6 प्रभावी तरीक़े जो आपकी किडनी को स्वस्थ रखेंगे (6 Ways To Keep Your Kidneys Healthy)

किडनी या गुर्दे हमारे शरीर का सबसे सक्रिय और महत्वपूर्ण अंग हैं. यह एक प्राकृतिक फिल्टर प्रणाली है, जो हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालती है. इसकी कार्य प्रणाली भी काफ़ी जटिल है. यह यूरिन द्वारा विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकलती है, साथ ही यह शरीर में पानी कि तरलता, खनिजों की मात्रा को नियंत्रित करने और अम्ल एवं क्षार का संतुलन बनाए रखने का कार्य भी करती है. इसकी कार्यक्षमता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह प्रति मिनट 1200 मिली खून को साफ़ करती है और पूरे 24 घंटे में लगभग 1700 लीटर खून को शुद्ध करती है. किडनी के बारे में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी, डॉ. मनोज अरोड़ा ने विस्तृत जानकारी दी.

आधुनिक जीवनशैली के साथ हमारे खानपान, रहन- सहन में काफ़ी परिवर्तन आने से इसका किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ा है, ख़ासकर जंक फूड का अधिक सेवन और शारीरिक कार्यों में शिथिलता. जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी और हानिकारक तत्वों की अधिकता होती है. शारीरिक शिथिलतावाले कार्यों की अधिकता के कारण मधुमेह और रक्तचाप जैसी बीमारियां बढ़ रही है, जो गुर्दे को नुक़सान पहुंचा रही हैं.
गुर्दे की बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है, इसलिए इसको सेहतमंद रखना ज़रूरी है और यह जानना भी ज़रूरी है कि इसे नुक़सान पहुंचानेवाले प्रमुख कारण कौन-से हैं.


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डायबिटीज़
गुर्दे की बीमारी के लिए डायबिटीज़ यानी मधुमेह सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार है. डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में रक्त से शुगर को अलग करने के लिए गुर्दे को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है, जिससे किडनी पर दबाव बढ़ जाता है. अगर यह दबाव लंबे समय तक किडनी को झेलना पड़े, तो किड़नी के डैमेज का ख़तरा बढ़ जाता है.

उच्च रक्तचाप
उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर गुर्दे की बीमारी का एक और प्रमुख कारण है. आज के समय में 27 प्रतिशत गुर्दे ख़राब होने के पीछे हाई ब्लड प्रेशर ज़िम्मेदार है.

व्यायाम की अधिकता
व्यायाम की अधिकता के कारण गुर्दे के ऊपर अनावश्यक भार पड़ता है, जिसके कारण उसे अपनी क्षमता से ज़्यादा कार्य करना पड़ता है, जिससे इसके फेल होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

धूम्रपान
धूम्रपान वैसे तो शरीर के कई अंगों पर नुक़सान पहुंचता है, मगर यह किडनी फैलियर के लिए भी ज़िम्मेदार है. तम्बाकू, गुटका आदि के सेवन से रक्तवाहिकाओं में सिकुड़न आने लगती हैं. इससे किडनी को हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में दिक़्क़त होने लगती है, जिसके कारण यूरिन में प्रोटीन जाने लगता है और गंभीर किडनी विकार उत्पन्न होता है.

दवाओं का अनुचित सेवन
बिना डॉक्टरी सलाह के दवाओं का अनुचित सेवन किडनी को नुक़सान पहुंचाता है. दर्दनिवारक दवाओं का सबसे ज़्यादा बुरा असर किडनी पर पड़ता है. इसके अलावा अन्य दवाएं अगर बिना डॉक्टरी परामर्श के ली जाए, तो वो भी किडनी ख़राब होने का कारण बनती है.

किडनी जब तक 50 प्रतिशत तक ख़राब नहीं हो जाती इसके लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए हमे सावधान रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की ज़रूरत है.


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किडनी को ऐसे रखें हेल्दी और फिट

नियमित व्यायाम
नियमित और सही तरीक़े से किया गया व्यायाम शरीर को फिट रखता है. कई शोधों में इस बात कि पुष्टि हुई है कि प्रतिदिन व्यायाम से क्रॉनिक किडनी की बीमारी या किडनी से संबंधित दूसरी बीमारियों का ख़तरा कम किया जा सकता है. व्यायाम से रक्तचाप सामान्य रहता है. व्यायाम के सामान्य तरीक़े भी इसमें कारगर हैं, जैसे- रोज़ चलना, साइकिल चलाना, दौड़ना और डांस करना.

भरपूर पानी पीना
पर्याप्त मात्रा में पानी के सेवन से शरीर में पानी की आवश्यक मात्रा बनी रहती है, जिससे विषैले पदार्थों को यूरिन के द्वारा बाहर निकालने में किडनी को आसानी होती है. प्रतिदिन डेढ़ से दो लीटर पानी का सेवन किडनी को स्वस्थ्य रखता है.

ब्लड शुगर की नियमित जांच
ब्लड शुगर की नियमित जांच से खानपान को नियंत्रित कर ब्लड शुगर को नियंत्रण करने में आसानी होती है. इसके साथ ही शुगर को कम मात्रा में सेवन करना फ़ायदेमंद होता है.

वज़न नियंत्रित रखें
वज़न की अधिकता से हृदय और किडनी दोनों को ज़्यादा क्षमता से कार्य करना पड़ता है. हमें अपने वज़न को संतुलित रखने की हमेशा कोशिश करना चाहिए. इसके लिए हम स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं, जैसे- खानपान, व्यायाम, योगा आदि.

ब्लड प्रेशर रखे नियंत्रित
ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक का ख़तरा तो बढ़ता ही है, साथ ही किडनी के ख़राब होने का भी ख़तरा बढ़ जाता है. इसलिए ब्लड प्रेशर का मानक स्तर 120/80 mmhg बनाए रखे. मानक स्तर बने रहने से किडनी पर दबाव कम पड़ेगा.

दवाइयों के अधिक सेवन से बचें
दवाइयों का सेवन बिना डॉक्टरी परामर्श के और लंबे समय तक ना करें, ऐसा करने से किडनी के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है. दवाओं का बेवजह इस्तेमाल यूरिक एसिड का संतुलन भी ख़राब कर सकता है. इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपनी प्रतिरोधक शक्ति को बूस्ट करने के लिए प्राकृतिक तरीक़ा अपनाए और आदर्श जीवनशैली का पालन करें.

Photo Courtesy: Freepik

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Usha Gupta

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