यदि पंचांग की बात करें, तो उससे तात्पर्य यह होता है कि जहां ज्योतिष ग्रह, नक्षत्र द्वारा सौभाग्य, शुभ आदि के बारे में बताते हैं. हमारी कामयाबी, सौभाग्य, सुख आदि को भी पंचांग से राशि और ग्रह के हिसाब से लिखा और देखा-समझा जाता है. लेकिन यहां हम आम पंचांग की बात नहीं, बल्कि सेहत के पंचांग की बात कर रहे हैं. जहां हमें स्वस्थ रहने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ज़रूरत पड़ती है.
कहते है ना, मन चंगा तो कठौती में गंगा.. उसी तरह से हमें तन और मन दोनों पर ही काम करना होता है, ताकि हमारे सेहत का पंचांग बढ़िया रहे और हम बेहतर ज़िंदगी जी सकें. जिंदगी को ख़ूबसूरत और आनंददायक बनाने के लिए स्वस्थ रहना भी बहुत ज़रूरी होता है. और यह सेहतमंद जीवन तब सार्थक होता है, जब हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं. हमारे खानपान पर ध्यान देते हैं. यह सब संतुलित जीवन के कारण संभव हो सकता है. जहां खानपान, योग, प्राणायाम से लेकर एक्सरसाइज़ बेहद महत्वपूर्ण है. इन्हें ख़ूबसूरती से मैनेज करने से जीवन जीना आसान हो जाता है और हम स्वस्थ भी रहते हैं. वैसे भी मानी हुई बात है कि सेहत के लिए नियम के अनुसार चलते हैं, तो सब कुछ व्यवस्थित और सुचारू रूप से हो जाता है.
सुबह से ही सकारात्मक शुरुआत…
दिन की शुरुआत पॉज़िटिव विचार से करें. फिर सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना सेहत के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद रहता है. तमाम लोगों ने भी इसे प्रमाणित किया है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी भी इसे फॉलो करते हैं. शोधों में भी पानी के महत्व को बहुत ही बारीकी से समझा और बताया गया है. इसमें कोई दो राय नहीं कि सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना हमारे बॉडी के टॉक्सिन को भी दूर करता है और हमें एक अच्छे दिन की शुरुआत भी देता है. तो सुबह-सवेरे उठते हैं गुनगुना पानी ज़रूर पिएं. इसे आज़माएं और देखें, परिणाम आपके सामने होगा.
दिन की इस शुरुआत के बाद कोशिश करें कि अपने सुबह के नाश्ते में फल ज़रूर लें. फिर वह मौसमी फल का जूस हो या कोई भी फल. वो आपके शरीर को भी सूट करता हो, इसका भी ध्यान रखें. जैसे कुछ लोगों को कुछ फल डाइजेस्ट नहीं होते या फिर वे पसंद नहीं करते, तो उसे ना खाएं. वही फल खाएं, जो आपके लिए और आपके शरीर के लिए ठीक हो यानी आसानी से हज़म होनेवाला फल प्यार से खाएं.
प्राणायाम, योग, एक्सरसाइज़ और ध्यान भी बेहद ज़रूरी है, इसलिए अपने नियमित दिनचर्या में इसे भी शामिल करें. थोड़ी देर अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, कपालभाति ज़रूर करें. और सूर्य नमस्कार करें, तो बहुत ही अच्छी बात है. इसके अलावा हल्का-फुल्का वर्कआउट भी करें. हर वर्कआउट करते समय पेट खाली रहे यानी भोजन किया हो, तो दो या डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद ही करें. सुबह करें तो और भी अच्छा है, पर अगर दोपहर-शाम करते हैं, तो ध्यान रहे कि खाने में डेढ़ घंटे का अंतराल ज़रूर हो.
योग प्राणायाम के महत्व को योगाचार्य बाबा रामदेव ने बख़ूबी समझाया है. वे हमेशा ही इस पर ज़ोर देते आ रहे हैं. उनका कहना भी है कि जो नियमित रूप से योग-प्राणायाम करते हैं, वे स्वस्थ रहते हैं और अपने आसपास के माहौल को भी स्वस्थ बनाते हैं. हमारे योग और वर्कआउट आदि करने से हमें ही नहीं, बल्कि हमारे अपनों और माहौल को भी एक पॉजिटिव वाइब्रेशन मिलता है. सकारात्मक माहौल बनता है. अतः रोज़ के दिनचर्या में इसे शामिल करे.
पौष्टिक भोजन.. स्वस्थ जीवन..
खानपान की बात करें, तो कभी-कभार जंक फूड खा लिया, तो कोई बात नहीं, पर इसे आदत ना बनाएं. आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि रोज़ के भोजन में सलाद, हरी सब्ज़ियां, दाल-रोटी, दही, छांछ अवश्य हो. चोकर आटे की रोटी खाएं. चावल सीमित मात्रा में लेते हैं, तो अच्छा है. भोजन संतुलित और पौष्टिकता से भरपूर होना चाहिए. नॉनवेज खाने वाले मांस से परहेज़ करे, तो बेहतर है. आजकल बर्ड फ्लू का प्रकोप जो फैला हुआ है. वे अपने इस स्वाद के लिए सोयाबीन, मशरूम आदि की सब्ज़ी ले सकते हैं.
अच्छी सेहत के लिए हेल्दी फूड के साथ-साथ अच्छी नींद और खानपान का बहुत महत्व दिया गया है. अगर हम गौर करें, तो हमारे जो बड़े-बुजुर्ग थे वह अपने सही खानपान की वजह से ही ज़िंदगीभर स्वस्थ और मस्त रहे. उनका पौष्टिक भोजन उन्हें निरोग बनाए रखता था, पर वक़्त के साथ चीज़ें बदली हमारे खानपान में जंक फूड का ज़्यादा शामिल हो गया. और वो सेहत को प्रभावित करने लगा. इसलिए जब हम सेहत के पंचांग की बात करते हैं, तो उसमें हमारे खानपान को बहुत ध्यान देने की ज़रूरत होती है.
यह हमारे सेहत का राज़ भी है कि हम सही भोजन करें और बढ़िया नींद लें. नींद का भी स्वस्थ शरीर से लेना-देना है. तनाव और जीवन की भागदौड़ में हम नींद कोई भूलते से जा रहे हैं. बहुत कम नींद लेने लग गए हैं. इसका जाने-अनजाने में हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. इसलिए कोशिश करें कि तनावमुक्त होकर अच्छी नींद लें, फिर चाहे वह 6 घंटे की भी क्यों ना हो.
धूप है ज़रूरी…
शरीर को विटामिन डी की बहुत ज़रूरत होती है, जिससे हड्डियां मज़बूत होती हैं. इसके लिए खानपान तो ठीक है, पर धूप भी ज़रूर लें. सुबह की धूप तो बेहद ज़रूरी होती है. हर रोज़ कुछ देर तक यानी 20-25 मिनट धूप में बैठें. शाम की भी थोड़ी धूप ली जा सकती है, पर सुबह का लेना अधिक फ़ायदेमंद रहता है. इसे भी अपने रूटीन में शामिल करेंगे, तो सेहत के साथ-साथ शरीर की हड्डियां और बाकी चीज़ें भी मज़बूत होंगी.
मन की सुध भी लें…
तन का मन से भी काफ़ी संबंध रहा है. यदि मन हमारा दुखी, परेशान और हलचल में है, तो शरीर पर उसका प्रभाव पड़ता ही है. इसलिए कोशिश करें कि अपने मन को भी स्वस्थ रखें. स्वस्थ रखने से तात्पर्य है कि काम, क्रोध, मोह लोभ इनसे दूर रहने का प्रयास करें. तनावमुक्त रहें. यदि तनाव हो भी रहा है, तो मेडिटेशन करें यानी थोड़ा ध्यान करें. इससे तनाव दूर होगा और मन भी शांत होगा. रोज़ कम से कम 10-15 मिनट ध्यान में बैठे. एकाग्र होकर शांत मन से ब्रह्मांड की शक्ति का ध्यान करें. जो आपको आशीर्वाद दे रहा है.. जो आपको निर्मल कर रहा है.. आपके मन को शुद्ध कर रहा है.. आपकी सोच और विकारों को दूर कर रहा है.. मन से रोज़ कुछ देर ध्यान ज़रूर करें. मन को सभी बुरे विचारों व विकारों से मुक्त करने के लिए अपने मन को खाली करें. आपके मन में कोई राग, द्वेष, ईर्ष्या, घृणा नहीं हो, यदि है, तो उसे दूर करें, बाहर निकालें. और जब आप अपने मन को उन सब चीज़ों से परे करते हैं और शुद्ध करते हैं, तब आपके सोच-विचार सकारात्मक होते जाते हैं. बेहतर बनते जाते हैं. इसका अप्रत्यक्ष रूप से आपके शरीर पर प्रभाव पड़ता है. शरीर स्वस्थ और निरोगी बनता है. इसलिए आपको अपने सेहत के पंचांग में मन को मज़बूत करने पर भी काम करना होगा. रोज़मर्रा के अपने दिनचर्या में ध्यान यानी मेडिटेशन को भी कुछ समय देते रहना होगा. अगर आपकी व्यस्तताभरी दिनचर्या है, तो जब भी आपको समय मिलता हो, चाहे वह सुबह या रात को सोने से पहले का समय ही क्यों ना हो करें. 10-15 मिनट ही सही थोड़ी देर अपने आपको एकाग्र होकर ध्यान करें.
सेहत के स्मार्ट ट्रिक्स
– ऊषा गुप्ता
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