश ली थी. वहां लोगों की दृष्टि नहीं पड़ती थी, इसलिए वहां काफ़ी शांति थी.
अगले दिन मैं रचना के साथ वहां जाकर बैठ गया. धीरे-धीरे आधा घंटा बीत गया. मैं मन ही मन ख़ुश था कि आज गुब्बारेवाले ने मेरी शांति भंग नहीं की.
“अरे, बाबूजी, आप यहां बैठे हैं. मैं समझा की आज आप आएंगे ही नहीं.” तभी वह लड़का भूत जैसा वहां आ टपका और अपने गुब्बारों का झुंड रचना की तरफ़ बढ़ाते हुए बोला, “बिटिया रानी, कौन-सा गुब्बारा दूं.”
“अबे, बिटिया रानी के दुम. तू मुझे चैन से जीने क्यों नहीं देता. जहां जाता हूं वहां आ धमकता है. क्या तेरे पास और कोई काम नहीं है.” मैंने उसे बुरी तरह फटकार दिया.
डांट खा उस लड़के की आंखें छलछला आईं. वह उन्हें पोंछते हुए बोला, “बाबूजी, माफ़ करिएगा. आपको दुख पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था. कुछ दिनों पहले एक दुर्घटना में मेरे माता-पिता की मृत्यु हो गई है. मेरे पास स्कूल की फ़ीस भरने के लिए पैसे नहीं है, इसलिए रोज़ शाम पार्क में गुब्बारे बेचने चला आता हूं. जिनकी गोद में बच्चे होते हैं वे आसानी से गुब्बारे ख़रीद लेते हैं, इसीलिए आपके पास आ जाता था.”
इतना कहकर वह लड़का वहां से चल दिया. मुझे अपने व्यवहार पर बहुत आत्मग्लानि हुई. मेरे दुख से उसका दुख ज़्यादा बड़ा था. मैंने उसे आवाज़ देकर बुलाया और सौ का नोट उसकी तरफ़ बढ़ाते हुए कहा, “इसे रख लो.”
“यह किसलिए?” उस लड़के का स्वर कांप उठा.
“तुम्हारी फ़ीस के काम आएंगे.” मैंने समझाया.
यह सुन उस लड़के की आंखें एक बार फिर छलछला आईं. वह भर्राये स्वर में बोला, “बाबूजी, मैं बेसहारा ज़रूर हूं, मगर भिखारी नहीं.”
“मेरा यह मतलब नहीं था. मैं तो स़िर्फ तुम्हारी मदद करना चाहता था.” मैंने बात संभालने की कोशिश की.

यह भी पढ़ें: कितने दानी हैं आप? (The Benefits Of Charity)


उस लड़के ने पल भर के लिए मेरी ओर देखा , फिर बोला, “अगर आप मदद करना चाहते हैं, तो स़िर्फ इतना वादा कर दीजिए कि आज के बाद किसी गरीब को दुत्कारेंगे नहीं.”
इतना कहकर वह तेजी से वहां से चला गया. मैं चुपचाप बैठा रहा. मेरे अंदर इतना साहस नहीं बचा था कि उसे रोक सकूं. उसके आगे मैं अपने को बहुत छोटा महसूस कर रहा था.

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

Photo Courtesy: Freepik

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का कलरएसेंस कॉस्मेटिक्स का गिफ्ट वाउचर.

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

सुप्रसिद्ध बॉलीवूड दिग्दर्शिका व कोरिओग्राफर फराह खान आणि दिग्दर्शक साजिद खानची आई मेनका इराणी यांचं निधन (Farah Khan Mother Menaka Irani Died In Mumbai)

सुप्रसिद्ध बॉलीवूड दिग्दर्शिका व कोरिओग्राफर फराह खान आणि दिग्दर्शक साजिद खानची आई मेनका इराणी यांचं…

July 26, 2024

ब्रेकअप की अफवाहों के बीच एयरपोर्ट पर अलग- अलग स्पॉट हुए अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा (Amidst Breakup Rumours, Arjun Kapoor And Malaika Arora Seen Separately At The Airport)

मलाइका अरोड़ा और अर्जन कपूर के ब्रेकअप की अफवाहें काफी दिनों से सोशल मीडिया की…

July 26, 2024

कहानी- एक खाली पृष्ठ (Short Story- Ek Khali Prishth)

उन्हीं दिनों एक बार मैंने आटोग्राफ बुक खोल कर उनके सामने रखी. वे उस खाली…

July 26, 2024
© Merisaheli