लाखों दिलों की धड़कन शाहरुख खान (Shahrukh Khan)के बारे में जानने के लिए उनके फैंस बेताब रहते हैं. उनकी इस…
मॉडर्न लाइफस्टाइल, रोज़ाना की भागदौड़, सब कुछ जल्दी पा लेने की चाह ने हमें सुविधाएं, ऐशोआराम तो भरपूर दिया है,…
बात तौर-तरीक़ों की करें तो न सिर्फ़ बोल-चाल और व्यवहार में वो महत्वपूर्ण है, बल्कि खाना खाने के भी अपने तौर-तरीक़े होते हैंजिनको टेबल मैनर्स और डाइनिंग एटीकेट्स कहा जाता है. अपने घर पर आप चाहे जैसे भी खाना खाते हों लेकिन जब आप सबके साथहों या घर पर मेहमान आए हों या फिर आप कहीं बाहर डिनर या लंच पर गए हों तब इन मैनर्स को फ़ॉलो करना ज़रूरी हो जाता है. क्या हैं ये एटीकेट्स और आप इनके बारे में कितना जानते हैं, ये भी पता करना ज़रूरी है. सबसे पहले तो आपको उठने-बैठने का सही तरीक़ा पता होना चाहिए. कभी भी चेयर पर सलीके से बैठें. चेयर को बहुत ज़्यादा आवाज़ करते हुए न सरकाएं. पैर फैलाकर न बैठें और न ही पैरों को हिलाते रहें बैठे-बैठे.ज़ोर-ज़ोर से न बोलें.खाना आते ही खाना शुरू न कर दें. थोड़ा इंतज़ार करें. खुद को और बाकी लोगों को सेट होने दें और सारी डिशेज़ को आने दें.खाना खाते वक्त बहुत ज़्यादा बातें न करें. धीरे-धीरे खाना खाएं और खाते वक्त मुंह से आवाज़ न करें.मुंह बंद करके खाना खाएं.मुंह में एक साथ ढेर सारा खाना न ठूंसें. छोटे-छोटे बाइट्स लें.बहुत ज़्यादा गर्म खाना न खाएं और न ही मुंह से फूंक मारकर उसे ठंडा करें. बेहतर होगा थोड़ा इंतज़ार कर लें.ध्यान रहे, प्लेट और चम्मचों के आपस में टकराने की आवाज़ ज़्यादा न आए. मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें. बार-बार फ़ोन चेक न करें. उसे एक तरफ़ रख दें.टेबल पर अगर कोई डिश आपसे दूर रखी है तो खुद टेबल पर झुककर उसे लेने की बजाय सामने वाले व्यक्ति से कह दें कि वोआपको ये डिश पास कर दे.टेबल नैपकिन को लैप पर रख लें.नैपकिन अगर छोटा है तो पूरा खोल कर लैप पर रखें और अगर ज़्यादा बड़ा हो तो आधा ही फ़ोल्ड करके रखें.खाना खाने के दौरान बीच में न उठें और अगर उठना ही पड़े तो एक्स्क्यूज़ मी कहकर उठें और नैपकिन को चेयर के पीछे की ओरलटकाकर या चेयर पर ही रखकर जाएं.इसके अलावा आपको कांटे-छूरी यानी फोक और नाइफ़ के सही इस्तेमाल का तरीक़ा भी पता होना चाहिए. घर पर तो हम हाथों से ही खाना खाते हैं लेकिन फ़ॉर्मल डिनर पर हमें कांटे-छुरी का इस्तेमाल करना पड़ता है. दोनों के इस्तेमाल के लिए आपको पता होना चाहिए कि कौन सा किस हाथ में लेना है. दाएं हाथ में छुरी और बाएं हाथ में कांटापकड़ना होता है. लेकिन ये है अमेरिकन स्टाइल. इसी तरह यूरोपियन स्टाइल में कांटा दाएं हाथ में और छुरी बाएं हाथ में पकड़ी जाती है.हमारे देश में आमतौर पर हम सीधे हाथ से ही खाना खाते हैं, ऐसे में आप फोर्क को सीधे हाथ से पकड़ें.अगर खाना इस प्रकार का है कि आपको उसे छुरी से पीसेज़ कट करके खाना है, तो छुरी सीधे हाथ से पकड़ें और उल्टे हाथ मेंफोर्क के इस्तेमाल से खाने के पीस को लेकर खाएं.कभी भी बहुत बड़े-बड़े पीसेज़ न कट करें, छोटे पीस काटकर खाएं ताकि वो सुविधाजनक हो. अगर आपको प्रैक्टिस नहीं है तो जब कभी फैमिली के साथ बाहर जाएं तो कांटे-छुरी का इस्तेमाल करें. आप घर पर भी कभी-कभी ये ट्राई कर सकते हैं ताकि आपको प्रैक्टिस रहे.खाना खाते वक्त कोहनी को टेबल पर टिकाककर ना रखें, इसे बैड मैनर्स माना जाता है.अगर स्पून या नाइफ़ गिर जाए तो तपाक से नीचे झुककर न उठाएं, बल्कि दूसरा रिक्वेस्ट करें.हमेशा फोर्क को प्लेट की बाईं ओर रखें और स्पून व नाइफ़ को प्लेट की दाहिनी तरफ़ रखें.अगर खाने के बीच में छोटा ब्रेक लेना हो तो प्लेट में कांटे को अपने बाएं तरफ तथा छुरी को दाहिनी ओर रखें ताकि वो दोनोंएकदूसरे को प्लेट में क्रॉस करें.इसी तरह यदि आप दूसरी सर्विंग लेना चाहते हैं तो इसके लिए लिए कांटे और छुरी को प्लेट में एक-दूसरे के साथ समानांतररखें ताकि प्लेट में और खाने के लिए जगह बने और वेटर भी समझ जाए कि आप दूसरी सर्विंग के लिए प्लेट आगे कर रहे हैं.खाना पूरा होने पर आप छुरी और कांटे को एक-दूसरे के समानांतर यानी पैरेलल प्लेट में तिरछा रखें. अगर आपको फोर्क से खाना असुविधाजनक लग रहा हो तो स्पून की मांग करें. इसमें शर्म या संकोच न करें.कांटे और छुरी को ताक़त लगाकर इस्तेमाल न करें, इसकी एक अलग तकनीक होती है, जिसे आप प्रैक्टिस से सीखकरमहारत हासिल कर सकते हैं.खाने का बाइट कट करने के लिए अगर आप ताक़त या ज़ोर आज़माइश करेंगे तो हो सकता है प्लेट या खाना नीचे गिर जाए.कभी भी बातें करते हुए हाथों में नाइफ़ और फोर्क लेकर हाथों से इशारे न करें. सूप पीने की और बाकी चीजों की चम्मचों में फर्क होता है. सूप के लिए सूप के स्पून का ही इस्तेमाल करें.स्पून की तरह प्लेट्स के साइज़ भी खास चीज़ों के हिसाब से होते हैं. छोटी प्लेट रोटी या ब्रेड आदि के लिए होती है और बड़ीप्लेट बाकी चीज़ों के लिए, लेकिन अक्सर लोग रोटी को बड़ी प्लेट में रखने की गलती करते हैं.खाना खा लें तो नैपकीन हमेशा टेबल के दांए तरफ रखें.लेकिन खाना ख़त्म होते ही फ़ौरन उठें नहीं, बल्कि बाकी लोगों का मील कम्प्लीट होने का वेट करें.नैपकिन से हाथ और होंठ हल्के से पौंछें. कई लोग उसे टावेल की तरह इस्तेमाल करने की गलती करते हैं. कुछ चीजें हैं जिनको हाथ से खाया जा सकता है, लेकिन उसे सलीके से खाएं.कोशिश करें कि उंगलियां बहुत ज़्यादा गंदी न हों और अगर थोड़ा खाना लग भी गया है तो उंगलियों को चाटने की गलती न करें.अगर होटेल में खाना खाने गए हैं तो कभी भी वेटर को भैया या सुनो या फिर इधर आओ जैसे वाक्यों से बचें. इंतज़ार करें या फिरपास में कोई फ्री वेटर हो तो उसकी ओर देख लें वो समझ जाएगा. उसे हाथ के इशारे से भी बुलाने से बचें.अगर किसी के घर गए हैं खाने पर तो बिना तारीफ़ किए न लौटें. खाने और मेज़बानी की प्रशंसा ज़रूर करें. चीकू शर्मा
हममें अधिकतर लोग मेटाबॉलिज़्म की तरफ़ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेटाबॉलिज़्म के…
बच्चे कितने नटखट और प्यारे होते हैं उतना ही मुश्किल होता है उनको हेल्दी चीज़ें खिलाना (healthy food for kids) और हेल्दी एक्टिविटी (healthy activity) में व्यस्त रखना. और आज के टाइम में तो ये और भी चैलेंजिंग हो गया है क्योंकि बाहरी आकर्षण इतने सारे हैं कि बच्चे उन्हीं की ओर आकर्षित होते हैं. मोबाइल, लैपटॉप से लेकर पिज़्ज़ा, बर्गर जैसी चीज़ें (junk food) उन्हें ज़्यादा लुभाती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि बच्चों को स्वाद और वेरायटी (variety) के साथ हेल्दी खाना (healthy diet) दिया जाए, साथ ही फ़न के साथ फ़िज़िकल एक्टिविटी (physical activity) भी कराईजाए. इसके अलावा उन्हें होम रेमेडीज़ (home remedies) दी जाएं, ताकि वो केमिकल से बचे रहें. दही खाने की आदत शुरू से डालें. आप दही में ककड़ी, टमाटर या ड्राई फ़्रूट्स मिक्स करके दें. चाहें तो लौकी यागाजर का रायता बनाकर दें. ये प्लेन दही की बजाय ज़्यादा कलरफुल और टेस्टी दिखता है, जिससे बच्चों को ये…
रमज़ान का पाक महीना चल रहा है, इसमें अकीदत पूरे महीने रोज़ा रखते हैं, सूर्यास्त तक ना तो कुछ खाते हैं और…
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