तभी पीछे से धम्म से शीना उसी अंदाज़ में बैठते हुए पूरे अधिकार से बोली, "चलो...” चौंककर चश्मा उतारकर सरस…
"मैंने तो बहुत मना किया था, पर मम्मी-पापा...” उसने बात अधूरी छोड़ दी. सरस को लगा उसकी मजबूरी है शादी…
"मैडम, मैं सरस हूं. आपका नीलेश नहीं. और मैं रुहानी से मिलने आया था, पर रुहानी कहां रह गई.” "लगता…
"जल्दी चलो यहां से...” सुनकर सरस ने बिना आव-ताव देखे मोटरसाइकिल मसूरी की तरफ़ दौड़ा दी. मसूरी रोड़ पर वे…
"मोटरसाइकिल पंचर कर दो जी इसकी...” सुमिता बोली, "न रहेगा बांस... न बजेगी बांसुरी, हमेशा बाहर जाने की फिराक में…
हल्का-फुल्का झगड़ा कभी-कभी गंभीर हो जाता. सरस को रुहानी के झगड़े से घुटन होने लगती, ‘यह कोरोना ज़रूर उसकी गर्लफ्रेंड…
"कुछ बात करनी थी. सॉरी कहना था..." मैंने धीरे-से कहा, वो आराम से बोली, "मैंने पहले भी कहा था आपको.…
"कुछ बोलोगी प्लीज़?" मैं बेसब्र हो रहा था, वो मेरी आंखों में आंखें डालकर बोली, "मैंने आपसे कुछ कहा है?…
मुझे बहुत ग़ुस्सा आ रहा था, इस ज़रा-सी घटना को इतना तूल क्यों दिया जा रहा था? मैंने सिंदूर समझकर…
मैं हैरान रह गया था. किस ज़माने में जी रहा है ये परिवार? जैसे-जैसे दिन बीतता गया, मेरी हैरत बढ़ती…
भइया भावविभोर हुए जा रहे थे और मेरे लिए हंसी रोकना मुश्किल हो रहा था. ये चल क्या रहा था?…
चार दिन बाद मैं पगलाया सा सौम्या के घर के बाहर खड़ा हुआ डोरबैल बजाने की हिम्मत जुटा रहा था.…