“नहीं बीबीजी! ये चिड़िया जानती थी कि एक दिन बच्चे उड़ जाएंगे. देखो उस चिड़िया को न कोई दुख है,…
“उसे शायना की कहानी पता चल गई थी. उसने फिर भी मुझसे कभी स्पष्टीकरण नहीं मांगा. क्या मांगती भला जो…
‘छोटी-सी ज़िंदगी है हर बात में ख़ुश रहो’ साधना गुनगुना रही थी. कितनी सहज है वह... अभी इतनी बहस हुई,…
“प्रकाश, अगर मैं चाहती तो ज़िंदगीभर ख़ामोश रहती, लेकिन इससे प्रो. कुमार का हौसला बढ़ जाता. वे किसी दूसरे शिकार…
“अरे, इसने मेरी सहेली प्रज्ञा को बड़ा परेशान किया था. उसके पापा ने पूरी छानबीन कर इसके बारे में…
“चंचल बालक, भविष्य में अधिक नहीं झांकना चाहिए. मनुष्य भाग्यवादी हो जाता है. स्वभाव में अकर्मण्यता आती है. अपने…
“उस जैसी महत्वाकांक्षी लड़कियां ऑफिस के बंद चैंबरों में तो अच्छी लगती हैं, पर घर के आंगन में नहीं. तुम…
मां! जीवन के कुछ अनुभव अकथनीय और अवर्णनीय होते हैं. बताते समय शब्द ढूंढ़ने पड़ते हैं. एक स्त्री ही स्त्री…
उषा वधवा “क्या-क्या दिखाई दे रहा है?” हर एक को आसपास बैठे-खड़े लोग,…
साधना राकेश “क्योंकि यह आज के बच्चे की मांग है. उसका एक दायरा है. एक…