कमरे में एक विधवा, एक सधवा और एक कुंआरी विचारमग्न बैठी हैं. तीनों उम्र के इस तीसरे पड़ाव पर…
उसकी तोतली बोली पहली बार साम्या के कानों में मिश्री घोल रही थी. उसकी उजली हंसी साम्या की आत्मा पर…
उनका दृढ़ विश्वास था- माता-पिता की सेवा स्वयं की इच्छाशक्ति से होती है. यह पुत्र का कर्त्तव्य है, याद दिलाने…
मैं सोचने लगी- यह एकदम कैसा बदलाव आ गया विजय पाल में. प्रायश्चित के किस क्षण ने उनकी आंखों पर…
पमा मलिक वह आराम से आठ बजे सोकर उठती, चाय पीती,…