कहानी- चार स्त्रियां (Short Story- Char Striyan)

  मातृत्व- एक छोटा-सा शब्द, जो अपने आप में पूरा संसार समेटे है. यह एक जादुई शब्द है, एक जादुई…

December 31, 2016

पंचतंत्र की कहानी- कौआ और उल्लू (Panchtantra Story- The Owl and The Crow)

बहुत समय पहले की बात हैं, एक जंगल में विशाल बरगद का पेड़ कौओं की राजधानी थी. हजारों कौए उस…

December 31, 2016

कहानी- आज की लड़की (Short Story- Aaj ki ladki)

"क्या इससे तुम बदनामी से बच जाओगी?” “यही तो वो प्रश्‍न है, जिससे बचने के लिए सदियों से निर्दोष स्त्री…

December 29, 2016

कहानी- तुम्हारी मंजूषा (Short Story- Tumhari Manjusha)

काश! पहले यह अंतर समझ आ जाता कि यह ‘पज़ेसिवनेस’ नहीं ‘प्रोटेक्टिवनेस’ है, तो बात कुछ और ही होती. क्यों…

December 27, 2016

कहानी- परसत मुक्ति (Short Story- Parsat Mukti)

“आपने केवल मेरी अपवित्र देह देखी, पवित्र और क्षत-विक्षत मन नहीं. ठीक है, मेरे शरीर पर किसी और ने अधिकार…

December 24, 2016

पंचतंत्र की कहानी- चतुर खरगोश और शेर (Panchtantra Story- The Cunning Hare and the Lion)

किसी घने जंगल में एक बहुत बड़ा शेर रहता था. वह रोज़ शिकार पर निकलता और एक-दो नहीं, कई-कई जानवरों…

December 24, 2016

कहानी- शेष जीवन… (Short Story- Shesh Jeevan)

अपने चेहरे की घबराहट को किससे छुपाना चाहती है संध्या. यहां तो उसके सिवाय और कोई भी नहीं. उसकी बेटी…

December 22, 2016

कहानी- पीड़ा की मुक्ति (Story- Peeda ki mukti)

नारी होकर भी तुम नारी के मन की व्यथा को समझ नहीं पा रही थीं. हां, शायद इसमें बाबूजी की…

December 20, 2016

कहानी- कितने गुलाब? (Story- Kitne Gulab)

मां की तस्वीर के आगे गुलाब रखा, तो आंखों के कोर पर कुछ गरम-गरम उमड़ आया था. मां का गहरा…

December 17, 2016

पंचतंत्र की कहानी- चापलूस मंडली (Panchtantra Story- Fawning coterie)

जंगल में एक शेर रहता था. उसके चार सेवक थे चील, भेड़िया, लोमड़ी और चीता. चील दूर-दूर तक उड़कर समाचार…

December 17, 2016
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