कहानी- सिंगल मदर (Short Story- Single Mother)

आज प्रिया दीया को एक बहादुर लड़की की कहानी सुना रही थी. जो उसकी अपनी ही कहानी थी. उसे लग रहा था कि अब वह समय आ गया है, जब दीया को उसके पिता का सारा सच उसे बता देना चाहिए. वो आज एक कहानी के ज़रिए अपने जीवन की एक-एक सच्चाई दीया को सुना रही थी. यहां कहानी ख़त्म होने ही वाली थी कि बाहर सोसाइटी से रोने-पीटने का अजीब सा शोर सुनाई दिया.

आज फिर दीया का स्कूल से आकर अपनी मां से वही सवाल था, जिससे उसकी मां प्रिया हमेशा बचना चाहती थी.
“मॉम, मेरे डैड मेरे पास क्यों नहीं हैं? वो कहां हैं?”
और प्रिया आज भी हमेशा की तरह दीया की बात को टालती हुई, “दीया देखो आज मॉम ने क्या बनाया है? तुम्हारे लिए तुम्हारे फेवरेट नूडल्स, तुम जल्दी से चेंज करके आओ फिर दोनों मिलकर खाते हैं.”
लेकिन दीया अपने दोनों हाथों को बांधकर अपनी मां के पीछे ऐसे खड़ी थी, जैसे कि वह आज अपने सवाल का जवाब लिए बिना नहीं मानेंगी.
लेकिन प्रिया ने दीया को हमेशा की ही तरह आज फिर अपनी मीठी-मीठी बातों से बहला लिया.
प्रिया जानती थी कि यह सवाल दीया फिर से करेगी, बराबर करेगी, लेकिन वो भी क्या करती? छह साल की बच्ची को ठीक से कुछ समझाया भी तो नहीं जा सकता था.
प्रिया आगरा की एक छोटी-सी कॉलोनी में रहती. स्कूल में टीचिंग करती, घर पर भी ट्यूशन लेती, उस पर घर का काम, दीया का स्कूल, उसकी देखभाल और सबसे बड़ी बात लोगों की बेमतलब की बातें उनके ताने, दिल दुखाने वाले रोज़ के तरह-तरह के सवाल.


जिसके मन में जो आता वो वही बोलता. आसपास की पढ़ी-लिखी महिलाएं उसे तीज-त्योहार पर कम ही बुलातीं. कॉलोनी के पुरुष भी उसे तिरछी नज़र से देखते. सब यही सोचते कि इतनी ख़ूबसूरत और स्मार्ट लड़की को कोई कैसे और क्यों छोड़ेगा भला? सोसाइटी के लोगों की प्रिया को लेकर अपनी-अपनी अटकलें थीं, अपनी-अपनी अफ़वाहें थीं.
कोई कहता, “अरे, चक्कर होगा किसी से तभी तो पति को छोड़कर भाग आई होगी.
तो कोई कहता, “नहीं भाई, मुझे तो तेज़- तर्रार ज़्यादा ही दिखती है शायद इसलिए पति ने ही छोड़ दिया होगा.”
जैसे जिसके विचार वैसी उसकी ज़ुबान महिलाएं भी ख़ूब चटकारे ले लेकर उसके बारे में बातें करतीं.


यह भी पढ़ें: क्या आप भी अपने रिश्तों में करते हैं ये ग़लतियां? इनसे बचें ताकि रिश्ते टिकाऊ बनें (Common Marriage Mistakes To Avoid: Simple And Smart Tips For A Healthy And Long-Lasting Relationship)

प्रिया सब कुछ अनसुना करके जीवन में आगे बढ़ना चाहती, क्योंकि उसने कम उम्र में ही आंसुओं से भीगे कई सावन और बेरंगी फागुन देख लिए थे.
प्रिया हमेशा मुस्कुराती रहती, जबकि कई दफ़ा वह आर्थिक तंगी का भी सामना करती. अकेले में जोर-जोर से रोती, ख़ुद ही ख़ुद को समझाती, लोगों की बुरी नज़र से बचती, बेटी की भावनात्मक बातों से दुखी होती, फिर भी ख़ुद को टूटने न देती, दिनोंदिन ख़ुद को मज़बूत करती ही जाती.
प्रिया की पूरी दुनिया उसकी बेटी दीया’श ही थी. वो उसे बहादुर और स्वावलंबी बनना चाहती थी. प्रिया अपनी बेटी को अक्सर उन बहादुर महिलाओं के क़िस्से सुनाती, जिन्होंने जीवन में लाख बाधाओं को झेलकर भी हार नहीं मानी. प्रिया अपनी बच्ची को कई तरह की प्रेरक, बहादुरी से भरी सच्ची कहानियां सुनाती, परियों और अप्सराओं की काल्पनिक कहानियों से उसे दूर ही रखती.
प्रिया हर रोज़ एक नई परेशानी का सामना करती हुई जीवन में आगे बढ़ रही थी. जीवन के संघर्षों से दो-दो हाथ कर ही रही थी और समय का पहिया घूम रहा था. और देखते ही देखते उसकी बेटी अब दस साल की हो गई थी.
आज प्रिया दीया को एक बहादुर लड़की की कहानी सुना रही थी. जो उसकी अपनी ही कहानी थी. उसे लग रहा था कि अब वह समय आ गया है, जब दीया को उसके पिता का सारा सच उसे बता देना चाहिए. वो आज एक कहानी के ज़रिए अपने जीवन की एक-एक सच्चाई दीया को सुना रही थी. यहां कहानी ख़त्म होने ही वाली थी कि बाहर सोसाइटी से रोने-पीटने का अजीब सा शोर सुनाई दिया. पुलिसवाले पूछताछ में लगे थे, मीडिया वाले तस्वीरें उतार रहे थे.


प्रिया बाहर निकली, तो पता चला कि शर्माजी की बेटी नहीं रही. प्रिया ये सुनकर पल भर को भीतर तक हिल गई. उनकी बेटी दो दिन पहले ही प्रिया से मिलने आई थी. वह उसके पास आकर अपनी परेशानी बताती हुई प्रिया से कुछ सलाह-मशविरा लेना चाहती थी. लेकिन मिसेज़ शर्मा ने उसे प्रिया के पास खड़ा देखा और वह अपनी बेटी का हाथ पकड़कर वहां से उसे ले गई. उन्हें डर था कि कहीं उनकी बेटी भी प्रिया की तरह कोई निर्णय न ले ले.
प्रिया आज एकदम चुप थी. शर्माजी की बेटी ने फांसी लगा ली थी, साथ ही अपनी दोनों बच्चियों को भी ज़हर देकर मार डाला था.
बहुत ही डरावना माहौल था. तीन डेथ बॉडी सफ़ेद चादर से ढकी हुई थी. जिनके पास बैठे मिसेज़ शर्मा और मिस्टर शर्मा विलाप कर रहे थे. उनके दोनों बेटे दुखी दिखने का अभिनय कर रहे थे. उनकी पत्नियां भी वही कर रही थीं.
मिसेज़ शर्मा दुख और पछतावे से भरी रो-रोकर सबके गुनाह गिनावा रही थीं. वे बार-बार ये कहती हुई बेहोश हो रहीं थीं, “अरे, मेरी बेटी को मेरा दामाद खा गया. उसने सबसे मदद मांगी मगर किसी ने उसकी कोई मदद नहीं की.”
“काश की मैंने उसे बहादुर बनाया होता… काश मैंने उसे सशक्त बनाया होता, ताकि उसे मायके और ससुरालवालों से भीख मांगकर और ताने सुनकर न रहना पड़ता. मैंने ही उसे ये पाठ पढ़ाया था की पति परमेश्वर होता है.. शादी के बाद मायके में रहना पाप होता है.. लड़कियां अकेले जीवन नहीं गुज़ार सकतीं… हाय राम, मेरे बेटों ने भी बेचारी की कोई मदद नहीं की… मैं पगली भी यही सोचती रही कि सब ठीक हो जाएगा, पर अब क्या करूं? भगवान मेरी बच्ची हमेशा के लिए मुझसे रुठ कर चली गई…”
प्रिया को यह दृश्य देखकर अपनी सारी पुरानी बुरी यादें याद आ रही थीं, जब उसे उसके ससुरालवालों ने चरित्रहीन कहकर निकाला था, जबकि उनका ख़ुद का बेटा यानी प्रिया का पति स्वयं चरित्रहीन था. प्रिया को जब यह बात पता चली, तो उसे बुरी तरह मारा-पीटा गया, ताकि वो चुप रहे, मगर वो चुप रहनेवालों में से नहीं थी. तब मारे डर के उसे उसके पति ने चरित्रहीन औरत कहकर तलाक़ दे दिया.
उस वक़्त उसे उसके पीहर से भी कोई मदद नहीं मिली. लेकिन वो टूटी नहीं उसने अपनी बेटी के साथ अपनी एक अलग दुनिया बनाई.
आज वही घटना एक और लड़की के साथ घटी थी, लेकिन वह लड़की आज समाज से हार चुकी थी.

यह भी पढ़ें: स्त्रीधन क्या है? जानें स्त्रीधन से जुड़े अपने अधिकार (What is Streedhan? How can Women protect her Streedhan rights)

प्रिया के बगल में उसकी बेटी स्तब्ध खड़ी सब देख रही थी. प्रिया ने उसकी तरफ़ देखा और उसे अपने गले से लगा लिया. उसने उसके परिजनों से कोई सहानुभूति नहीं जताई. जैसा कि सब कर रहे थे. वह दीया को लेकर अपने घर गई और बची हुई कहानी को पूरा करते हुई बोली, “बेटा, जो मैं तुझे सुना रही थी वो तेरी ही मां की कहानी है.” देख पर तेरी मां शर्माजी की बेटी की तरह डरी नहीं, बल्कि लड़ी.” ये बोलते ही प्रिया फूट-फूट कर रो पड़ी.


प्रिया की बेटी दीया के मन में आज अपनी मां के लिए इज्ज़त और बढ़ गई. उसे अपनी सिंगल मदर में हर रिश्ता और एक बहादुर मां नज़र आ रही थी. उसे ख़ुद पर गर्व हो रहा था कि वह एक बहादुर सिंगल मदर की बेटी है.

– पूर्ति वैभव खरे

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES


Photo Courtesy: Freepik

डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु. 2600 का फ्री गिफ्ट.

Usha Gupta

Recent Posts

रणबीरची पत्नी म्हणून करिश्मा कपूरला पसंत होती ‘ही’ अभिनेत्री (karishma kapoor wants sonam kapoor to be wife of ranbir kapoor actress share her opinion in coffee with karan show)

सध्या बॉलिवूड अभिनेता रणबीर कपूर त्याच्या आगामी रामायण चित्रपटामुळे बऱ्यापैकी चर्चेत आहे. आपल्या अभिनयाने तो…

April 19, 2024

आई कुठे काय करते मालिका सेट कुठे माहितीये? अनिरुद्धनेच सांगून टाकलं ( Where Is Aai Kuthe Kay Karte Serial Set, Anirudhha Gives Ans)

आई कुठे काय करते मालिकेतील मिलिंद गवळी यांनी काही दिवसांपूर्वी शेअर केलेल्या पोस्टमधून त्यांच्या मालिकेची…

April 19, 2024

अजय देवगण आणि काजोलची लेक नीसा झाली २१ वर्षांची , अभिनेत्रीने शेअर केली भावूक पोस्ट  (Kajol Shares Adorable Post Ahead Of Daughter Nysa Birthday)

अजय देवगण आणि काजोलची मुलगी नीसा देवगणचा उद्या २१ वा वाढदिवस आहे. पण नीसाची आई…

April 19, 2024

जुन्या जमान्यातील अतिशय गाजलेल्या संगीत नाटकावर बनवलेल्या ‘संगीत मानापमान’ चित्रपटाचे पोस्टर प्रदर्शित (Poster Released Of Musical Film “Sangeet Manapman” : Film Based On Old Classic Marathi Play)

जिओ स्टुडिओज आणि सुबोध भावे यांचा बहुप्रतिक्षित संगीतमय चित्रपट "संगीत मानापमान"चे पहिले पोस्टर अलिकडेच प्रदर्शित…

April 19, 2024
© Merisaheli