कहानी- कविता के शब्द 1 (Story Series- Kavita Ke Shabad 1)

“… सेमीफाइनल राउंड में हमारे साथ अब केवल चार गायक बचे हैं. हर राग, हर रागनी, हर मूड और हर रंग के गीत इनसे गवाए जा चुके हैं, जिसमें सभी ने अपनी बेमिसाल प्रतिभा का परिचय दिया है. इनमें से विजेता का निर्णय कर पाना आसान नहीं है, इसलिए सेमीफाइनल में हमने कुछ अलग करने का निर्णय लिया है. कुछ ऐसा जैसा टेलीविजन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ हो.’’

 

 

 

‘‘दोस्तों, पिछले तीन महीने से ‘इंडियाज सुपर सिंगर’ काॅन्टेस्ट को आप लोगों का जो अभूतपूर्व प्यार और सर्मथन मिला है उसके लिए हम आपके शुक्रगुज़ार हैं. हमने भी देश के कोने-कोने से नगीने ढूंढ़कर आपके सामने पेश किए हैं. एक से बढ़कर एक नायाब कलाकार. इन श्रेष्ठ कलाकारों में से सर्वश्रेष्ठ कौन है यह तय कर पाना आसान नहीं था. किन्तु आप सबके वोट और जूरी मेंबर्स की राय से हम अब निर्णायक मोड़ पर आ पहुंचे हैं.
सेमीफाइनल राउंड में हमारे साथ अब केवल चार गायक बचे हैं. हर राग, हर रागनी, हर मूड और हर रंग के गीत इनसे गवाए जा चुके हैं, जिसमें सभी ने अपनी बेमिसाल प्रतिभा का परिचय दिया है. इनमें से विजेता का निर्णय कर पाना आसान नहीं है, इसलिए सेमीफाइनल में हमने कुछ अलग करने का निर्णय लिया है. कुछ ऐसा जैसा टेलीविजन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ हो.’’ इतना कहकर एंकर ने पल भर के लिए रूक कर ऑडिटोरियम में बैठे श्रोताओं पर दृष्टि दौड़ाई. सभी की निगाहें उसी के चेहरे पर टिकी हुई थीं. आर्क लाइट्स और कैमरे के लेंस भी उसी के ऊपर केन्द्रित थे.
मुंबई के शिवाजी ऑडिटोरियम में चल रही इस प्रतियोगिता का आयोजन फिल्मालय स्टूडियो के मालिक प्रसिद्व निर्माता-निर्देशक श्रीकृष्ण गिडवानी द्वारा किया गया था, जिसका लाइव प्रसारण करोड़ों दर्शक देख रहे थे. पिछले तीन महीने में इस प्रतियोगिता में एक से बढ़कर एक गायक सामने आए थे. संगीत की एक अनुपम यात्रा का आनंद दर्शकों को मिला था.

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इस प्रतियोगिता में हर पायदान पर कलाकार की सफलता का निर्णय पचास प्रतिशत दर्शकों के वोटों और पचास प्रतिशत जूरी मेंबर्स द्वारा दिए गए अंकों को जोड़कर होता था.
जूरी के सदस्य प्रसिद्ध संगीतकार कुमार शेखर, गायक रोनित सिंह और गायिका हिमानी चतुर्वेदी थीं. पिछले 15 वर्षों से कुमार शेखर के संगीत का जादू श्रोताओं के सिर पर चढ़कर बोल रहा था. उनका नाम सफलता की गारंटी बन चुका था. उन्हें अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए बड़े-बड़े निर्माता लाइन लगाए रहते थे. पूरी फिल्म इंडस्ट्री पर कुमार शेखर का ज़बर्दस्त दबदबा था. अपनी फिल्मों में मौक़ा देकर उन्होंने रोनित सिंह और मोनिका चर्तुवेदी को भी सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया था.
इंडियाज सुपर सिंगर प्रतियोगिता के विजेता को फिल्मालय स्टूडियो की तरफ़ से एक करोड़ रुपए के ईनाम के साथ अगली फिल्म में गाने का अवसर भी मिलनेवाला था, जिसका संगीत कुमार शेखर दे रहे थे.
‘‘दोस्तों, सेमीफाइनल राउंड में हमने कुछ नया करने का निर्णय लिया है.’’ माइक पर एंकर की आवाज़ एक बार फिर गूंजी.
अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें…


संजीव जायसवाल ‘संजय’

 

 

 

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Usha Gupta

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