रमज़ान का पाक महीना चल रहा है, इसमें अकीदत पूरे महीने रोज़ा रखते हैं, सूर्यास्त तक ना तो कुछ खाते हैं और ना ही कुछ पीते हैं. जो लोग रोज़ा रख रहे हैं वे सूर्यास्त के बाद इफ्त़ार की रस्म के बाद अपना उपवासतोड़ सकते हैं. लगातार 30 लंबे और गर्म दिनों तक बिना कुछ खाए-पिए रोज़ा करना चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में डायबिटीज रोगियों को अतिरिक्त ध्यान रखने और अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने की जरूरत होती है.
रोज़ा की प्रकृति और इस दौरान जिस तरह की चीजें खाने की इजाजत है, उसको देखते हुए उपवास के साथ डायबिटीज को मैनेज करना काफी मुश्किल है.
डॉ. ज्योतिदेव केशवदेव, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ज्योतिदेव्स डायबिटीज रिसर्च सेंटर का कहना है, “डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जिसमें नियमित रूप से नजर रखने की जरूरत होती है, ताकि आपके ग्लूकोज का स्तर सामान्य रेंज में रहे और घटने-बढ़ने की प्रक्रिया जितना संभव हो उतना कम हो. रमज़ान के दौरान, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को लगातार ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि रोज़ा रखने पर वे 10-12 घंटे तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं.”
मौजूदा समय में कई ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस मौजूद हैं जो मधुमेह से पीड़ित लोगों को उनके 24 घंटे के ग्लूकोज प्रोफाइल को समझने में मदद करते हैं. कोई भी निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग कर सकता है जो आपको कई बार चुभने के दर्द से बचने में मदद करता है और यह बहुत तेज और सटीक है. फ्री स्टाइल लिबरे जैसे सुविधाजनक पहनने योग्य उपकरण हैं जो वास्तविक समय में ग्लूकोज रीडिंग प्रदान करते हैं, इस प्रकार इफ्तार के दौरान और सेहरी के समय ग्लूकोज लेवल दिखते हैं.
रोज़ा के समय संतुलित आहार लेना और एक सेहतमंद जीवनशैली का पालन करना उतना ही महत्वपूर्ण है.
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- इफ्तार और सेहरी के दौरान किन चीजों को शामिल करें- इफ्तार का खाना ऐसी चीजों के साथ शुरू करें जोकि सिंपल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हो और शरीर तुरंत ही उसे अवशोषित कर ले जैसे 1-2 खजूर या दूध, इसके बाद कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट लें जैसे ब्राउन राइस और चपाती. सेहरी के दौरान, साबुत अनाज, सीरियल, सब्जियां ले सकते हैं और जितना हो सके उतनी देरी से लें. अगर चाहें तो मछली, टोफू और नट्स जैसे लीन प्रोटीन ले सकते हैं, क्योंकि ये ऊर्जा देते हैं. अंत में सोने से पहले एक गिलास दूध या फल लेने से सुबह तक शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
- एक्सरसाइज रूटीन: अपने एक्सरसाइज रूटीन को बनाये रखने की कोशिश करें, लेकिन रोज़ा रखने के दौरान वर्कआउट की फ़्रीक्वन्सी कम कर दें. यदि ट्रेनिंग बहुत मुश्किल है तो वॉक या योगा जैसे सौम्य एक्सरसाइज कर सकते हैं. रमज़ान के दौरान रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से मसल्स की क्षति को रोकने में मदद मिल सकती है.
- सोने का तरीका- पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है. नींद की कमी से हंगर हॉर्मोन प्रभावित हो सकता है, जिससे खाने वाले समय के दौरान हाई-कैलोरी फूड लेने से खुद को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाता है. मेटाबॉलिक प्रक्रिया के लिये भी सोना जरूरी है. यह बात सामने आई है कि डायबिटीज मैनेजमेंट के लिये ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है.
भले ही डायबिटिक लोगों के लिये रमज़ान के दौरान रोज़ा करना एक व्यक्तिगत पसंद है, लेकिन यदि कोई रोज़ा रखता है, तो एक सुरक्षित और सफल त्यौहार का आनंद लेने के लिये पहले से योजना बनाना और तैयार रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. और यदि आपका ब्लड शुगर कम हो जाता है, तो उचित उपचार के लिये अपने डॉक्टर से परामर्श करना सही होगा.