महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और पति द्वारा उनसे मार पीट करने के तो कई मामले आये हैं और इसके लिए बाकायदा कानून भी है,…
महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और पति द्वारा उनसे मार पीट करने के तो कई मामले आये हैं और इसके लिए बाकायदा कानून भी है, लेकिन यदि पुरुष के साथ घरेलू हिंसा हो तब? राजस्थान के अलवर में एक पत्नी द्वारा पति की बैट और तवे से बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद ये बहस शुरू हो गई है कि क्या पत्नी द्वारा पति की पिटाई का मामला भी घरेलू हिंसा के तहत आता है? और अगर ऐसा है तो पति क्या स्टेप ले सकता है?
जानें क्या है पूरा मामला?
पत्नी द्वारा पति की पिटाई डोमेस्टिक वॉयलेंस के तहत आता है?
डोमेस्टिक वॉयलेंस यानी घरेलू हिंसा कानून सिर्फ महिलाओं के लिए है. इसलिए पतियों के साथ पत्नी द्वारा मारपीट के मामले डोमेस्टिक वॉयलेंस के तहत नहीं आते, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि पति इसके खिलाफ एक्शन नहीं ले सकता.
चुप न रहें, इस तरह लें एक्शन
हमारे समाज् से आज भी महिलाएं इस तरह की प्रताड़ना के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं, क्योंकि उनके लिए कई कानून बने हुए हैं, लेकिन पत्नी द्वारा प्रताड़ना के ज़्यादातर मामलों को पुरुष चुपचाप सहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बात पर कोई यकीन नहीं करेगा और उन्हें कोई कानूनी मदद भी नहीं मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं है. पति भी सबूत के साथ पत्नी के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.
कैसे और कहाँ करें शिकायत?
क्या धाराएं लागू होंगी
चोट लगने पर धारा 319, गंभीर चोट लगने पर धारा 320, किसी हथियार से चोट पहुंचाने पर धारा 323 और झूठे सबूत पेश कर फंसाने के मामले में आईपीसी की धारा 193 के तहत मामला दर्ज़ किया जा सकता है.
पति पत्नी के खिलाफ शिकायत कब कर सकता है?
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…