Short Stories

कहानी- काश कि तुम लौट जाते (Short Story- Kash Ki Tum Laut Jate)

तुम जब मेरे क़रीब आए, तुमने जब मेरे हाथों को छुआ तो मुझे भी एक अजीब सी सिहरन हुई. ज़िंदगी के अधूरेपन का एहसास मेरे भीतर सांस ले रहा था. हां, मैं भी किसी सच्चे प्यार के लिए तरस रही थी.

तुम मुझे इस मोड़ पर क्यूं मिले और मिल ही गए थे तो किसी अजनबी सा लौट जाते, फिर मेरी ज़िंदगी में आने का क्या अर्थ है? 

काश कि तुम लौट जाते!

तुम कैसे समझोगे कि यह मेरी लव मैरेज है, लेकिन बस शादी के दो साल के भीतर इसमें प्यार छोड़ कर सब कुछ है. 

सच बताओ तुमने मुझे इतना कैसे पढ़ लिया, तुम मेरे भीतर इतना क्यों उतर गए.

पहले मैंने सोचा था तुम मुझे प्यार नहीं करोगे? तुम जानते हो मैं शादीशुदा हूं और हमारे प्यार का कोई भविष्य नहीं है और तुम भी तो अपनी ज़िंदगी में शादी के बाद ढेर सारे कमिटमेंट्स से बंधे थे. घर-परिवार, बच्चे, नौकरी भला तुम कैसे छोड़ सकते थे यह सब. इसके बाद मान-सम्मान सामाजिक मर्यादा कुछ भी तो नहीं छोड़ सकते हम अपनी ज़िंदगी में. फिर तुम्हार मेरे क़रीब आना, मेरी तारीफ़ करना, मुझे अपना समझ लेना… कहां का न्याय था. 

जाने दो प्रेम में न्याय-अन्याय नहीं होता! शुरू में मैंने सोचा आम मर्दों की तरह तुम भी मेरे हुस्न के सौदाई होगे. कुछ दिन मेरे पीछे भागोगे और एक दिन निराश हो कर लौट जाओगे. मर्दों को क्या चाहिए हम जानते हैं, मगर एक सभ्य इंसान, एक मैच्योर पुरुष इसे इशारों से ज़ाहिर करता है कभी अपनी ज़ुबान से इसे कहता नहीं है. इसके आगे हमारी मर्ज़ी होती है उस प्रेम निवेदन को स्वीकारें या अस्वीकार कर दें. समझ कर भी अनजान बन जाएं अपना व्यवहार बदल लें. बिना कुछ कहे किसी से दूर हो जाएं या फिर किसी को किस सीमा तक अपनी ज़िंदगी में आने दें. औपचारिक बातचीत तक, फ्लर्टिंग तक या फिर अंतरंग हो जाने तक. 

यह भी पढ़ें: जानें दिल की दिलचस्प बातें(Know Interesting Facts About Your Heart)

अमूमन मैंने किसी को अपने भीतर इस हद तक आने की इजाज़त नहीं दी. जहां तक तुम मेरे भीतर समा गए हो.

उफ़्फ़ अब कभी-कभी सोचती हूं कि आख़िर ऐसा क्या हुआ और कैसे कि तुम मेरे दिल के भीतर इतना गहरे बैठ गए कि तमाम कोशिश के बाद भी तुम्हें अपने भीतर से निकाल पाना मुश्किल हो गया. ओह क्या मैं भी तुम्हें प्यार करती हूं. नहीं ऐसा नहीं हो सकता, मगर कहीं ऐसा हुआ तो बस इसी सवाल का जवाब अपने भीतर ढूंढ़ने में मुझे डर लगता है. 

क्या कहूं प्यार शर्तों पर नहीं होता. भला-बुरा और नफा-नुक़सान देख कर नहीं होता. प्यार तो बस एक नशा है कब कहां किस से और क्यों हो जाए कौन जानता है. 

तुम जब मेरे क़रीब आए, तुमने जब मेरे हाथों को छुआ तो मुझे भी एक अजीब सी सिहरन हुई. ज़िंदगी के अधूरेपन का एहसास मेरे भीतर सांस ले रहा था. हां, मैं भी किसी सच्चे प्यार के लिए तरस रही थी. यह सच है कि मेरी लव मैरेज हो चुकी थी, लेकिन उस शादी में प्यार नहीं बचा था. बस वह शादी मात्र एक निर्वहन बन रह गई थी. परिवार सम्भालो, घर देखो बच्चों को सम्भालो. वह रोमांस, जो शादी से पहले रोमांचित करते थे सब खो चुके थे. हमारे बीच बचा था तो बस एक एडजस्टमेंट. 

तुमने मेरे भीतर छुपी रोमांस की प्यास को कैसे जाना यह मेरी समझ से परे है. मैं तो बस ऑफिस में कभी-कभी तुमसे बात करते हुए मुस्कुरा भर देती थी एक सामान्य शिष्टाचार की तरह. और जब तुमने मेरे अधिक क़रीब आने की कोशिश की थी तब मैंने ख़ुद को समेटा भी था. कई बार तुमसे दूरी बना ली थी. 

यह भी पढ़ें: अपने रिश्ते में यूं एड करें मसाला, रोमांच और रोमांस और बनाएं अपने स्लो रिश्ते को फास्ट… (Smart Ways To Spice Up Your Marriage To Speed Up A Relationship)

मैंने सोचा था मेरी बेरुखी से तुम ख़ुद ब ख़ुद मुझ से दूर चले जाओगे. तुम डरे भी कुछ दूर भी हुए, मुझे ख़ुशी हुई चलो मर्दों का क्या है तुम्हें कुछ चाहिए होगा तो किसी और से मिल जाएगा उसमें क्या है? आज इस खुली दुनिया में कुछ भी हासिल कर लेना कौन सा मुश्किल काम है.

मगर नहीं वह जो तुम मुझ से दूर जा कर, अपने ही डर से बाहर निकल कर फिर मेरे पास लौट आए और जिस तरह बिना बोले सिर्फ़ इशारों में मुझ से प्रणय निवेदन कर बैठे उसने मुझे तोड़ दिया. 

मैं भीतर ही भीतर अपने अंदर छुपी प्यार की प्यास में तड़प उठी, जल उठी. एक शख़्स इतना डेयरिंग कैसे हो गया कि उसने अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी. वह अपनी पोजिशन अपना घर बार भूल बैठा.

उफ़्फ़ यदि किसी को सिर्फ़ फ्लर्टिंग ही करनी होती तो किसी से भी कर लेता. मनचले लोगों का क्या है? तू नहीं और सही और नहीं और सही, मगर वह तुम्हारा जा कर लौट आना मुझे भीतर तक हिला गया. 

तुम सब कुछ जान-समझ कर भी मेरे ही पास आए बिना मुंह से बोले. यह प्यार नहीं तो और क्या है और इस तरह तुम्हारा मेरे प्रति इतना लगाव कि सब कुछ दांव पर लगा दो. यहां तक कि ख़ुद के व्यक्तित्व को भी ऐसा प्यार मैंने देखा नहीं है, बस किताबों में पढ़ा और सुना है. तुम्हारा इस तरह मुझे चाहना मेरे भीतर भी प्रेम के एहसास को ज़िंदा कर गया है. इसलिए मैं अपने भीतर इस सवाल के जवाब को नहीं ढूंढ़ना चाहती. रवि तुम्हारे फेसबुक पोस्ट की तड़प और प्यार की इबारत मुझे भीतर तक जला रही है. मैं तुम्हें बिना छुए ही अपने भीतर प्यार की आग और उस एहसास में जल रही हूं.

काश कि तुम लौट जाते, यह सिर्फ़ मेरे लिए दीवानगी दिखाना, सब कुछ जान कर भी मुझे पाने के लिए ख़ुद को दांव पर लगा देना मेरे भीतर सदियों से मर चुके प्रेम को ज़िंदा कर चुका है. प्रेम ज़िंदगी देता है मौत नहीं, मेरे भीतर ख़त्म हो चुके ज़िंदगी के एहसास को. एक बार फिर धड़कनों में जीने की तमन्ना उठ गई है. हो सकता है मैं तुम्हें कभी न छू सकूं, हम कभी एक न हो सकें, लेकिन मैं अपने भीतर यह नहीं कह पा रही कि मुझे तुमसे प्यार नहीं है, प्यार नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें: पहला अफेयर- बूंदों की सरगम… (Love Story- Boondon Ki Sargam)

अगर मेरे भीतर प्यार का एहसास न उठा होता तो मैं इतनी देर क्यों जाग रही होती और सिर्फ़ तुम्हें सोचती. सही-ग़लत और नैतिकता के प्रश्न अलग सवाल हैं और प्रेम एक अलग अनुभूति जो इससे परे है. खैर यह सब लिख कर उसने अपने एफबी के प्रायवेट पेज पर सेव ऐज ड्राफ्ट करने के बाद उसने बस एक लाइन पोस्ट की-

‘नदी कहीं रुकती नहीं है वह निरंतर बहती रहती है…’

इसे लिख कर उसने  यह सोच कर रवि को टैग कर दिया था की शायद इसके बाद उसे नींद आ जाए.

– शिखर प्रयाग 

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

Photo Courtesy: Freepik

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का गिफ्ट वाउचर.

Usha Gupta

Share
Published by
Usha Gupta

Recent Posts

रिश्तों में क्यों बढ़ रहा है इमोशनल एब्यूज़? (Why is emotional abuse increasing in relationships?)

रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…

July 3, 2025

कहानी- वो लड़की कम हंसती है… (Short Story- Who Ladki Kam Hasti Hai…)

नेहा शर्मा “सब मुस्कुराते हैं, कोई खुल कर तो कोई चुपचाप और चुपचाप वाली मुस्कुराहट…

July 3, 2025

आपके मोबाइल की बैटरी की सबसे ज़्यादा खपत करते हैं ये ऐप्स (These Apps Drain Your Phone’s Battery the Most)

आपके पास चाहे कितना भी महंगा और लेटेस्ट फीचर्स वाला स्मार्टफोन क्यों न हो, लेकिन…

July 2, 2025
© Merisaheli